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कोरोना काल में दूसरी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों का कैसे हो रहा इलाज ?

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Published : Aug 27, 2020, 7:39 PM IST

कोरोना संक्रमण के शुरूआती दौर में अस्पतालों में केवल कोरोना के मरीजों पर ही ध्यान दिया जा रहा था, लेकिन अब अस्पतालों में गैर कोरोना मरीजों का इलाज भी लगभग समान्य दिनों की तरह होने लगा है.

condition of patients suffering from non covid diseases in haryana
गैर कोरोना मरीजों का इलाज शुरू

रोहतक: साल 2020 में पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है. भारत भी कोविड 19 से लड़ाई लड़ने वाले टॉप 3 देशों में शामिल है. भारत में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया और फिर 1 अप्रैल से लॉकडाउन. तब से लेकर अब तक धीरे-धीरे लोगों के बीच कोरोना की दहशत कम होती ही नजर आई है. स्थिति ये है कि अब किसी का कोरोना संक्रमित होना सामान्य है, लेकिन ये स्थिति अप्रैल या मई के महीने में नहीं थी.

मरीजों के लिए सेपरेट वॉर्ड

अस्पतालों में भी गैर कोरोना मरीजों का इलाज भी लगभग अब समान्य दिनों की तरह लगभग होने लगा है. हरियाणा के प्रमुख अस्पतालों में से एक रोहतक PGI में भी कोरोना संक्रमितों मरीजों के लिए सेपरेट वॉर्ड बनाए गए हैं. वहीं गैर कोरोना मरीजों के लिए भी व्यवस्था भी बनाई गई है.

क्लिक कर देखिए रिपोर्ट.

गैर कोरोना मरीजों का इलाज शुरू

कोरोना वायरस की वजह से अब तक दूसरी गंभीर बीमारियों वाले मरीज भी अस्पताल जाने से बच रहे थे और उनके जीवन के लिए एक चुनौती खड़ी हो गई थी. डॉक्टरों का भी कहना है कि कोरोना की वजह से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी नहीं हो पा रहा और सर्जरी में भी देरी हुई. हालांकि समय के साथ अब अस्पतालों ने गैर कोरोना मरीजों जैसे कि कैंसर, हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर के मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है.

इलाज से मरीज संतुष्ट!

मरीजों का कहना है कि अस्पताल में सामान्य रुप से इलाज किया जा रहा है. डॉक्टर सही तरीके से इलाज कर रहे हैं और सलाह भी दे रहे हैं. साथ ही कुछ मरीजों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल इधर-उधर चक्कर लगवा रहे हैं. कैंसर वार्ड के सिक्योरटी ने कहा कि मरीजो की भलाई के लिए टोकन सिस्टम लागू किया गया है ताकि मरीजो को भीड़ में आने की जरूरत न पड़े.

'मरीजों को दिया जा रहा प्रॉपर इलाज'

वहीं दूसरी ओर पीजीआई के रजिस्ट्रार एके अग्रवाल का कहना है कि कोविड 19 के चलते मरीजो की संख्या में कमी जरूर आई है, लेकिन गंभीर बीमारी वाले मरीजो को प्रॉपर इलाज दिया जा रहा है.

हर मर्ज की दवा वैक्सीन

ये बात लगभग अब सब जानते हैं कि कोरोना उन लोगों के लिए काल समान है. जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. पिछले कुछ समय के आंकड़े भी सामने आए हैं, जिसमें कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा बुजुर्ग और बीमार लोगों में ज्यादा पाया गया है. ऐसे में स्थिति तब तक पूरी तरह से सामान्य होती नहीं दिख रही है, जब कि बाजार में कोई वैक्सीन उपलब्ध न हो जाए.

पढ़ें- पब्लिशिंग इंडस्ट्री पर पड़ी कोरोना की मार, नहीं बढ़ी शारीरिक शिक्षा की किताबों की बिक्री

रोहतक: साल 2020 में पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है. भारत भी कोविड 19 से लड़ाई लड़ने वाले टॉप 3 देशों में शामिल है. भारत में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया और फिर 1 अप्रैल से लॉकडाउन. तब से लेकर अब तक धीरे-धीरे लोगों के बीच कोरोना की दहशत कम होती ही नजर आई है. स्थिति ये है कि अब किसी का कोरोना संक्रमित होना सामान्य है, लेकिन ये स्थिति अप्रैल या मई के महीने में नहीं थी.

मरीजों के लिए सेपरेट वॉर्ड

अस्पतालों में भी गैर कोरोना मरीजों का इलाज भी लगभग अब समान्य दिनों की तरह लगभग होने लगा है. हरियाणा के प्रमुख अस्पतालों में से एक रोहतक PGI में भी कोरोना संक्रमितों मरीजों के लिए सेपरेट वॉर्ड बनाए गए हैं. वहीं गैर कोरोना मरीजों के लिए भी व्यवस्था भी बनाई गई है.

क्लिक कर देखिए रिपोर्ट.

गैर कोरोना मरीजों का इलाज शुरू

कोरोना वायरस की वजह से अब तक दूसरी गंभीर बीमारियों वाले मरीज भी अस्पताल जाने से बच रहे थे और उनके जीवन के लिए एक चुनौती खड़ी हो गई थी. डॉक्टरों का भी कहना है कि कोरोना की वजह से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी नहीं हो पा रहा और सर्जरी में भी देरी हुई. हालांकि समय के साथ अब अस्पतालों ने गैर कोरोना मरीजों जैसे कि कैंसर, हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर के मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है.

इलाज से मरीज संतुष्ट!

मरीजों का कहना है कि अस्पताल में सामान्य रुप से इलाज किया जा रहा है. डॉक्टर सही तरीके से इलाज कर रहे हैं और सलाह भी दे रहे हैं. साथ ही कुछ मरीजों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल इधर-उधर चक्कर लगवा रहे हैं. कैंसर वार्ड के सिक्योरटी ने कहा कि मरीजो की भलाई के लिए टोकन सिस्टम लागू किया गया है ताकि मरीजो को भीड़ में आने की जरूरत न पड़े.

'मरीजों को दिया जा रहा प्रॉपर इलाज'

वहीं दूसरी ओर पीजीआई के रजिस्ट्रार एके अग्रवाल का कहना है कि कोविड 19 के चलते मरीजो की संख्या में कमी जरूर आई है, लेकिन गंभीर बीमारी वाले मरीजो को प्रॉपर इलाज दिया जा रहा है.

हर मर्ज की दवा वैक्सीन

ये बात लगभग अब सब जानते हैं कि कोरोना उन लोगों के लिए काल समान है. जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. पिछले कुछ समय के आंकड़े भी सामने आए हैं, जिसमें कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा बुजुर्ग और बीमार लोगों में ज्यादा पाया गया है. ऐसे में स्थिति तब तक पूरी तरह से सामान्य होती नहीं दिख रही है, जब कि बाजार में कोई वैक्सीन उपलब्ध न हो जाए.

पढ़ें- पब्लिशिंग इंडस्ट्री पर पड़ी कोरोना की मार, नहीं बढ़ी शारीरिक शिक्षा की किताबों की बिक्री

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