रोहतक: हरियाणा के जिला रोहतक PGIMS में डॉक्टर टेलीमेडिसिन द्वारा मरीजों का इलाज करेंगे. संस्थान ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सेंटर फोर क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल के साथ करार किया है. जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन हासिल है. इस प्रोजेक्ट का नाम डिजी सहायम है. पीजीआईएमएस के अंतर्गत आने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिड़ी व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डीघल को प्रोजेक्ट के साथ जोड़ा गया है. इन केंद्रों में इलाज के लिए आने वाले मरीज टेलीमेडिसिन की सुविधा का फायदा उठा सकेंगे. शुरुआत में 3 दिन तक बाल रोग, त्वचा रोग व मेडिसिन की ओपीडी लगेगी.
इस दौरान सेंटर फॉर डिजिटल हेल्थ, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के उप निदेशक डॉ. अरुण जोस ने टेलीमेडिसिन की तमाम प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी. इससे पहले टेलीमेडिसिन का यह प्रोजेक्ट पिछले 2 साल से तमिलनाडु के 2 जिलों में सफलतापूर्वक चल रहा है. पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डॉ. डी प्रभाकरण ने बताया कि जीवन शैली आधारित बीमारियों का इलाज टेलीमेडिसिन पद्धति के जरिए किया जाएगा. फिलहाल यह पायलट प्रोजेक्ट एक साल तक यहां चलेगा. सफल होने पर इसे भविष्य में भी जारी रखा जाएगा.
क्या है टेलीमेडिसिन: दरअसल, टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की एक उभरती हुई तकनीक है. सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों में मरीजों का इलाज किया जाता है. टेलीमेडिसिन पद्धति का इस्तेमाल कर डॉक्टर सीधे तौर पर मरीज से बातचीत कर इलाज मुहैया कराते हैं.आईटी आधारित हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की सहायता से रियल टाइम आधार पर ईसीजी, रेडियोलॉजिकल इमेज भी तुरंत भेज दी जाती हैं. वहीं, हेल्थ यूनिवर्सिटी की वीसी डॉ. अनीता सक्सेना ने कहा कि शुरुआत में बुधवार को बाल रोग, वीरवार को त्वचा रोग और शुक्रवार को मेडिसिन से संबंधित ओपीडी संचालित होंगी. इस माह के अंत तक यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी.
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