रोहतक: किसान अब दिन में नही बल्कि रात के अंधेरे में बेखौफ पैराली जल रहे हैं. वहीं प्रसासनिक अधिकारी सैटेलाइट से नजर रखने के हवा-हवाई दावे कर रहे हैं. किसी को पता न चले इसलिए किसान रात के अंधेरे में पैराली जला रहे है, जिस वजह से सुबह चारों ओर धुंआ ही धुंआ फैल रहा है. जिस वजह से मॉर्निंग वॉक करने वालों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायतें आ रही है.
अभी तक पराली नहीं जलाई गई- डीसी
रोहतक डीसी का दावा है कि अभी तक इलाके में पैराली जलाई ही नहीं गई. पराली जलाने का एक भी मामला दर्ज नहीं है, जबकि वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि कैसे किसान पैराली जला रहे हैं. रात के अंधेरे में किसान धड़ल्ले से पैराली जला रहे हैं. जबकि प्रसाशनिक अधिकारी सैटेलाइट से चूल्हे की आग देखने का भी दावा कर रहे हैं, लेकिन प्रसाशन के सब दावे फैल साबित हो रहा हैं.
सांस के मरीजों के लिए बढ़ी परेशानी
पराली जलने की वजह से एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सरकार और प्रसाशन के प्रदूषण रोकने के तमाम इंतजाम हवा हो रहे हैं. रात को जलाई गई पैराली का असर ये हो रहा है कि सुबह धुंआ फैल रहा है जो बुज़ुर्ग, बच्चे और सांस के मरीजों के लिए काफी खतरनाक है. वहीं किसान भी पैराली जलाने से बाज नहीं आ रहे, रात के अंधेरे में किसी को पता न चले इसके लिए रात को चुपके से पैराली को जला देते हैं.
जिलावासियों को हो रही है परेशानी
पराली जलाने को लेकर जब ईटीवी भारत ने आम लोगों से बातचीत की गई तो लोगों का कहना है कि रात के अंधेरे में किसान पराली तो जला देते हैं, लेकिन इसका असर सुबह दिखाई देता है. सुबह चारों और धुआं ही धुंआ नजर आता है. जिस वजह से आंखों में जलन होती है और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है.
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