रोहतकः पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा 18 अगस्त को एक परिवर्तन रैली करने जा रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि हुड्डा की इस रैली के दौरान बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा है कि आगामी परिवर्तन रैली में हुड्डा नई पार्टी बनाने की घोषणा कर सकते हैं.
लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया
हुड्डा के इस फैसले को लेकर हमारे संवाददाता ने जनता से उनकी राय जानी. जब लोगों से पूछा गया कि क्या हुड्डा को नई पार्टी बनानी चाहिए तो उनकी अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आई. कुछ का कहना था कि ये सही फैसला है तो वहीं कुछ लोगों ने हुड्डा के इस फैसले को समर्थन नहीं दिया.
हालांकि ज्यादातर लोगों ने हुड्डा के इस फैसले को नकारा है. लोगों ने कहा कि अगर भूपेंद्र सिंह हुडा अलग से पार्टी बनाते हैं तो पूरी तरह से फेल हो जाएंगे. कई लोगों ने तो यहां तक कहा कि जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस में रहते हुए ही कुछ नहीं कर पाए तो अलग पार्टी बना कर क्या तीर चला पाएंगे. ज्यादातर लोगों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अलग से पार्टी नहीं बनाने की सलाह दी है.
4 तारीख को दिए थे संकेत
गौरतलब है कि 4 तारीख को हुई कार्यकर्ता मीटिंग में पूरे मंच पर हुड्डा गुट के अलावा कोई नजर नहीं आया. यही नहीं अशोक तंवर, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और कुमारी शैलजा जैसे बड़े दिग्गज नेता भी हुड्डा की मीटिंग से गायब रहे. इससे साफ होता है कि कांग्रेस में कितनी गुटबाजी चल रही है.
हुड्डा ग्रुप के नेता तो पहले भी कांग्रेस हाईकमान पर सवाल उठा चुके हैं. पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा ने तो ये तक कह दिया था कि अगर लोकसभा चुनाव की कमान सही हाथों में होती तो कांग्रेस की तस्वीर कुछ अलग होती. इसी मीटिंग में हुड्डा ने आगामी 18 अगस्त की रैली में कुछ बड़ा करने के संकेत दिए थे.
विधानसभा चुनाव पर कितना पड़ेगा असर?
बहरहाल अब देखना ये होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा 18 अगस्त को परिवर्तन रैली में कौन से बड़े फैसले लेते हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा अलग पार्टी की घोषणा कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो विधानसभा चुनाव में ये देखने वाली बात होगी की हुड्डा अपनी नई पार्टी के दम पर कौन सा कमाल दिखाएंगे.