रोहतक: सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के अधिकारी और कर्मचारी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पोर्टल में कमी के विरोध में उतर आए हैं. अधिकारियों व कर्मचारियों ने सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन एवं सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक इम्प्लाइज यूनियन के बैनर तले शनिवार को रोहतक में सेक्टर-3 स्थित प्रधान कार्यालय के बाहर धरना दिया. इस धरने में प्रदेश भर से अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए. इस दौरान पोर्टल में खामियों को लेकर बैंक प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. बाद में बैंक प्रबंधन को इस बारे में ज्ञापन भी दिया गया.
कर्मचारियों ने इस ज्ञापन में पोर्टल से जुड़ी समस्या के अलावा अन्य मांगों का भी जिक्र किया है. बातचीत के जरिए सभी मुद्दों को सुलझाने का अनुरोध किया गया है, अन्यथा मांगें न माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव संदीप बेनीवाल ने कहा कि पिछले कुछ समय से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पोर्टल सही तरीके से नहीं चल रहा है. प्रबंधन को इसकी जानकारी भी दी गई लेकिन प्रबंधन ने अधिकारियों व कर्मचारियों पर ही काम ना करने का आरोप लगाया और गलती के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहरा दिया. उन्होंने कहा कि बैंक प्रबंधन से समस्या से समाधान की मांग की गई लेकिन किसी भी प्रकार का लिखित आश्वासन नहीं दिया जा रहा है.
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सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक की असिसटेंट मैनेजर बरखा ने कहा कि पोर्टल के सही तरीके से काम ना करने के चलते उन्हें दिक्कत आ रही है. पोर्टल में दिक्कत को तुरंत दूर किया जाना चाहिए. फिलहाल एक दिवसीय धरना दिया गया है. अगर समाधान नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा. वहीं कर्मचारी नेता अमित कुमार सिंधु ने कहा कि कर्मचारियों के पास आंदोलन करने के लिए समय नहीं है. कर्मचारी तो जनता की सेवा के लिए हैं लेकिन उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर किया जा रहा है.
कर्मचारियों का ये भी कहना है कि वे पिछले लंबे समय से कर्मचारी हितों की मांगों को लेकर लगातर प्रबंधन को अवगत करा रहे हैं लेकिन प्रबंधन द्वारा लगातार टालमटोल का रवैया अपनाया जा रहा है, जबकि रूटीन के कार्य के लिये अनुचित दबाब बनाया जाता रहा है, जिसके चलते बैंक में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों ने आंदोलन का रूख अपनाया है. अन्य थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स को लेकर भी जो अनावश्यक दबाब बनाया जा रहा है, उसे खत्म किया जाए. स्टाफ को फर्जी शिकायतों के आधार पर जिम्मेदार ठहराया जाना बंद किया जाए.
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