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रोहतक: किसानों ने ओला वृष्टि से हुए नुकसान का सरकार से मांगा मुआवजा

रोहतक में किसानों ने ओलावृष्टि से हुए नुकसान के लिए गिरदावरी की मांग की है. विस्तार से पढ़ें-

farmers demands subsidy for crop destroy by hail storm
ओला वृष्टि से हुए नुकसान का सरकार से मांगा मुआवजा
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Published : Mar 4, 2020, 9:10 PM IST

रोहतक: मौसम विभाग की चेतावनी थी कि 4 तारीख से लेकर 7 तारीख तक प्रदेश में बारिश के साथ ओलावृष्टि हो सकती है. उस चेतावनी को मौसम ने आज रोहतक में सही साबित कर दिया. शाम लगभग 5:00 बजे अचानक बादल उमड़े और अचानक ओलावृष्टि शुरू हो गई. जिसके बाद तेज बारिश भी हुई.

इस ओलावृष्टि ने किसानों के चेहरे पर शिकन बढ़ा दी है. क्योंकि गेहूं व सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है. किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. शाम कोअचानक ओलावृष्टि शुरू हो गई. हालात ऐसे बने कि आसपास के क्षेत्र में सफेद बर्फ की चादर दिखाई देने लगी. इस ओलावृष्टि की वजह से रोहतक जिले के कई गांव में सरसों व गेहूं की फसल में काफी नुकसान हुआ है.

सरसों की फसल में फल आ चुका है और जहां भी ओले लगेंगे. वह पूरी तरह से खराब हो जाएगी. हालांकि ओलावृष्टि के नुकसान का आकलन दो से तीन दिन बाद दिखाई देगा, लेकिन किसानों का कहना है कि जिस तरह की ओलावृष्टि हुई है, उससे उनकी गेहूं व सरसों की फसल में कुछ नहीं बचेगा इसलिए सरकार को चाहिए कि इसकी गिरदावरी करवाकर उन्हें मुआवजा दिया जाए, क्योंकि उनका नुकसान 100% है.

ये भी पढ़िए: 10वीं 12वीं की परीक्षा में नकल रोकने के लिए प्रशासन उतरा सड़कों पर

रोहतक: मौसम विभाग की चेतावनी थी कि 4 तारीख से लेकर 7 तारीख तक प्रदेश में बारिश के साथ ओलावृष्टि हो सकती है. उस चेतावनी को मौसम ने आज रोहतक में सही साबित कर दिया. शाम लगभग 5:00 बजे अचानक बादल उमड़े और अचानक ओलावृष्टि शुरू हो गई. जिसके बाद तेज बारिश भी हुई.

इस ओलावृष्टि ने किसानों के चेहरे पर शिकन बढ़ा दी है. क्योंकि गेहूं व सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है. किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. शाम कोअचानक ओलावृष्टि शुरू हो गई. हालात ऐसे बने कि आसपास के क्षेत्र में सफेद बर्फ की चादर दिखाई देने लगी. इस ओलावृष्टि की वजह से रोहतक जिले के कई गांव में सरसों व गेहूं की फसल में काफी नुकसान हुआ है.

सरसों की फसल में फल आ चुका है और जहां भी ओले लगेंगे. वह पूरी तरह से खराब हो जाएगी. हालांकि ओलावृष्टि के नुकसान का आकलन दो से तीन दिन बाद दिखाई देगा, लेकिन किसानों का कहना है कि जिस तरह की ओलावृष्टि हुई है, उससे उनकी गेहूं व सरसों की फसल में कुछ नहीं बचेगा इसलिए सरकार को चाहिए कि इसकी गिरदावरी करवाकर उन्हें मुआवजा दिया जाए, क्योंकि उनका नुकसान 100% है.

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