रोहतक: मलेरिया में काम आने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की रोहतक प्रशासन के पास कोई कमी नहीं है. यह कहना है रोहतक के सिविल सर्जन अनिल बिरला का. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों के दिशा निर्देश पर ही यह दवा ली जा सकती है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों रोहतक के तमाम केमिस्ट स्टोरों पर यह जांच पड़ताल की गई थी कि मलेरिया में काम आने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की कमी तो नहीं है. इस मामले में स्टोर मालिकों ने बताया कि पीछे से ही स्टॉक नहीं आ रहा है. जिसके कारण मरीज खाली हाथ लौट रहे हैं.
सिविल सर्जन अनिल बिरला ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर रोहतक प्रशासन की तैयारियां पूरी हैं. उन्होंने बताया प्रशासन 24 घंटे एंबुलेंस को आपातस्थिति में रखा हुआ है. जैसे ही कोई फोन आता है तुरंत एंबुलेंस को रवाना कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि एंबुलेंस की कोई कमी नहीं है. प्राइवेट एंबुलेंस कंपनियों ने भरपूर सहायता का वादा किया है. उन्होंने बताया कि रोहतक में कोरोना को बेहतर तरिके से रोका जा सकता है.
क्या है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन?
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में बेहद कारगर दवा है. भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं. इसलिए भारतीय दवा कंपनियां बड़े स्तर पर इसका उत्पादन करती हैं. सिविल सर्जन अनिल बिरला ने बताया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को अपने मन से नहीं लेनी चाहिए. उन्होंने बताया कि यह बेहद ही घातक दवा है. इस दवा को डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए.
बिरला ने बताया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का साइड इफेक्ट होता है. अगर कोई व्यक्ति अपने मन से इस दवा को लेता है तो हो सकता है कि उसे दिल की बिमारी या सांस लेने में प्रॉब्लम आ सकती है. वहीं उन्होंने बताया कि इस दवा से एलर्जी भी हो जाती है. इसलिए इस दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करनी चाहिए.
बता दें कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को रोकने में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा बेहद अहम रोल अदा कर रही है. हालांकि इस बात को लेकर वैज्ञानिकों में मतभेद है कि यह दवा वाकई कोरोना को रोक पाने में सक्षम है. अमेरिका से लेकर दुनिया के ताकतवर देश इस दवा के लिए भारत की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. भारत दुनिया के उन सभी देशों को यह दवा उपलब्ध करा रहा है जहां कोरोना वायरस का कहर बहुत ज्यादा है.
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