रोहतक: बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में पीजीआईएमएस में आंदोलन कर रहे MBBS छात्रों का आंदोलन और तेज हो गया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मंगलवार को रोहतक के सभी निजी अस्पतालों को बंद करने का निर्णय लिया है. वहीं जिला बार एसोसिएशन (Bar Association supported MBBS students) ने छात्रों के समर्थन में उनके साथ धरना देने की घोषणा की है.
पीजीआईएमएस (PGIMS in Rohtak) में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर शेष चिकित्सा सेवाओं पर आंदोलन का असर देखा जा सकता है. OPD सेवाएं पूरी तरह बंद है. इस वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रोमा सेंटर व इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर्स ने जिम्मेदारी संभाल रखी है. स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ रविवार को चंडीगढ़ में हुई वार्ता में समाधान नहीं निकलने के बाद MBBS छात्रों ने आंदोलन को तेज कर दिया है.
छात्र अपनी मांगों को लेकर जन समर्थन जुटा रहे हैं. पीजीआईएमएस के 10 MBBS छात्र सोमवार सुबह से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए. वहीं पिछले 48 घंटे से भूख हड़ताल कर रहे छात्रों ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी. MBBS छात्र अक्षत मित्तल ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को पूरा नहीं करना चाहती बल्कि बॉन्ड के नाम पर छात्रों से रुपए ऐंठना चाहती है.
पढ़ें: बॉन्ड पॉलिसी मामला: निजी अस्पतालों में बंद रही ओपीडी सेवाएं, इमरजेंसी सेवाएं ठप करने की चेतावनी
पीजीआईएमएस में चिकित्सा सुविधाएं बाधित: रेजीडेंट डॉक्टर्स, मेडिकल टीचर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ के भी हड़ताल में शामिल होने की वजह से ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से प्रभावित हुई हैं. मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है. वहीं, हेल्थ यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी व पीजीआईएमएस के पूर्व निदेशक डॉ. एस एस सांगवान ने भी MBBS छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया है. उन्होंने धरनास्थल पर पहुंचकर छात्रों की मांगों को जायज ठहराया. जिला बार एसोसिएशन के महासचिव दीपक हुड्डा ने बताया कि मंगलवार को वकील एमबीबीएस छात्रों के साथ धरने पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए लागू की गई बॉन्ड पॉलिसी पूरी तरह से गलत है. इसलिए बार एसोसिएशन ने आंदोलनकारी छात्रों का समर्थन करने का निर्णय लिया है.
रोष मार्च करते हुए पहुंचे आईएमए के सदस्य: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्य सोमवार को चिकित्सा अधीक्षक ऑफिस के सामने से डीन ऑफिस तक रोष मार्च करते हुए पहुंचे. उन्होंने बताया कि मंगलवार से आईएमए के अधीन आने वाले निजी अस्पतालों में OPD सेवाएं बंद रहेंगी. आईएमए रोहतक के सचिव डॉ. रविंद्र हुड्डा ने कहा कि MBBS छात्रों की मांगे जायज हैं. सरकार की पॉलिसी से मेडिकल शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों पर गलत असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने छात्रों की मांग नहीं मानी तो इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर सकते हैं.
पढ़ें: रेवड़ी कल्चर पर बोले कृषि मंत्री, कहा- झूठी घोषणाएं करना गलत
MBBS छात्रों के प्रस्ताव को नकारा: चंडीगढ़ में एक दिन पहले MBBS छात्रों व रेजीडेंट डॉक्टर्स की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ दूसरे दौर की वार्ता हुई थी. यह वार्ता भी सिरे नहीं चढ़ पाई. इस दौरान MBBS छात्रों ने प्रस्ताव रखा था कि एमबीबीएस का पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद एक साल तक उन्हें सरकारी अस्पताल में नियुक्त किया जाए. अगर कोई छात्र सरकारी नौकरी का प्रस्ताव ठुकराता है तो उसे 10 लाख रुपए देने होंगे. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने छात्रों के इस प्रस्ताव को नकार दिया.