रोहतकः महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू के लगाए गए आरोपों को पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने खंडन किया है. विधायक के आरोपों का पलटवार करते हुए मनीष ग्रोवर ने कहा कि जो कुंडू के खुद के पास 7 हजार करोड़ की संपत्ति है वो कहां से आई है. उन्होंने कहा कि मुझ पर आरोप लगाने से पहले बलराज कुंडू खुद को देखे. मनीष ग्रोवर ने कहा कि वो जांच के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
अनपी संपत्ति की जानकारी दें कुंडू- मनीष ग्रोवर
पूर्व सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर पर महम से विधायक बलराज कुंडू द्वारा अपने चहेतों को लाभ देने के चलते भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जिसका जवाब देने के लिए आखिरकार पूर्व सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर मीडिया के सामने आए. ग्रोवर ने कहा कि कूंडू की 40 मिनट की प्रेस वार्ता का कोई भी सही सार निकलकर सामने नहीं आ रहा. उन्हें विधायक बने हुए 2 महीने हुए हैं, इसलिए मुझ पर आरोप लगाने की बजाय महम की जनता के विकास के लिए काम करें.
जांच के लिए पूरी तरह से तैयार- मनीष ग्रोवर
बलराज कुंडू पर पलटवार करते हुए मनीष ग्रोवर ने कहा कि बलराज कुंडू ने कहा था कि 7 हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं तो सबसे पहले वो ये बताएं कि जिस 7हजार करोड़ की संपत्ति कि वो बात करते हैं, वो संपत्ति उनके पास कहां से आई है. उन्होंने कहा कि मुझ पर कांग्रेस नेता करण दलाल ने भी विधानसभा में आरोप लगाए थे, लेकिन कुछ नहीं निकला. उन्होंने कहा कि मैं जांच के लिए पूरी तहर से तैयारी हूं जब चाहे वो जांच करवा लें.
समर्थन वापस लेना कुंडू का निजी फैसला- मनीष ग्रोवर
उन्होंने कहा कि आज तो बलराज कुंडू अब निर्दलीय विधायक है, लेकिन वो पिछली 5 साल की सरकार के दौरान भारतीय जनता पार्टी में ही थे, अगर उन्हें ऐसा लग रहा था तो संगठन में आवाज उठा सकते थे. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के संगठन में प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष व छोटा सा कार्यकर्ता सभी बराबर है. जहां तक इस मुद्दे पर सरकार से समर्थन वापस लेने की बात है, तो यो उनका फैसला हो सकता है, इसमें मेरी कोई भागीदारी नहीं है.
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बलराज कुंडू के आरोप
गौरतलब है कि महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने पूर्व सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर पर भ्रष्टाचारी का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि रोहतक शहर में सड़कों के निर्माण का जो टेंडर 455 रूपये प्रति स्कवेयर मीटर में हो सकता था, वो 900 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर के हिसाब से करवाया गया. साथ ही कुंडू ये भी आरोप लगाया कि सहकारिता राज्यमंत्री होने के चलते हरियाणा की सभी शुगर मिल उनके अधीन थी और शुगर मिलों से शीरा खरीदने का काम भी उन्होंने अपने रिश्तेदार की कंपनी को कम दामों में दिया.