रोहतक: रोहतक एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रोहतक नगर निगम के सहायक शहरी योजनाकार अधिकारी (एटीपी) को दस लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. ब्यूरो की टीम ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बीती रात इस कार्रवाई को अंजाम देते हुए एटीपी जितेंद्र नहेरा और उसके एजेंट आर्किटेक्ट त्रिलोक शर्मा को गिरफ्तार किया है. ब्यूरो की टीम ने कॉलोनाइजर की शिकायत पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया.
जानकारी के अनुसार आरोपी एटीपी जितेंद्र नेहरा कॉलोनाइजर द्वारा नौ एकड़ कृषि योग्य जमीन पर अवैध कॉलोनी काटने के बाद इस पर बुडलोजर चलाने का दवाब बना रहा था. आरोपी ने कार्रवाई नहीं करने की एवज में 40 लाख की डिमांड की थी. लेकिन जब कॉलोनाइजर ने 40 लाख रुपये देने में असमर्थता जताई तो बाद में दोनों में 20 लाख में सौदा तय हुआ. इसकी शिकायत कॉलोनाइजर (प्रॉपर्टी डीलर) ने एंटी करप्शन ब्यूरो रोहतक में कर दी.
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एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर डीएसपी सुमित कुमार के नेतृत्व में टीम बनाई एसीबी की टीम ने फोन पर शिकायतकर्ता से रिश्वत देने को लेकर आरोपी एटीपी से बात कराई. आरोपी एटीपी ने रिश्वत की राशि रोहतक में छोटूराम चौक पर एक आर्किटेक्ट त्रिलोक शर्मा को उसके ऑफिस में देने की बात कही थी. इस पर शिकायतकर्ता दस लाख रुपये लेकर दलाल आर्किटेक्ट के पास पहुंचा और उसे रिश्वत के दस लाख रुपये दे दिए.
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कॉलोनाजर ने इसके बाद उसकी बात एटीपी से कराई कि दस लाख रुपये आ गए हैं. जब दलाल रिश्वत के रुपये गिन रहा था, उसी दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. उसके बाद एटीपी को उसके घर इंद्रप्रस्थ कॉलोनी रोहतक से गिरफ्तार किया गया. दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत का मामला दर्ज कर लिया गया है.