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हरियाणा में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल जारी, रोहतक में सड़क पर कूड़ा फैलाकर किया विरोध - रोहतक में सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन

हरियाणा में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल जारी (Sanitation workers strike in Haryana) है. कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कई शहरों में कूड़े के अंबार लग गये हैं.

रोहतक में सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन
रोहतक में सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन
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Published : Oct 26, 2022, 9:55 AM IST

रोहतक: शहरी स्थानीय निकाय कर्मचारियों की हड़ताल (Urban Local body Workers Strike) और विरोध प्रदर्शन जारी है. रोहतक की सड़कों पर एक बार फिर कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर रोष जताया. इन कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप शहर की सड़कों पर कूड़ा फैला दिया. ये कर्मचारी अपनी मांगें न माने जाने से प्रदेश सरकार से नाराज हैं और फिलहाल 26 अक्टूबर तक हड़ताल पर हैं.

इन कर्मचारियों की हड़ताल 19 अक्टूबर से शुरू हुई थी. शुरूआत में 2 दिन की हड़ताल थी. फिर 23 अक्टूबर और बाद में 26 अक्टूबर तक हड़ताल बढा दी थी. कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार को कई बार 16 सूत्रीय मांगों से अवगत कराया जा चुका है लेकिन सरकार मांगें मानने को राजी नहीं है. जिससे कर्मचारियों में रोष है. मंगलवार को ये कर्मचारी नगर निगम कार्यालय परिसर से जुलूस के रूप में विरोध दर्ज कराते हुए शहर की सड़कों पर निकले.

इस दौरान शहर के प्रमुख बाजारों में अपना रोष जताते हुए वहां पर कूड़ा फैला दिया. कर्मचारियों की मांग है कि सफाई कर्मचारियों, सीवर मैन व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ठेके के बजाय नियमित भर्ती किया जाए. कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए. दमकल विभाग के कर्मचारियों को फायर ऑपरेटर के पदों पर मर्ज किया जाए, समान काम समान वेतन दिया जाए और 212 कर्मचारियों को कौशल रोजगार निगम से बाहर किया जाए और भत्ते दिए जाएं. साथ ही कोरोना महामारी के दौरान मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख रूपए मुआवजा दिया जाए.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में अब दो दिन और नहीं होगी सफाई, नगर पालिका कर्मचारी संघ ने 3 दिन बढ़ाई हड़ताल

रोहतक: शहरी स्थानीय निकाय कर्मचारियों की हड़ताल (Urban Local body Workers Strike) और विरोध प्रदर्शन जारी है. रोहतक की सड़कों पर एक बार फिर कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर रोष जताया. इन कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप शहर की सड़कों पर कूड़ा फैला दिया. ये कर्मचारी अपनी मांगें न माने जाने से प्रदेश सरकार से नाराज हैं और फिलहाल 26 अक्टूबर तक हड़ताल पर हैं.

इन कर्मचारियों की हड़ताल 19 अक्टूबर से शुरू हुई थी. शुरूआत में 2 दिन की हड़ताल थी. फिर 23 अक्टूबर और बाद में 26 अक्टूबर तक हड़ताल बढा दी थी. कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार को कई बार 16 सूत्रीय मांगों से अवगत कराया जा चुका है लेकिन सरकार मांगें मानने को राजी नहीं है. जिससे कर्मचारियों में रोष है. मंगलवार को ये कर्मचारी नगर निगम कार्यालय परिसर से जुलूस के रूप में विरोध दर्ज कराते हुए शहर की सड़कों पर निकले.

इस दौरान शहर के प्रमुख बाजारों में अपना रोष जताते हुए वहां पर कूड़ा फैला दिया. कर्मचारियों की मांग है कि सफाई कर्मचारियों, सीवर मैन व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ठेके के बजाय नियमित भर्ती किया जाए. कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए. दमकल विभाग के कर्मचारियों को फायर ऑपरेटर के पदों पर मर्ज किया जाए, समान काम समान वेतन दिया जाए और 212 कर्मचारियों को कौशल रोजगार निगम से बाहर किया जाए और भत्ते दिए जाएं. साथ ही कोरोना महामारी के दौरान मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख रूपए मुआवजा दिया जाए.

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