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ऑनलाइन शिक्षा अभिभावकों के लिए परेशानी, पढ़ाई छोड़ बच्चे खेल रहे गेम

ऑनलाइन पढ़ाई अब अध्यापकों और अभिभावकों दोनों के लिए नई चुनौती पैदा कर रही है. अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे पढ़ाई के बहाने दिनभर फोन में गेम खेलते हैं. इससे उनके भविष्य पर बुरा असर तो पड़ ही रहा है साथ ही साथ उनके स्वास्थ्य पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है.

Demerit of online education
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Published : Aug 4, 2020, 9:11 PM IST

रोहतक: कोरोना वायरस ने लोगों के सामने कई चुनौतियां पैदा की हैं. इस वायरस को रोकने के लिए 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था. इस लॉकडाउन के जरिए सब कुछ बंद करना पड़ा था. स्कूल, कॉलेज, बाजार, जिम, परिवहन सेवा समेत सभी चीजें बंद करनी पड़ी थी.

ऑनलाइन शिक्षा बनी नई परेशानी

लॉकडाउन शुरू होने से लेकर अनलॉक-3 तक स्कूल और कॉलेज बंद पड़े हैं. बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई व्यवस्था शुरू की गई, लेकिन इन दिनों किसी भी माता पिता के लिए बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई अब एक नई चुनौती और मुसीबत बनता जा रहा है. डिजिटल क्लासेज से बच्चों की पढ़ाई तो हो रही है, लेकिन परिवार को इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

ऑनलाइन शिक्षा अभिभावकों के लिए बन रही बड़ी परेशानी, बच्चे फोन का कर रहे मिसयूज.

बच्चे फोन का कर रहे हैं मिसयूज

बता दें कि, अब ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर बच्चों ने टाइम पास का नया जरिया बना लिया है. ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चे फोन पर पढ़ाई कम बल्कि गेम ज्यादा खेल रहे हैं. बच्चे पढ़ाई में बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं. कार्टून और गेम की तरफ ज्यादा समय दे रहे हैं. लॉकडाउन में स्कूल बंद पड़े हैं और मोबाइल फोन के जरिए पढ़ाई की जा रही है, लेकिन बच्चे मोबाइल फोन का गलत फायदा उठाकर स्टडी न के बराबर कर रहे हैं.

गेम और कार्टून पर दे रहे ध्यान

जब अध्यापक बच्चों को ऑनलाइन होमवर्क देते हैं तो बच्चे फोन मिलने का फायदा उठाते है और होमवर्क करने की बजाय गेमवर्क करते हैं. बच्चे दिनभर घंटों तक गेम्स और कार्टून में लगे रहते हैं जिसके बाद बच्चों का ध्यान लगातार पढ़ाई की ओर से कम होता जा रहा है. अब इस ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों के भविष्य का तो नुकसान हो ही रहा है साथ ही अभिभावक और अध्यापकों की भी चिंता बढ़ गई है.

ये भी पढ़ें- हेलमेट पहनने से 69 प्रतिशत कम होता है मौत का खतरा, यहां जानें कितना सुरक्षित है आपका 'कवच'?

इसके अलावा ऑनलाइन पढाई के चलते बच्चों की आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. अभिभावक पूजा ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं और बच्चे सारा दिन फोन में कार्टून और गेम खेलते रहते हैं. स्कूल से ऑनलाइन काम जरूर आता है लेकिन बच्चों का ध्यान पढ़ाई में कम और फोन में ज्यादा चला जाता है. अब बच्चे फोन के आदी हो गए हैं.

वहीं स्कूल की प्रिसिंपल ने भी बच्चों की चिंता करते हुए बताया कि अभिभावकों को बच्चों के साथ कुछ वक्त बिताना चाहिए और उन पर नजर भी रखनी चाहिए कि आखिर उनका बच्चा फोन में पढ़ाई कर रहा है या गेम्स या कार्टून देख रहा है. इसलिए स्कूल में शिक्षकों के साथ-साथ घर में बच्चे पर ध्यान देने की जिम्मेदारी अभिभावकों की भी है.

रोहतक: कोरोना वायरस ने लोगों के सामने कई चुनौतियां पैदा की हैं. इस वायरस को रोकने के लिए 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था. इस लॉकडाउन के जरिए सब कुछ बंद करना पड़ा था. स्कूल, कॉलेज, बाजार, जिम, परिवहन सेवा समेत सभी चीजें बंद करनी पड़ी थी.

ऑनलाइन शिक्षा बनी नई परेशानी

लॉकडाउन शुरू होने से लेकर अनलॉक-3 तक स्कूल और कॉलेज बंद पड़े हैं. बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई व्यवस्था शुरू की गई, लेकिन इन दिनों किसी भी माता पिता के लिए बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई अब एक नई चुनौती और मुसीबत बनता जा रहा है. डिजिटल क्लासेज से बच्चों की पढ़ाई तो हो रही है, लेकिन परिवार को इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

ऑनलाइन शिक्षा अभिभावकों के लिए बन रही बड़ी परेशानी, बच्चे फोन का कर रहे मिसयूज.

बच्चे फोन का कर रहे हैं मिसयूज

बता दें कि, अब ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर बच्चों ने टाइम पास का नया जरिया बना लिया है. ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चे फोन पर पढ़ाई कम बल्कि गेम ज्यादा खेल रहे हैं. बच्चे पढ़ाई में बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं. कार्टून और गेम की तरफ ज्यादा समय दे रहे हैं. लॉकडाउन में स्कूल बंद पड़े हैं और मोबाइल फोन के जरिए पढ़ाई की जा रही है, लेकिन बच्चे मोबाइल फोन का गलत फायदा उठाकर स्टडी न के बराबर कर रहे हैं.

गेम और कार्टून पर दे रहे ध्यान

जब अध्यापक बच्चों को ऑनलाइन होमवर्क देते हैं तो बच्चे फोन मिलने का फायदा उठाते है और होमवर्क करने की बजाय गेमवर्क करते हैं. बच्चे दिनभर घंटों तक गेम्स और कार्टून में लगे रहते हैं जिसके बाद बच्चों का ध्यान लगातार पढ़ाई की ओर से कम होता जा रहा है. अब इस ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों के भविष्य का तो नुकसान हो ही रहा है साथ ही अभिभावक और अध्यापकों की भी चिंता बढ़ गई है.

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इसके अलावा ऑनलाइन पढाई के चलते बच्चों की आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. अभिभावक पूजा ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं और बच्चे सारा दिन फोन में कार्टून और गेम खेलते रहते हैं. स्कूल से ऑनलाइन काम जरूर आता है लेकिन बच्चों का ध्यान पढ़ाई में कम और फोन में ज्यादा चला जाता है. अब बच्चे फोन के आदी हो गए हैं.

वहीं स्कूल की प्रिसिंपल ने भी बच्चों की चिंता करते हुए बताया कि अभिभावकों को बच्चों के साथ कुछ वक्त बिताना चाहिए और उन पर नजर भी रखनी चाहिए कि आखिर उनका बच्चा फोन में पढ़ाई कर रहा है या गेम्स या कार्टून देख रहा है. इसलिए स्कूल में शिक्षकों के साथ-साथ घर में बच्चे पर ध्यान देने की जिम्मेदारी अभिभावकों की भी है.

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