रोहतकः बॉन्ड पॉलिसी को लेकर सरकार और मेडिकल छात्रों के बीच अभी तक गतिरोध बना हुआ है. पॉलिसी का विरोध कर रहे मेडिकल छात्रों की सरकार से (Bond Policy Controversy) वार्ता विफल रहती है तो पीजीआईएमएस की (Medical services in PGIMS will collapse) चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी. मेडिकल कॉलेज में ओपीडी पहले ही बंद हैं. इस आंदोलन को आज 25 दिन हो गए हैं. रेजीडेंट डॉक्टर्स के बाद मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, गैर शिक्षक कर्मचारी संघ और नर्सिंग एसोसिएशन ने बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे मेडिकल छात्रों का समर्थन किया है.
हेल्थ यूनिवर्सिटी की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के एमबीबीएस छात्रों व रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की हड़ताल का समर्थन करने पर पीजीआईएमएस प्रशासन और प्रदेश सरकार दबाव में आ गई है. कमेटी में शामिल हरियाणा स्टेट मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, हेल्थ यूनिवर्सिटी की गैर शिक्षक कर्मचारी संघ व नर्सिंग एसोसिएशन ने तय किया है कि अगर एमबीबीएस छात्रों की मांगों को नहीं माना गया तो शुक्रवार से वे भी इलेक्टिव ऑपरेशन नहीं करेंगे.
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हरियाणा स्टेट मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के डॉ. आरबी जैन, हेल्थ यूनिवर्सिटी की गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के प्रधान रवि सांगवान व नर्सिंग एसोसिएशन के प्रधान विकास फौगाट ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि शनिवार सुबह 9 बजे से पीजीआईएमएस की इमरजेंसी में भी नए मरीज भर्ती नहीं किए जाएंगे. सोमवार सुबह 9 बजे से इमरजेंसी सर्विस जैसे आईसीयू व लेबर रूम की सेवाएं भी बंद कर दी जाऐंगी.
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छात्रों पर होगी कार्रवाई: पीजीआईएमएस (PGIMS in Rohtak) के डायरेक्टर ने गुरुवार देर रात को एक पत्र जारी कर प्रदर्शन कर रहे मेडिकल छात्रों से आंदोलन खत्म नहीं करने पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. पत्र में आंदोलन कर रहे मेडिकल छात्रों को हॉस्टल खाली करने और 4 नवंबर की रात दर्ज एफआईआर वापस नहीं लेने की धमकी दी गई.