रेवाड़ी: पूर्व बिजली मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव की माता के निधन पर शोक प्रकट करने बहादुरगढ़ से कांग्रेस विधायक राजकुमार जून अजय यादव के आवास पर पहुंचे. जहां उन्होंने कैप्टन के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना प्रकट की.
मीडिया से बात करते हुए विधायक राजकुमार जून ने पीटीआई टीचर्स को निकालने पर हरियाणा सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि पहले ओमप्रकाश चौटाला के वक्त में भर्ती हुए शिक्षकों को निकाल दिया गया और अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर पीटीआई टीचर्स को निकाला है.
जून ने कहा कि सभी पीटीआई टीचर्स 10 साल से भी ज्यादा वक्त से सेवाएं दे रहे हैं. उनकी अब दूसरा फॉर्म भरने की उम्र भी निकल चुकी है. ऐसे में उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना उचित नहीं है, क्योंकि अब उनके बच्चे शादी के लायक हो गए हैं. अब ऐसे में पीटीआई टीचर्स अपने बच्चों की परवरिश कैसे कर पाएंगे.
कांग्रेस विधायक ने कहा कि वो सरकार से मांग करते हैं कि विधानसभा में पीटीआई टीचर्स की बहाली के लिए बिल पास करे, ताकि पीटीआई टीचर्स अपने परिवार की आजीविका चला सकें.
वहीं भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प पर विधायक जून ने कहा कि अब 1962 वाली सेना नहीं है. अगर अब युद्ध हुआ तो चीन को मुंह की खानी पड़ेगी. उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि निकम्मी सरकार ने अब जाकर सैनिकों को छूट के आदेश दिए हैं. अगर समय रहते ये आदेश जारी किए होते तो आज हमारे 20 जवानों को शहीद नहीं होना पड़ता.
क्या है पूरा मामला?
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.
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याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा. बाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर हरियाणा सरकार ने 1983 पीटीआई टीचर्स को बर्खास्त कर दिया.