रोहतकः कोरोना के खिलाफ जंग में समाज का हर तबका एकजुटता दिखा रहा है. चाहे में मंदिर हो या कोई और धार्मिक संस्थान. ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है रोहतक के इंद्रगढ़ गांव में. जहां अब मंदिर का लाउडस्पीकर भी लोगों को भक्ति संगीत सुनाने के बजाए कोरोना से जागरुक करने का जरिया बन गया है. गांव के युवा मंदिर के लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक कर रहे हैं.
गांव के लोगों को जागरुक कर रहे युवा
इतना ही नहीं गांव के युवा पूरे दिन गलियों में घूम - घूम कर लोगों को घरों के अंदर ही रहने और सोशल डिस्टेंस अपनाने की अपील कर रहे हैं. युवाओं ने गांव में आने वाले सभी रास्तों को भी सील कर दिया है और वहां पहरा दे रहे हैं. ताकि बाहर का कोई व्यक्ति बिना वजह गांव में न घुस सके. अगर कोई व्यक्ति किसी काम से गांव में आता भी है तो पहले उसको सैनिटाइज किया जाता है. उसके बाद ही उसे गांव में जाने दिया जाता है.
एक महीने से कर रहे अनाउंसमेंट
मंदिर में अनाउंसमेंट करने वाला युवक पेशे से टीचर है. देश में लॉकडाउन लगने के बाद सबसे पहले इसी युवक ने सोचा कि गली-गली घूमकर लोगों को जागरुक करने से अच्छा है कि मंदिर की मदद ली जाए. तब से कई युवा मिलकर मंदिर के लाउडस्पीकर से ही लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए जागरुक कर रहे हैं. ये युवा पिछले एक महीने से इस अभियान में जुटे हुए हैं.
युवाओं के अभियान का हो रहा असर
कोरोना के खिलाफ जंग में गांव के युवाओं के प्रयासों की चारों ओर तारीफ हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि अनाउंसमेंट का प्रभाव हो रहा है और लोग इसे अपना भी रहे हैं. जिससे कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा रहा है.
दूसरी ओर अनाउंसमेंट कर रहे युवक का कहना है कि मुझे अपने गांव को इस महामारी से बचाना है. इसलिए मैं गलियों में घूम - घूम कर लोगों को सोशल डिस्टेंस अपनाने की अपील कर रहा हूं.
दूसरी तरफ गांवों में एंट्री करने वाले नाकों पर 24 घण्टे ठीकरी पहरा दे रहे, युवाओं का कहना है कि केवल जरूरतमंद लोग ही गांव में आ जा सकते हैं और उनको भी अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा है. इससे हम बीमारी से बच सकते हैं.
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