रोहतक: अगर किसी भी सुविधा के लिए आप गूगल से नंबर सर्च कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए. दरअसर साइबर फ्रॉड कई असली कंपनी के नाम फेक आईडी बनाकर गूगल पर नंबर डाल रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि भोले-भाले लोगों को यह भी पता नहीं चल पाता है कि असली नंबर कौन और फेक नंबर कौन है. इसी का फायदा साइबर अपराधी उठाते हैं. हरियाणा के रोहतक में भी आए दिन साइबर क्राइम की घटनाएं सामने आ रही हैं. साइबर फ्रॉड आए दिन लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठग रहे हैं. साइबर ठगी का नया मामला रोहतक की भरत कॉलोनी से सामने आया है. पीड़ित जियो कंपनी का फाइबर कनेक्शन लगवाने के चक्कर में साइबर ठगी का शिकार हो गया. पीड़ित की शिकायत पर साइबर पुलिस स्टेशन ने इस संबंध में केस दर्ज कर लिया है.
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साइबर पुलिस स्टेशन से मिली जानकारी के अनुसार, साइबर फ्रॉड आए दिन नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं. भरत कॉलोनी निवासी कृष्ण कुमार ने जियो कंपनी का फाइबर कनेक्शन लगवाने के लिए गूगल पर नंबर सर्च किया. इसके बाद उसे एक नंबर मिला, जिस पर उसने अपने मोबाइल फोन नंबर से कॉल कर संपर्क किया. संपर्क करने पर कहा गया कि दूसरे नंबर से कॉल आएगी. कुछ देर बाद एक अन्य नंबर से कृष्ण कुमार के पास कॉल आई. कॉल करने वाले ने कहा कि वे एक लिंक भेज रहे हैं. फिर एक लिंक आया, जिस पर इस व्यक्ति ने क्लिक कर दिया. इसके बाद एक और लिंक आया. उस पर क्लिक कर दिया गया.
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इसके बाद कृष्ण कुमार के मोबाइल फोन पर एनी डेस्क ऐप डाउनलोड करवा दिया गया. ऐप डाउनलोड करते ही उसे फेडरल बैंक के क्रेडिट कार्ड से एक लाख 92 हजार 409 रुपये कट गए. फिर आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम से 90 हजार 750 रुपये कटने का मैसेज आया. इस तरह से कुल 2 लाख 83 हजार 159 रुपये की ठगी कर ली गई. फिर कृष्ण कुमार ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दी.
रोहतक की भरत कॉलोनी में साइबर ठगी का मामला सामने आया है. जियो कंपनी का फाइबर कनेक्शन लगवाने के नाम पर व्यक्ति से 2 लाख 83 हजार 159 रुपये की ठगी हुई है. पीड़ित की शिकायत के आधार पर इस संबंध में आईपीसी की धारा-420 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. मामले में आगामी जांच शुरू कर दी गई है. - कुलदीप कुमार, पुलिस स्टेशन एसएचओ