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यशपाल मलिक के खिलाफ हरियाणा में विरोध, 10 दिसंबर के कार्यक्रम के खिलाफ उतरी कई खापें

जाट आरक्षण आंदोलन के नेता यशपाल मलिक का हरियाणा में विरोध शुरू हो गया है. 10 दिसंबर को रोहतक के जसिया में यशपाल मलिक का कार्यक्रम होना है, उससे पहले कई खापें इसके विरोध (Protest Against Yashpal Malik in Rohtak) में उतर आई हैं. यशपाल मलिक को जाट नेता गद्दार बता रहे हैं.

जसिया में यशपाल मलिक का कार्यक्रम
जसिया में यशपाल मलिक का कार्यक्रम
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Published : Dec 9, 2022, 7:33 PM IST

रोहतक: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (Akhil Bhartiya Jat Aarakshan Samiti) के संरक्षक यशपाल मलिक के शनिवार को जसिया में होने वाले कार्यक्रम को लेकर यहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. दरअसल मलिक के कार्यक्रम को लेकर कई खाप व जाट नेता खुलकर विरोध में आ गए हैं. एक दिन पहले जाट भवन और जसिया गांव में हुई बैठक में कार्यक्रम के विरोध का ऐलान कर दिया गया.

यशपाल मलिक के इस कार्यक्रम (Yashpal Malik Program in Jasia) में शिरकत करने के लिए आने वाले मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह व इनेलो नेता अभय चौटाला को भी इस बारे में अवगत करा दिया गया है. सभी बड़े नेताओं को मोबाइल फोन पर कॉल कर जसिया के सरपंच ओमप्रकाश हुड्डा ने कार्यक्रम में शिरकत नहीं करने का अनुरोध किया है. दरअसल यशपाल मलिक की ओर से रोहतक के जसिया में छोटूराम धाम के स्थापना दिवस के मौके पर 10 दिसंबर को समारोह का आयोजन किया गया है.

जसिया में होने वाले इस समारोह में मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह डूमरखां और इनेलो नेता अभय चौटाला को प्रमुख तौर पर आमंत्रित किया गया है. कार्यक्रम की जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं. इस बीच प्रदेश भर की विभिन्न खाप व जाट नेताओं ने बैठक कर यशपाल मलिक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

ये भी पढ़ें- यशपाल मलिक के विरोध में उतरा जाट समाज, किसान आंदोलन को भटकाने का लगाया आरोप

जाट नेता आत्मानंद देशवाल ने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान यशपाल मलिक की भूमिका पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान मलिक की भूमिका गद्दार वाली रही है. मलिक ने बीजेपी सरकार के साथ मिलकर जाट कौम के साथ धोखा किया. मलिक का जाट आरक्षण से कोई सरोकार नहीं था, बल्कि वह तो जाट समाज को अंधेरे में रखकर सरकार से मिला हुआ था. इसे लेकर जाट समाज में पीड़ा है.

यही नहीं यशपाल मलिक ने छोटूराम के नाम पर ट्रस्ट बनाकर करोड़ों रूपए चंदा एकत्रित किया. जेलों में बंद युवाओं के रिहाई और आंदोलन के दौरान दर्ज केसों की वापसी के लिए कुछ भी नहीं किया. उन्होंने बताया कि भविष्य की योजना के लिए समिति बनाई जाएगी. जसिया के सरपंच ओमप्रकाश हुड्डा ने कहा कि पूरे गांव को एकत्रित किया जाएगा और किसी भी कीमत पर 10 दिसंबर को यशपाल मलिक का कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- जाट नेता यशपाल मलिक का सरकार को अल्टीमेटम, '22 फरवरी तक मांगे पूरी करे सरकार'

रोहतक: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (Akhil Bhartiya Jat Aarakshan Samiti) के संरक्षक यशपाल मलिक के शनिवार को जसिया में होने वाले कार्यक्रम को लेकर यहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. दरअसल मलिक के कार्यक्रम को लेकर कई खाप व जाट नेता खुलकर विरोध में आ गए हैं. एक दिन पहले जाट भवन और जसिया गांव में हुई बैठक में कार्यक्रम के विरोध का ऐलान कर दिया गया.

यशपाल मलिक के इस कार्यक्रम (Yashpal Malik Program in Jasia) में शिरकत करने के लिए आने वाले मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह व इनेलो नेता अभय चौटाला को भी इस बारे में अवगत करा दिया गया है. सभी बड़े नेताओं को मोबाइल फोन पर कॉल कर जसिया के सरपंच ओमप्रकाश हुड्डा ने कार्यक्रम में शिरकत नहीं करने का अनुरोध किया है. दरअसल यशपाल मलिक की ओर से रोहतक के जसिया में छोटूराम धाम के स्थापना दिवस के मौके पर 10 दिसंबर को समारोह का आयोजन किया गया है.

जसिया में होने वाले इस समारोह में मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह डूमरखां और इनेलो नेता अभय चौटाला को प्रमुख तौर पर आमंत्रित किया गया है. कार्यक्रम की जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं. इस बीच प्रदेश भर की विभिन्न खाप व जाट नेताओं ने बैठक कर यशपाल मलिक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

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जाट नेता आत्मानंद देशवाल ने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान यशपाल मलिक की भूमिका पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान मलिक की भूमिका गद्दार वाली रही है. मलिक ने बीजेपी सरकार के साथ मिलकर जाट कौम के साथ धोखा किया. मलिक का जाट आरक्षण से कोई सरोकार नहीं था, बल्कि वह तो जाट समाज को अंधेरे में रखकर सरकार से मिला हुआ था. इसे लेकर जाट समाज में पीड़ा है.

यही नहीं यशपाल मलिक ने छोटूराम के नाम पर ट्रस्ट बनाकर करोड़ों रूपए चंदा एकत्रित किया. जेलों में बंद युवाओं के रिहाई और आंदोलन के दौरान दर्ज केसों की वापसी के लिए कुछ भी नहीं किया. उन्होंने बताया कि भविष्य की योजना के लिए समिति बनाई जाएगी. जसिया के सरपंच ओमप्रकाश हुड्डा ने कहा कि पूरे गांव को एकत्रित किया जाएगा और किसी भी कीमत पर 10 दिसंबर को यशपाल मलिक का कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा.

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