रोहतक: कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने रविवार को कलानौर विधानसभा क्षेत्र के गांव मायना में सरपंच एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधि पर जिस जनता ने भरोसा किया, सरकार उन पर भरोसा क्यों नहीं कर रही है? इसका सीधा मतलब यही हुआ कि प्रदेश की जनता पर सरकार को कोई भरोसा नहीं है. ग्राम पंचायत के चुने हुए प्रतिनिधियों का अपमान जनता का भी अपमान है.
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उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब सरपंचों को अधिकार ही नहीं देने थे. तो चुनाव कराने की क्या जरूरत थी. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार पंचायतों को छोटी सरकार कहती थी, लेकिन जब चुने हुए सरपंच प्रदेश सरकार के दरवाजे पर अपनी मांग को लेकर चंडीगढ़ गए तो उन्हें अपमानित किया गया, उनके साथ बर्बरतापूर्ण दुर्व्यवहार किया गया. अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले पंच-सरपंचों पर सरकार ने बर्बरता से कहर ढाया है.
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आज गाँव मायना, कलानौर में रोहतक ब्लॉक के सरपंचों द्वारा अयोजित कार्यक्रम में।
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जब सरपंचों को अधिकार ही नहीं देने थे तो चुनाव कराने की क्या जरूरत थी? हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर पंचायतों को सारे अधिकार वापस दिये जायेंगे, जिससे गांव का विकास सुचारु रूप से किया जा सके। pic.twitter.com/Gz6BsXV4Tc
">आज गाँव मायना, कलानौर में रोहतक ब्लॉक के सरपंचों द्वारा अयोजित कार्यक्रम में।
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) August 27, 2023
जब सरपंचों को अधिकार ही नहीं देने थे तो चुनाव कराने की क्या जरूरत थी? हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर पंचायतों को सारे अधिकार वापस दिये जायेंगे, जिससे गांव का विकास सुचारु रूप से किया जा सके। pic.twitter.com/Gz6BsXV4Tcआज गाँव मायना, कलानौर में रोहतक ब्लॉक के सरपंचों द्वारा अयोजित कार्यक्रम में।
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जब सरपंचों को अधिकार ही नहीं देने थे तो चुनाव कराने की क्या जरूरत थी? हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर पंचायतों को सारे अधिकार वापस दिये जायेंगे, जिससे गांव का विकास सुचारु रूप से किया जा सके। pic.twitter.com/Gz6BsXV4Tc
दीपेंद्र ने कहा कि बार-बार लोकतंत्र को लहूलुहान करने वाली सरकार को हरियाणा की जनता कभी माफ नहीं करेगी. कांग्रेस नेता ने सरपंचों को आश्वस्त किया कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर पंचायतों को सारे अधिकार वापस दिए जाएंगे, जिससे गांव का विकास सुचारू रूप से किया जा सके. दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार के समय पंचायतों को करोड़ों रुपये की ग्रांट दी जाती थी, जिससे गांवों में विकास की अलग ही चमक दिखाई देती थी.
उन्होंने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार गांवों में विकास को लेकर बड़ी-बड़ी बातें तो करती हैं, लेकिन हकीकत में उसकी नीयत में ही खोट है. चुने हुए सरपंचों से गांव में विकास कार्य करवाने का अधिकार छीनना लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा हमला है. हरियाणा सरकार ने चुनी हुई ग्राम पंचायतों के अधिकार में कटौती कर गांव के विकास का रास्ता ही रोक दिया है. पंचकूला में सरपंचों के साथ जो हुआ वो शर्मनाक है.
दीपेंद्र ने कहा कि इस सरकार ने पंचों-सरपंचों की पगड़ी को भी उछालने का काम किया है. सरकार तानाशाही की सीमाओं को पार करती जा रही है. प्रदेश सरकार सत्ता के अहंकार में इस कदर मदमस्त हो चुकी है कि पहले किसानों, बेरोजगार युवाओं, पुरानी पेंशन स्कीम मांग रहे कर्मचारियों, आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, मनरेगा मजदूर, गांव के चौकीदार, सफाई कर्मचारियों को लाठियों से पीटने के बाद अब जनप्रतिनिधियों पर भी खुलेआम लाठियां बरसा रही है, लेकिन सरकार समझ ले कि प्रजातंत्र में जनता की आवाज को लाठियों के जोर से दबाया नहीं जा सकता.