ETV Bharat / state

खेत में भरे पानी को देख रो पड़ा ये किसान, बीमे की गुणा-भाग समझाते रहे डीसी

author img

By

Published : Dec 19, 2019, 9:30 PM IST

रोहतक में बेमौसम बारिश से खेतों में पानी भर गया. जिससे किसानों का काफी परेशानी हो रही है. चूंकि अब खेत में पानी भर चुका है तो किसान गेहूं की बिजाई भी नहीं कर सकता. वहीं अधिकारी समाधान की जगह किसानों को बीमा पॉलिसी समझाने में लगे हैं.

खेत मे भरे पानी को देख रो पड़ा ये किसान
खेत मे भरे पानी को देख रो पड़ा ये किसान

रोहतक: बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण खेत मे भरें पानी को देख कर धरती का अन्नदाता कहे जाने वाला किसान अपने आंसू नहीं रोक पाया. खेत में पानी भरने के कारण गेहूं की बिजाई न होने से कैमरे के सामने ही किसान रो पड़ा.

समाधान नहीं बीमा की पॉलिसी समझिए !
वहीं समाधान तो छोड़ों रोहतक डीसी किसानों को फसल बीमा का गुणा-भाग समझाने में लगे रहे. डीसी का मानना है कि खुद के आकलन करने से फसल में सौ प्रतिशत नुकसान नहीं होता बल्कि नुकसान की सूचना 72 घंटे में देनी होती है. वहीं अधिकारी भी मान रहे हैं कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार गेहूं की बिजाई कम हुई है.

खेत में भरे पानी को देख रो पड़ा ये किसान, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- CAA के विरोध में वामपंथी दलों का प्रदर्शन, सिरसा में निकाला जुलूस

किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश के कारण धान, गन्ना और अब गेहूं की फसल में नुकसान हुआ है. यही नहीं अगर एक बार बारिश और होती है तो अगले सीजन में भी बिजाई होना मुश्किल है. वहीं इस सब पर डीसी का मानना है कि इस तरह की आपदाओं से खुद के आकलन की बजाए 72 घंटे में अधिकारियों को सूचना देनी होती है, तब अधिकारी नुकसान का आकलन कर फसल बीमा कंपनी को अवगत कराते हैं.

'कम हुई गेहूं की बिजाई'
कृषि अधिकारी ने भी माना कि बेमौसम बारिश की वजह से पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष गेहूं की बिजाई कम हुई है. उन्होंने कहा कि पिछले साल करीब एक लाख पांच हजार हैक्टेयर में बिजाई हुई थी जबकि अबकी बार एक लाख हेक्टेयर में ही गेहूं की बिजाई हो पाई है जो पिछले साल की अपेक्षा कम है.

रोहतक: बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण खेत मे भरें पानी को देख कर धरती का अन्नदाता कहे जाने वाला किसान अपने आंसू नहीं रोक पाया. खेत में पानी भरने के कारण गेहूं की बिजाई न होने से कैमरे के सामने ही किसान रो पड़ा.

समाधान नहीं बीमा की पॉलिसी समझिए !
वहीं समाधान तो छोड़ों रोहतक डीसी किसानों को फसल बीमा का गुणा-भाग समझाने में लगे रहे. डीसी का मानना है कि खुद के आकलन करने से फसल में सौ प्रतिशत नुकसान नहीं होता बल्कि नुकसान की सूचना 72 घंटे में देनी होती है. वहीं अधिकारी भी मान रहे हैं कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार गेहूं की बिजाई कम हुई है.

खेत में भरे पानी को देख रो पड़ा ये किसान, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- CAA के विरोध में वामपंथी दलों का प्रदर्शन, सिरसा में निकाला जुलूस

किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश के कारण धान, गन्ना और अब गेहूं की फसल में नुकसान हुआ है. यही नहीं अगर एक बार बारिश और होती है तो अगले सीजन में भी बिजाई होना मुश्किल है. वहीं इस सब पर डीसी का मानना है कि इस तरह की आपदाओं से खुद के आकलन की बजाए 72 घंटे में अधिकारियों को सूचना देनी होती है, तब अधिकारी नुकसान का आकलन कर फसल बीमा कंपनी को अवगत कराते हैं.

