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Russia Ukraine war: खुद घर आने से पहले पालतू कुत्ता भेजा, यूक्रेन में रूककर बीमार दोस्त की मदद कर रहा साहिल

रूस यूक्रेन जंग (Russia Ukraine war) के बीच से एक भावुक करने वाली खबर सामने आई है. हरियाणा के साहिल दूहन ने खुद घर आने से पहले युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने पालतू कुत्ते को घर भेजा है.

rohtak student sahil duhan in ukraine
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Published : Mar 12, 2022, 5:52 PM IST

रोहतक: हरियाणा के रोहतक जिले के रहने वाले साहिल दूहन (rohtak student sahil duhan in ukraine) ने इंसानियत की मिसाल पेश की है. युद्धग्रस्त यूक्रेन (Russia Ukraine war) में फंसे छात्र साहिल ने खुद घर आने से पहले अपने पालतू कुत्ते को भारत भेज दिया. इस छात्र का दोस्त इस कुत्ते को रोहतक स्थित साहिल के घर पर छोड़ आया. ये छात्र यूक्रेन में अपने दोस्त के बीमार परिवार की मदद के लिए वहीं पर रूक गया. हालांकि रोहतक आने के बाद यह पालतू कुत्ता अभी मायूस है.

रोहतक के आजादगढ़ का साहिल दूहन यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. करीब 8 माह पहले उसने यूक्रेन में एक कुत्ता खरीदा था. उसे इस कुत्ते से लगाव हो गया. साहिल ने अपने कुत्ते का नाम सुंडू रखा. करीब 2 माह पहले साहिल घर आया था तो अपने पालतू कुत्ते को भी साथ ही लेकर आ गया और वापस गया तो साथ ही ले गया. रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से वहां पर अफरा तफरी का माहौल है. करीब 25 लाख यूक्रेनी नागरिक देश छोड़कर जा चुके हैं.

वहीं ऑपरेशन गंगा के तहत ज्यादातर भारतीय विद्यार्थियों की देश वापसी हो चुुकी है, लेकिन साहिल दूहन यूक्रेन में ही रूका हुआ है. साहिल के एक दोस्त की 2 माह की बेटी और मां बीमार है और युद्धग्रस्त यूक्रेन में उनकी मदद करने वाला कोई नहीं है. ऐसे में उनकी मदद के लिए साहिल यूक्रेन में ही रूक गया, लेकिन मौजूदा हालात में वह पालतू कुत्ते सुंडू को साथ नहीं रख सकता था. इसलिए उसने अपने एक दोस्त के साथ सुंडू को भारत भेज दिया. ये दोस्त इस पालतू कुत्ते को साहिल के आजादगढ़ स्थित घर पर छोड़कर आ गया.

खुद घर आने से पहले पालतू कुत्ता भेजा, यूक्रेन में रूककर बीमार दोस्त की मदद कर रहा साहिल

ये भी पढ़ें- पुतिन ने सैन्य कार्रवाई का दायरा बढ़ाया- बाइडेन बोले, यूक्रेन को नहीं जीत पाएगा रूस

फिलहाल साहिल के पिता नरेंद्र दूहन और मां सुदेश दूहन सुंडू की देखभाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सुंडू काफी उदास रहता है. जब भी बाहर के दरवाजे पर कोई आहट होती है तो वह दरवाजे की ओर दौड़ता है. उसे लगता है कि साहिल आ गया है, लेकिन उसके न मिलने पर वह मायूस हो जाता है. साहिल के मां-बाप ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर नाज है. इंसानियत के नाते वह किसी की मदद करने के लिए रुका हुआ है और एक बेजुबान जानवर को सुरक्षित भेजकर मानवता का भी परिचय दिया है. वहीं, सुंडू को एक दिक्कत और आ रही है. यूक्रेन में ठंडे मौसम में रहने की आदत है लेकिन रोहतक में गर्मी ज्यादा है. ऐसे में उसका अतिरिक्त ध्यान रखना पड़ रहा है.

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रोहतक: हरियाणा के रोहतक जिले के रहने वाले साहिल दूहन (rohtak student sahil duhan in ukraine) ने इंसानियत की मिसाल पेश की है. युद्धग्रस्त यूक्रेन (Russia Ukraine war) में फंसे छात्र साहिल ने खुद घर आने से पहले अपने पालतू कुत्ते को भारत भेज दिया. इस छात्र का दोस्त इस कुत्ते को रोहतक स्थित साहिल के घर पर छोड़ आया. ये छात्र यूक्रेन में अपने दोस्त के बीमार परिवार की मदद के लिए वहीं पर रूक गया. हालांकि रोहतक आने के बाद यह पालतू कुत्ता अभी मायूस है.

रोहतक के आजादगढ़ का साहिल दूहन यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. करीब 8 माह पहले उसने यूक्रेन में एक कुत्ता खरीदा था. उसे इस कुत्ते से लगाव हो गया. साहिल ने अपने कुत्ते का नाम सुंडू रखा. करीब 2 माह पहले साहिल घर आया था तो अपने पालतू कुत्ते को भी साथ ही लेकर आ गया और वापस गया तो साथ ही ले गया. रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से वहां पर अफरा तफरी का माहौल है. करीब 25 लाख यूक्रेनी नागरिक देश छोड़कर जा चुके हैं.

वहीं ऑपरेशन गंगा के तहत ज्यादातर भारतीय विद्यार्थियों की देश वापसी हो चुुकी है, लेकिन साहिल दूहन यूक्रेन में ही रूका हुआ है. साहिल के एक दोस्त की 2 माह की बेटी और मां बीमार है और युद्धग्रस्त यूक्रेन में उनकी मदद करने वाला कोई नहीं है. ऐसे में उनकी मदद के लिए साहिल यूक्रेन में ही रूक गया, लेकिन मौजूदा हालात में वह पालतू कुत्ते सुंडू को साथ नहीं रख सकता था. इसलिए उसने अपने एक दोस्त के साथ सुंडू को भारत भेज दिया. ये दोस्त इस पालतू कुत्ते को साहिल के आजादगढ़ स्थित घर पर छोड़कर आ गया.

खुद घर आने से पहले पालतू कुत्ता भेजा, यूक्रेन में रूककर बीमार दोस्त की मदद कर रहा साहिल

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फिलहाल साहिल के पिता नरेंद्र दूहन और मां सुदेश दूहन सुंडू की देखभाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सुंडू काफी उदास रहता है. जब भी बाहर के दरवाजे पर कोई आहट होती है तो वह दरवाजे की ओर दौड़ता है. उसे लगता है कि साहिल आ गया है, लेकिन उसके न मिलने पर वह मायूस हो जाता है. साहिल के मां-बाप ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर नाज है. इंसानियत के नाते वह किसी की मदद करने के लिए रुका हुआ है और एक बेजुबान जानवर को सुरक्षित भेजकर मानवता का भी परिचय दिया है. वहीं, सुंडू को एक दिक्कत और आ रही है. यूक्रेन में ठंडे मौसम में रहने की आदत है लेकिन रोहतक में गर्मी ज्यादा है. ऐसे में उसका अतिरिक्त ध्यान रखना पड़ रहा है.

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