रोहतक: कोरोना महामारी के चलते शिक्षा विभाग हरियाणा ने करोना बचाओ गाइडलाइन का पालन करते हुए आज स्कूल खोलने के निर्देश दिए हैं. लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुलने के बाद बच्चों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि जो पढ़ाई क्लास में बैठकर हो सकती है वो ऑनलाइन संभव नहीं हो पा रही है. वह चाहते हैं कि नियमित रूप से स्कूल खोलें तो उन्हें काफी अच्छा लगेगा.
उधर अध्यापकों का कहना है कि सरकार के दिशा निर्देशानुसार ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है, लेकिन सभी विद्यार्थी इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं, कईयों के पास स्मार्टफोन नहीं है तो कई इस में ध्यान नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल में आने वाले बच्चों के लिए कोरोना नियमों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. हालांकि अभी नियमित कक्षाएं लगाने के निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं, जिन बच्चों की पढ़ाई संबंधी कोई भी समस्या है वह बच्चा स्कूल टाइम में कभी भी आ सकता है.
'नहीं लग रही हैं नियमित कक्षाएं'
गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल प्रवीन दहिया ने जानकारी दी कि विभाग के निर्देशानुसार आज स्कूल खुले हैं, लेकिन अभी नियमित रूप से कक्षाएं लगाने का निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं. जो बच्चे अपनी पढ़ाई संबंधी समस्याएं लेकर अध्यापक के पास आ रहे हैं. उनसे कोरोना बचाव के नियमों का पालन करवाया जा रहा है. जो भी बच्चा स्कूल में पहुच रहा है उससे मास्क लगवाया रहा है, उनके हाथ सैनिटाइज करवाए जा रहे हैं और उनका टेंपरेचर भी चेक किया जा रहा है.
'ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चे नहीं ले रहे रूची'
प्रिंसिपल ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है, लेकिन इसका फायदा सभी बच्चों को नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि कई बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है और कई बच्चे इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं. अगर नियमित क्लास लगती हैं तो बच्चों को पढ़ाई में फायदा जरूर होगा, लेकिन उनका आगे प्रयास रहेगा कि थोड़े समय में बच्चों का ज्यादा सिलेबस कवर करवाया जा सके.
'स्कूल खुलने से विद्यार्थी भी हैं खुश'
कोरोना महामारी के चलते आज काफी लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुले हैं. स्कूल खुलने के बाद स्कूल में पहुंचे बच्चों ने खुशी जाहिर की. उन्हें आज बहुत अच्छा लग रहा है कि वह आज अपने अध्यापकों से रूबरू हो पा रहे हैं. क्योंकि जो पढ़ाई कक्षा में बैठकर हो सकते हैं वह ऑनलाइन संभव नहीं हो पा रही है. वह चाहते हैं कि स्कूल नियमित रूप से खुले ताकि उनकी पढ़ाई में नुकसान ना हो.
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