रोहतक: संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य बलबीर सिंह राजेवाल की अगुवाई में पंजाब में नई पार्टी के चुनाव लड़ने पर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि ये लोग आंदोलन के नाम पर राजनीति कर (dushyant chautala on samyukt kisan morcha in politics) रहे थे. दरअसल किसान आंदोलन में शामिल 32 में से 22 संगठनों ने संयुक्त समाज मोर्चा के नाम से नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया है. इस पार्टी की अगुवाई बलबीर सिंह राजेवाल करेंगे. यह नई पार्टी सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के कई सदस्यों ने संयुक्त बयान जारी कर पंजाब में नई पार्टी के बारे में स्पष्टीकरण दिया है. जिसमें कहा गया है कि नई पार्टी का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा की कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्य दर्शन पाल, हन्नान मौला, जोगिंदर सिंह उग्राहन, जगजीत सिंह दल्लेवाल, योगेंद्र यादव, युद्धवीर सिंह और शिव कुमार शर्मा कक्का की ओर से जारी बयान के मुताबिक किसान संगठन या नेता चुनाव में भाग लेते हैं, वह मोर्चे में शामिल रह सकते हैं या नहीं, इसके बारे में संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी की होने वाली राष्ट्रीय बैठक में निर्णय लिया जाएगा.
इसी पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पंजाब की जनता इन लोगों को जवाब देगी. डिप्टी सीएम रविवार को रोहतक के मोखरा गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. वहीं, एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को लेकर कानून में बदलाव किए गए हैं और सरकार चाहती है कि इन बदलाव के साथ ही पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव करवाए जाए. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय का इंतजार है और कोर्ट का फैसला जनवरी माह में आने की संभावना है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि फैसला सरकार के पक्ष में आएगा. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हाईकोर्ट में अभी महिलाओं को 50 प्रतिशत और बीसी-ए वर्ग को 8 प्रतिशत आरक्षण देने का मसला लंबित है.
सरकार की मंशा है कि नए संशोधनों का लाभ प्रदेश की जनता को मिले, इसलिए हाईकोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं. दुष्यंत चौटाला ने यह भी कहा कि 2 साल में जो भी गलतियां सामने आई हैं उनमें चाहे एचसीएस अधिकारी अथवा आईपीएस अधिकारी शामिल हो, सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और निष्कासन तक के कदम सरकार ने उठाया. हरियाणा आबकारी संशोधन विधेयक 2021 के बारे में उन्होंने कहा कि पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 5 सालों में लगभग 16-17 हजार ऐसे ही युवा गिरफ्तार किए गए हैं, जिनकी उम्र 21 से 25 वर्ष के बीच की है. नए कानून के तहत 21 साल तक के युवा को शराब पीने व खरीदने का अधिकार रहेगा.
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