रोहतक: हरियाणा में बाढ़ की स्थिति पर एक बार फिर से नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधा है. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बाढ़ की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को 40 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए. बाढ़ के दौरान हुई मौत पर पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए. हरियाणा सरकार पोर्टल के बहाने मुआवजा देने में देरी कर रही है. बाढ़ पीड़ितों को तुरंत राहत मिले.
'सरकार को सतर्क रहना चाहिए था': उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते कदम उठाए होते तो हरियाणा में बाढ़ के हालात पैदा नहीं होते. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि फसल बीमा योजना सिर्फ कंपनियों के लिए मुनाफे का धंधा है. भूपेंद्र हुड्डा ने माना कि प्रदेश में भारी बरसात हुई है, लेकिन ड्रेन की सफाई नहीं कराई गई, अवैध खनन को नहीं रोका गया, जबकि मौसम विभाग ने पहले ही बारिश की चेतावनी दे दी थी. इसलिए ज्यादा सतर्क होना चाहिए.
'बाढ़ प्रभावितों को तुरंत राहत दे सरकार': उन्होंने कहा कि मैंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है. खेतों में 3 फुट से 6 फुट तक पानी खड़ा हुआ है. किसान की मौजूदा फसल तो बर्बाद हुई है, अगली फसल भी पैदा नहीं हो पाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों को पोर्टल चलाना आता नहीं और सरकार पोर्टल के नाम पर मुआवजा देने में देरी कर रही है. उन्होंने कहा कि ये सरकार ही पोर्टल पर आधारित है. सरकार को पोर्टल का बहाना छोड़कर तुरंत राहत देनी चाहिए.
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नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में बीमारियां फैलने का खतरा पैदा हो गया है. इसलिए सरकार को दवाई और डॉक्टर का प्रबंध करना चाहिए. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने दिल्ली में आई बाढ़ के लिए हरियाणा और दिल्ली सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि हरियाणा में अवैध खनन की वजह से यमुना का रास्ता बदल गया. जिससे भारी नुकसान हुआ. वहीं दिल्ली के सीएम पर उन्होंने कहा कि उन्होंने मानसून की कोई तैयारी नहीं की.