रोहतक: पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के एक केस में 2 साल की सजा सुनाए जाने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जिला कोर्ट ने सजा दी है तो आगे अपील हो जाएगी. यह चीज कोई मायने नहीं रखती है. न्याय तंत्र को राजनीति से जुड़े मामलों में बहुत ही संतुलन बनाकर अपने फैसले लेने चाहिए. इसका असर सामाजिक व्यवस्था पर भी पड़ता है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा स्तंभ न्याय तंत्र है और देश में सबकी न्याय तंत्र के प्रति आस्था है. लेकिन न्यायिक प्रक्रिया में राजनीतिक दृष्टिकोण नजर नहीं आना चाहिए.
गौरतलब कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि से जुड़े एक मामले में सूरत जिला न्यायालय ने 2 साल की सजा सुनाई है. दरअसल, वर्ष 2019 में कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी. गांधी ने कहा था कि क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है. राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने मानहानि का केस दर्ज कराया था. रोहतक पहुंचे बीरेंद्र सिंह ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में यह बात कही.
वे यहां शहीदी दिवस समारोह में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. वहीं, उन्होंने विदेश में दिए गए राहुल गांधी के बयान पर मचे बवाल पर भी अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी सभी को होनी चाहिए. लेकिन इसमें भाषा का ध्यान रखना चाहिए. ये कहना कि विदेश में ऐसी बात क्यों कह दी. इस पर मेरा मानना है कि भाषा ठीक है तो विचारों की अभिव्यक्ति में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. इनेलो नेता अभय चौटाला को नेम किए जाने पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि विधायक की आजादी को रोकना गलत है. विधायक को भी चाहिए कि वह व्यवस्था के अनुसार ही काम करें. इस पर यह सोचना चाहिए कि राज में है तो उसकी व्यवस्था अलग और राज में नहीं है तो व्यवस्था अलग हो.
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह अब 2 अक्टूबर को जींद में रैली करेंगे. पहले यह रैली 23 मार्च को होनी थी. लेकिन अब स्थगित कर दी गई. इस रैली के दौरान भुखमरी, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े हुए मुद्दे जोर शोर से उठाए जाएंगे. यह जानकारी खुद बीरेंद्र सिंह वीरवार को यहां मदन लाल धींगड़ा कम्युनिटी सेंटर में दी. वे शहीदी दिवस समारोह में पहुंचे थे. इस समारोह की अध्यक्षता जाट शिक्षण संस्था के पूर्व प्रधान राज सिंह नांदल ने की. इस समारोह के दौरान बीरेंद्र सिंह ने युवाओं और किसानों से जुड़े हुए मुद्दों को प्रमुखता से उठाया.
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उन्होंने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी किसान की हालत में सुधार नहीं हो पाया है. किसान की आर्थिक हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई है. हालांकि सभी सरकारों ने इस दिशा में काम किया. उन्होंने कहा कि वर्ष 1991 से शुरू हुए आर्थिक सुधारों का फायदा उद्योग और वाणिज्य को सबसे ज्यादा हुआ. इस दौरान देश में खूब तरक्की हुई. लेकिन इसका फायदा किसान या खेती को नहीं हुआ. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने गांवों में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा भी समारोह के दौरान उठाया. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी देखने को मिल रही है.
बीरेंद्र सिंह ने इस समारोह में जात-पात और धर्म की राजनीति करने वालों पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की राजनीति से किसी को फायदा होने वाला नहीं है. वहीं, उन्होंने युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृति पर भी चिंता जताई. उन्होंने पंजाब का उदाहरण प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि पंजाब का युवा नशे की वजह से पूर्ण रूप से बर्बाद हो चुका है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने युवाओं के राजनीति में आने की वकालत की.
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