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रेजीडेंट डॉक्टर्स ने मरीजों के हित में वापस ली हड़ताल, रोहतक पीजीआई में छात्रों का प्रदर्शन जारी

पीजीआईएमएस में रेजीडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल वापस लेने के बावजूद MBBS छात्र (MBBS students on strike at Rohtak) धरने पर हैं. छात्रों (MBBS students against bond policy) ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती यह आंदोलन जारी रहेगा. छात्रों ने कहा कि रेजीडेंट डॉक्टर्स ने मरीजों के हित को देखते हुए हड़ताल वापस ली है.

MBBS students on strike at Rohtak PGIMS MBBS students against bond policy
रोहतक पीजीआईएमएस में धरने पर MBBS छात्र, बोले- रेजीडेंट डॉक्टर्स ने मरीजों के हित में वापस ली हड़ताल
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Published : Dec 2, 2022, 7:25 PM IST

रोहतकः पीजीआईएमएस रोहतक (Rohtak PGIMS) में रेजीडेंट डॉक्टर्स ने बेशक अपनी हड़ताल वापस ले ली हो लेकिन MBBS छात्र (MBBS students on strike at Rohtak) अभी भी धरनास्थल पर जुटे हुए हैं. MBBS छात्रों ने शुक्रवार को एक बार फिर कहा कि सरकार के मांगें नहीं मानने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. छात्रों को किसी भी सूरत में यह पॉलिसी मंजूर नहीं है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ हुई वार्ता से भी वे संतुष्ट नहीं हैं. इसलिए आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया है.

पीजीआईएमएस की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने गुरुवार देर रात को अपनी हड़ताल वापस ले ली थी. इस के बाद शुक्रवार सुबह से वे ओपीडी सेवाओं में काम पर लौट आए हैं. जबकि MBBS छात्र अभी भी पीजीआईएमएस (Rohtak PGIMS) में डीन व डायरेक्टर ऑफिस के सामने धरना दे रहे हैं. एमबीबीएस छात्र प्रिया कौशिक व पंकज बिट्टू का कहना है कि रेजीडेंट डॉक्टर्स ने मरीजों के हित में अपनी हड़ताल वापस ली है. हड़ताल की वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर के लिए मरीज की देखभाल सबसे जरुरी है.

पढ़ें: हरियाणा में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, आज से काम पर लौटे डॉक्टर

हालांकि रेजीडेंट डॉक्टर्स का समर्थन अब भी MBBS छात्रों के साथ है. उन्होंने कहा कि वे शुरुआत से यह मांग कर रहे हैं कि इस पॉलिसी को पूर्ण रूप से वापस लिया जाए. जिस तरह से सरकार ने यह पॉलिसी लागू की है, वह तर्क संगत नहीं है. मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इसे हर हाल में लागू करने पर आमादा हैं. उधर, पीजीआईएमएस रोहतक की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ. अंकित गुलिया का कहना है कि 2 दिन पहले मुख्यमंत्री के साथ चंडीगढ़ में विस्तृत वार्ता हुई थी. जिसमें तमाम बातों को सीएम के सामने रखा गया था. अब मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए हड़ताल वापस ली गई है.

पढ़ें: बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे MBBS छात्रों के समर्थन में उतरे खाप प्रधान

रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने भी MBBS छात्रों की मांगों का समर्थन किया है. संघ का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को पीजीआईएमएस में धरनास्थल पर पहुंचा और बॉन्ड पॉलिसी का खुलकर विरोध किया. राज्य महासचिव रामकिशन ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा सही नहीं है. इसलिए वार्ता के बावजूद समाधान नहीं किया जा रहा है. सरकार की योजना मेडिकल शिक्षा का व्यवसायीकरण, निजीकरण करने की है.

रोहतकः पीजीआईएमएस रोहतक (Rohtak PGIMS) में रेजीडेंट डॉक्टर्स ने बेशक अपनी हड़ताल वापस ले ली हो लेकिन MBBS छात्र (MBBS students on strike at Rohtak) अभी भी धरनास्थल पर जुटे हुए हैं. MBBS छात्रों ने शुक्रवार को एक बार फिर कहा कि सरकार के मांगें नहीं मानने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. छात्रों को किसी भी सूरत में यह पॉलिसी मंजूर नहीं है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ हुई वार्ता से भी वे संतुष्ट नहीं हैं. इसलिए आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया है.

पीजीआईएमएस की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने गुरुवार देर रात को अपनी हड़ताल वापस ले ली थी. इस के बाद शुक्रवार सुबह से वे ओपीडी सेवाओं में काम पर लौट आए हैं. जबकि MBBS छात्र अभी भी पीजीआईएमएस (Rohtak PGIMS) में डीन व डायरेक्टर ऑफिस के सामने धरना दे रहे हैं. एमबीबीएस छात्र प्रिया कौशिक व पंकज बिट्टू का कहना है कि रेजीडेंट डॉक्टर्स ने मरीजों के हित में अपनी हड़ताल वापस ली है. हड़ताल की वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर के लिए मरीज की देखभाल सबसे जरुरी है.

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हालांकि रेजीडेंट डॉक्टर्स का समर्थन अब भी MBBS छात्रों के साथ है. उन्होंने कहा कि वे शुरुआत से यह मांग कर रहे हैं कि इस पॉलिसी को पूर्ण रूप से वापस लिया जाए. जिस तरह से सरकार ने यह पॉलिसी लागू की है, वह तर्क संगत नहीं है. मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इसे हर हाल में लागू करने पर आमादा हैं. उधर, पीजीआईएमएस रोहतक की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ. अंकित गुलिया का कहना है कि 2 दिन पहले मुख्यमंत्री के साथ चंडीगढ़ में विस्तृत वार्ता हुई थी. जिसमें तमाम बातों को सीएम के सामने रखा गया था. अब मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए हड़ताल वापस ली गई है.

पढ़ें: बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे MBBS छात्रों के समर्थन में उतरे खाप प्रधान

रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने भी MBBS छात्रों की मांगों का समर्थन किया है. संघ का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को पीजीआईएमएस में धरनास्थल पर पहुंचा और बॉन्ड पॉलिसी का खुलकर विरोध किया. राज्य महासचिव रामकिशन ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा सही नहीं है. इसलिए वार्ता के बावजूद समाधान नहीं किया जा रहा है. सरकार की योजना मेडिकल शिक्षा का व्यवसायीकरण, निजीकरण करने की है.

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