रोहतक: महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) प्रशासन इन दिनों कसमोकस में है, क्योंकि बहुत ज्यादा मात्रा में विद्यार्थी ऑनलाइन एग्जाम का आवेदन कर रहे हैं. इसके पीछे का कारण कोरोना के बढ़ते मामले बताया जा रहा हैं, लेकिन एमडीयू प्रशासन को शंका है कि कहीं स्टूडेंट कोविड का झूठा बहाना बना ऑनलाइन एग्जाम देने की तो नहीं सोच रहे हैं. हालांकि एमडीयू प्रशासन विद्यार्थियों द्वारा दिए गए कोविड प्रमाणपत्र की जांच करेगा और अगर कागजात जाली पाए गए तो यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार कार्रवाई भी कर सकता है.
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इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान में आए हैं सबसे ज्यादा आवेदन
एमडीयू के इंजीनियरिंग और प्रौधोगिकी संस्थान(यूआईईटी) में अकेले 2500 से ज्यादा आवेदन ऑनलाइन एग्जाम देने के लिए आए हैं. इसके पीछे बढ़ते कोविड को कारण बताया जा रहा है. अकेले एक विभाग में इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आना स्टूडेंट की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है.
हालांकि वजह के साथ-साथ स्टूडेंट ने कोविड सर्टिफिकेट भी दिए हैं. जिनकी जांच एमडीयू द्वारा की जाएगी. ताकि ये सुनिश्चित किया जाए कहीं कोविड प्रमाणपत्र झूठे तो नहीं हैं. स्टूडेंट का रुझान ऑनलाइन एग्जाम में अचानक बढ़ना एमडीयू प्रशासन को चिंता में डाल रहा है. हालांकि यूआईईटी के अलावा और डिपार्टमेंट में भी ऑनलाइन एग्जाम के लिए आवेदन आ रहे हैं.
'ज्यादातर दूसरे राज्य के छात्रों ने की है ऑनलाइन एग्जाम की मांग'
वहीं दूसरी तरफ एमडीयू प्रशासन के अधिकारियों का कहना है ऑनलाइन एग्जाम के लिए स्टूडेंट के आवेदन आ रहे हैं, लेकिन साथ ही एमडीयू ने ये भी कहा कि दूसरे राज्यों के ज्यादातर स्टूडेंट ने ऑनलाइन एग्जाम की बात कही है.
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एमडीयू प्रशासन है पूरी तरह से तैयार: रजिस्ट्रार
एमडीयू के रजिस्ट्रार गुलशन तनेजा का कहना है कि एग्जाम चाहे ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन एमडीयू प्रशासन पूरी तरह से तैयार है और एग्जाम इस तरह से तैयार किए जा रहे हैं. जिसमें कोई धांधली नहीं हो सकती है.
वहीं दूसरी ओर यूआईईटी के प्रोफेसर युद्धवीर सिंह का कहना है कि ज्यादातर आवेदन यूआईईटी विभाग में आए हैं और उनकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट के कोविड प्रमाणपत्र की जांच भी की जा रही है. अगर जांच में कोई खामी पाई गई. तो स्टूडेंट पर यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.