'कम हुई गेहूं की बिजाई'
कृषि अधिकारी ने भी माना कि बेमौसम बारिश की वजह से पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष गेहूं की बिजाई कम हुई है. उन्होंने कहा कि पिछले साल करीब एक लाख पांच हजार हैक्टेयर में बिजाई हुई थी जबकि अबकी बार एक लाख हेक्टेयर में ही गेहूं की बिजाई हो पाई है जो पिछले साल की अपेक्षा कम है.

Intro:रोहतक:-बेमौष्मी बारिष से खेत मे भरे पानी को देख आँसू नही रोक पाया किसान।

खेत मे भरे पानी की वजह से नही हो पाई गेहूँ की बिजाई।

कृषि अधिकारी ने भी माना पिछले साल की अपेक्षा नहीं हो पाई करीब चार हजार एकड़ में गेंहू की बिजाई।

रोते किसानों के आँसू पोछने की बजाए फसल बीमा का गुणा-भाग समझाते रहे रोहतक डीसी।

फसल की बुआई न होने व खेत मे भरे पानी को देख फबक फबक कर रोया किसान।

एंकर रीड़:-बेमौष्मी बारिष ओर ओलावृष्टि के कारण खेत मे भरें पानी को देख कर धरती का अन्नदाता कहे जाने वाला किसान अपने आंसू नही रोक पाया, खेत मे पानी भरने के कारण गेंहू की बिजाई न होने से कैमरे के सामने ही फबक फबक कर रो पड़ा अन्नदाता,वहीँ समाधान तो छोड़ किसानों को फसल बीमा का गुणा-भाग समझाने में लगे रहे रोहतक डीसी,डीसी साहब का मानना है कि खुद के आकलन करने से फसल में सौ प्रतिशत नुकसान नहीं होता बल्कि नुकसान की सूचना 72 घँटे में देनी होती है।वहीँ अधिकारी भी मान रहे है कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार गेंहू की बिजाई कम हुई है।

Body:पूरे देश का पेट भरने वाला अन्नदाता आज खुद भूखा मरने की कगार पर है।प्रदेश में हुई बेमौष्मी बारिष ओर ओलावृष्टि के कारण जहाँ धान की फसल में बेहद नुकसान हुआ है वही दूसरी ओर बारिष के कारण खेत में भरे पानी की वजह से गेंहू की बिजाई भी नही हो पाएगी।इसी को लेकर सरकार से समाधान की आस लगाए बैठा जिले के भगवतीपुर का एक किसान खेत मे भरे तालाब की तरह पानी को देखकर कैमरे के सामने फबक फबक कर रो पड़ा।अपने खेत मे दूर तक पानी देख रहे किसान की आंखों भर आईं।किसानों का कहना है कि बेमौष्मी बारिश के कारण धान,गन्ना ओर अब गेंहू की फसल में नुकसान हुआ है यही नही अगर एक बार बारिष ओर होती है तो अगले सीजन में भी बिजाई होना मुश्किल है।

बाइट:-काला, रमेश कुमार,बृजेश कुमार किसान।
Conclusion:वही दूसरी ओर रोते हुए किसानों का समाधान करने की बजाए फसल बीमा का समीकरण समझाते हुए नजर आए रोहतक के डीसी,डीसी साहब का मानना है कि इस तरह की आपदाओं से खुद के आकलन की बजाए 72 घँटे में अधिकारियों को सूचना देनी होती है,तब अधिकारी नुकसान का आकलन कर फसल बीमा कंपनी को अवगत कराते है।
वहीँ दूसरी ओर कृषि अधिकारी ने भी माना कि बेमौष्मी बारिश की वजह से पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष गेंहू की बिजाई कम हुई है,उन्होंने कहा कि पिछले साल करीब एक लाख पाँच हजार हैक्टेयर में बिजाई हुई थी जबकि अबकी बार एक लाख हेक्टेयर में ही गेहूं की बिजाई हो पाई है जो पिछले साल की अपेक्षा कम है।

बाइट:-आरएस वर्मा रोहतक डीसी

बाइट:-रोहतक कुमार कृषि अधिकारी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.