रोहतक: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध का (Russia Ukraine War) आज छठा दिन है. दोनों देशों में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं है. कीव पर रूस की सेना की कब्जे की तैयारी है. इसी बीच भारत सरकार द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन गंगा' के तहत अब तक 1836 नागरिकों को स्वदेश लाया गया है, लेकिन अभी भी कई हजार भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हैं. उन्हीं में से एक हरियाणा की छात्रा मनीषा ने मंगलवार को कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा से मोबाइल फोन पर बातचीत की.
इस छात्रा ने बताया कि यूक्रेन में बड़ी भयानक स्थिति है. पोलैंड बॉर्डर में भारतीयों को घुसने नहीं दिया जा रहा है. इस छात्रा के ग्रुप में कुल 8 छात्र-छात्राएं हैं जिसमें से 6 हरियाणा के हैं. वे सभी हंगरी बार्डर की ओर जा रहे हैं. दीपेंद्र हुड्डा ने भरोसा दिलाया कि वे खुद विदेश मंत्री और यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भारत के जिन मंत्रियों की ड्यूटी लगाई है, उनसे बात करके पूरी मदद कराने का हर प्रयास करेंगे. दीपेन्द्र हुड्डा ने यूक्रेन में भारतीय छात्र नवीन की हमले में हुई मौत की पर भी दुख जताया.
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कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यूक्रेन में भारतीय छात्र के साथ हुई दुःखद घटना से पूरे देश में शोक की लहर है. जब कीव में कर्फ्यू है, बसें, ट्रेनें आदि सब बंद हैं और बाहर लगातार युद्ध का माहौल है, तब फौरन शहर छोड़िए जैसी एडवाइजरी छात्रों का मनोबल तोड़ने वाली है. यह वक्त यूक्रेन से सटे सभी देशों को भारत की ताकत का एहसास कराने का है. सरकार को तत्काल बॉर्डर स्टेट्स से संपर्क कर सभी छात्रों को सकुशल वापस भारत लाने का रणनीतिक रोड मैप बनाना होगा.
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सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने भारत सरकार से आग्रह किया कि पोलैंड, हंगरी, बेलारूस, रोमानिया, यूक्रेन, रूस आदि सरकारों से तुरंत बातकर भारतीयों के लिए बॉर्डर खुलवाए जाएं और सभी को सुरक्षित वापस लाया जाए. इस काम में एक पल की भी देरी घातक साबित हो सकती है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि यूक्रेन सीमा से सटे कुछ देश हमारे छात्रों को एंट्री देने से झिझक रहे हैं जबकि, पोलैंड समेत इन देशों से भारत के आर्थिक रिश्ते हैं. उन्होंने यूक्रेन से सभी भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए केंद्र सरकार से त्वरित कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि भारत सरकार ये घोषित करे कि इन सभी देशों से हमारे भविष्य के रिश्ते आज की उनकी संवेदनशीलता पर निर्भर होंगे. दिल्ली में सरकार इन सभी देशों के राजदूतों को बुला यह बात स्पष्ट करे.
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