रोहतक: सूर्या कॉलोनी में एक दंपति की हत्या में सजायाफ्ता कैदी के फरलो के बाद जेल न लौटने के मामले में कोर्ट की ओर से भगोड़ा घोषित होने पर सिटी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर लिया गया है. सीजेएम आशीष कुमार शर्मा की कोर्ट ने मूलरूप से सोनीपत के कुराड़ गांव निवासी फिलहाल इंदिरा कॉलोनी में रहने वाले राजेश को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था. इसके बाद सिटी पुलिस स्टेशन में इस संबंध में आईपीसी की धारा-174 ए के तहत केस दर्ज कर लिया है.
ये भी पढ़ें: Rohtak Firing Case: ठेकेदार पर ताबड़तोड़ फायरिंग मामला: रिमांड पर मोस्ट वांटेड
2010 का है पूरा मामला: सिंहपुरा रोड स्थित सूर्या कॉलोनी निवासी कृष्ण और उसकी पत्नी चंद्रो की रंजिश के चलते 14 फरवरी 2010 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मृतक के पुत्र मोनू की शिकायत पर सिटी पुलिस स्टेशन में सोनीपत जिले के कुराड गांव निवासी राजेश, श्याम कॉलोनी रोहतक निवासी अमित और शास्त्री नगर रोहतक निवासी विक्की के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ था.
बदमाशों ने की थी हत्या दंपति की हत्या: पुलिस में दर्ज शिकायत में मोनू ने बताया था कि वह प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है. बड़ा भाई सोनू और छोटा भाई पवन है. 14 फरवरी को वह पिता कृष्ण, मां चंद्रो और भाभी रीना के साथ घर के अंदर खाना खा रहे थे. तभी घर के बाहर से कृष्ण का नाम लेकर दरवाजा खोलने के लिए आवाज लगाई गई. कृष्ण ने घर का दरवाजा खोला तो राजेश, अमित और विक्की जबरन अंदर आ गए. तीनों के हाथ में पिस्तौल थी. बदमाशों ने कृष्ण पर गोली चला दी.
ये भी पढ़ें: Murder in Rohtak: कलयुगी बेटे ने तेजधार हथियार से की पिता की हत्या, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
वारदात तीनों हमलावर शामिल: वहीं, जब चंद्रो बचाव में आई तो तीनों बदमाशों ने उसे भी गोली मार दी. मोनू ने अपने माता-पिता को बचाना चाहा तो उस पर भी फायरिंग कर दी. हालांकि वह बच गया और जान बचाने के लिए खेतों की ओर भाग गया. मोनू की भाभी रीना और भाई पवन जान बचाने के लिए एक कमरे में छिप गए. बाद में तीनों हमलावर फरार हो गए. मोनू ने घर लौट कर देखा तो माता चंद्रो की मौत हो चुकी थी, जबकि पिता कृष्ण की हालत गंभीर थी. मोनू जब पिता को पीजीआईएमएस रोहतक ले गया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
पुरानी रंजिश में हुई थी दंपति की हत्या: वारदात की सूचना मिलने पर सिटी पुलिस स्टेशन की टीम मौके पर पहुंची और फिर मोनू के बयान दर्ज किए. मोनू ने बताया कि वारदात से करीब 2 साल पहले राजेश ने किसी बात को लेकर उसे पिता कृष्ण को थप्पड़ मार दिया था. इसके बाद मोनू ने अपने भाई सोनू के साथ मिलकर राजेश को पीटा था, जबकि वारदात से 3 माह पहले आरोपी विक्की और अमित के साथ भी झगड़ा हुआ था. इसी बात की रंजिश रखते हुए तीनों ने उसके माता-पिता की हत्या की थी. इस संबंध में आईपीसी की धारा-307, 349, 302, 34 और आर्म्स एक्ट की धारा के तहत केस दर्ज हुआ था.
सजायाफ्ता कैदी के फरलो के बाद जेल न लौटने भगोड़ा घोषित: इस हत्याकांड में दोषी राजेश और उसके साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. राजेश को 13 अप्रैल 2018 को उसे परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए रोहतक से 3 सप्ताह की फरलो पर रिहा किया गया था. उसे 5 मई को वापस रोहतक जेल में सरेंडर करना था, लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया. इसके बाद राजेश के खिलाफ हरियाणा गुड कंडक्ट प्रीजनर्स (टेंपरेरी रिलीज) एक्ट की धारा 8, 9 के तहत केस दर्ज किया गया था. बाद में कोर्ट ने उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था. अब इस भगौड़े अपराधी के खिलाफ सिटी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर लिया गया है.