रोहतक: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Haryana CM Manohar Lal Khattar) वीरवार को अपने पैतृक गांव बनियानी पहुंचे. गांव पहुंचते ही सीएम सबसे पहले अपने गांव के उस स्कूल में पहुंचे जहां उन्होंने पहली बार दाखिला लिया था. सीएम ने यहां स्कूली विद्यार्थियों से बातचीत भी की. छात्रों से बातचीत के बाद सीएम ने पत्रकारों से भी बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि चूंकि मौका उनके जन्मदिन का है तो ऐसे में गांव में आकर उनकी बचपन की यादें ताजा हो गई.
सीएम ने कहा कि इस विद्यालय में 6 साल की उम्र पूरी करने पर ही पहली कक्षा में एडमिशन दिया जाता था. उनके परिजनों ने 5 मई 1960 को स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश करवाया था. अध्यापक द्वारा 5 मई को उनके जन्मदिन की तिथि के रूप में दर्ज किया. उन्होंने बताया कि कि उनका जन्म निंदाना गांव में हुआ था जिसके बाद उनका परिवार बनियानी गांव में आकर बस गया.
सीएम ने कहा कि बनियानी गांव में ही उनका बचपन बीता. उन्होंने बचपन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि पहले गांव में रेत की कच्ची गलियां होती थी. जहां बच्चें खेलते थे. आज गांव में काफी विकास हुआ है. सीएम ने कहा कि पहले के दौर में अध्यापक और छात्रों में स्नेह का रिश्ता होता था तथा घर परिवार जैसा वातावरण होता था. अध्यापक विद्यार्थियों का पढ़ाई के मामलें में पूर्ण मार्गदर्शन करते थे. उन्हें घर के सदस्यों की तरह स्नेह करते हुए अच्छे संस्कार देते थे. वर्तमान समय में इसमें काफी बदलाव आया है.
खट्टर ने कहा कि वे गांव में मुख्यमंत्री नहीं बल्कि मनोहर लाल बनकर आए हैं. बचपन में उनकी दादी घर में उन्हें मन्नू के नाम से पुकारती थी. उन्होंने विद्यालय परिसर में बनाई गई मनोहर वाटिका में पौधारोपण किया तथा आंगनवाड़ी के बच्चों सहित इस वाटिका में 68 पौधे रोपे गए. जन्मदिवस के मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को हलवा भेंट किया गया. उन्होंने विद्यालय में विभिन्न कार्यों के लिए 50 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की.
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अच्छी घटनाओं को दिलो-दिमाग में रखकर आगे बढ़े विद्यार्थी- मुख्यमंत्री ने कहा कि एक कहावत के अनुसार मनुष्य को गलती का पुतला बताया गया है. हमें अपनी गलती के बाद सुधार करना चाहिए तथा जीवन की घटनाओं से प्रेरणा लेकर आगे बढना चाहिए. उन्होंने अपने बचपन की कई घटनाओं को सांझा किया और कहा कि शायद इन्हीं घटनाओं से प्रेरणा लेकर वे आज इस पद पर पहुंचे हैं. खट्टर ने अपने मुख्याध्यापक लद्घाराम द्वारा दी गई सीख व आगे बढने की प्रेरणा को भी साझा किया.
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