रोहतक: मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलने वाले रोहतक से बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा को राज्य स्तरीय कबीर जयंती समारोह में स्टेज पर बैठने के लिए अपने नाम की कुर्सी तक नहीं मिली. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने संबोधन में सांसद के नाम (manohar lal ignored arvind sharma) का जिक्र तक नहीं किया. स्टेज पर कुर्सी नहीं मिलने से सांसद नाराज हो गए. इसके बाद स्टेज से नीचे पंडाल में उन्होंने लोगों के साथ मुलाकात की. जिसके बाद वो मीडिया गैलरी में जा बैठे.
इसके बाद मीडिया से बातचीत में सांसद अरविंद शर्मा ने कहा कि उन्हें समारोह का आमंत्रण तक नहीं मिला. दरअसल रविवार को रोहतक की नई अनाज मंडी में राज्य स्तरीय कबीर जयंती समारोह (kabir jayanti program in rohtak) का आयोजन किया गया. इस समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल बतौर मुख्य अतिथि रहे. मुख्यमंत्री के आगमन से पहले बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा स्टेज पर पहुंचे, लेकिन वहां पर उनके नाम की कुर्सी नहीं लगी (bjp mp arvind sharma ignored) हुई थी.
जिसके बाद उन्होंने सबसे पहले स्टेज पर मौजूद राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य कृष्णलाल पंवार को बधाई दी. जब वो स्टेज से जाने लगे तो बीजेपी नेता ने उन्हें राज्यसभा सदस्य डीपी वत्स के साथ की खाली कुर्सी पर बैठा दिया. चंद मिनट बाद ही बीजेपी सांसद वहां से उठ खड़े हुए और नीचे पंडाल में बैठे लोगों से मुलाकात करने लग गए. फिर वो मीडिया गैलरी में ही अपने कुछ समर्थकों के साथ जाकर बैठ गए और मुख्यमंत्री समेत अन्य नेताओं का भाषण वहीं से सुना.
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बीजेपी सांसद का नाम तक नहीं लिया. सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि हरियाणा सरकार में मंत्री अनूप धानक को छोड़कर किसी ने भी अपने संबोधन में अरविंद शर्मा का नाम नहीं लिया. कार्यक्रम खत्म होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में अरविंद शर्मा ने बताया कि रोहतक लोकसभा क्षेत्र का सांसद होने के बावजूद उन्हें कबीर जयंती समारोह का निमंत्रण नहीं मिला. बिना किसी का नाम लिए सांसद ने कहा कि समारोह के आयोजकों को बड़प्पन दिखाना चाहिए था.
संतों के समारोह में निमंत्रण की आवश्यकता नहीं होती. बतौर सांसद तो मुझे समारोह का निमंत्रण मिला नहीं, लेकिन मैं सत्संगी और कबीर पंथी के तौर पर यहां पहुंचा हूं. कार्यक्रम शुरू होने से पहले मैं स्टेज पर पहुंचा. जिसके बाद मैंने वहां मौजूद लोगों से मुलाकात की. इस दौरान मुझे पता चला कि स्टेज पर मेरे नाम की कुर्सी नहीं लगी थी. मुझे इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रण भी नहीं मिला. इज्जत और प्यार मांगने से नहीं मिलता. भगवान सरकार को जल्द सद्बुद्धि दे, यही मेरी कामना है.- अरविंद शर्मा, बीजेपी सांसद
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्टेज से सांसद का नाम तक नहीं लिया. इस सवाल के जवाब में बीजेपी सांसद ने कहा कि ये तो हरियाणा सरकार या मुख्यमंत्री ही बताएंगे कि उनके मन में क्या है. पहरावर गांव की जमीन से जुड़े विवाद पर बीजेपी सांसद ने कहा कि आज तक भी उस जमीन का फैसला नहीं हुआ है. अगर बिरादरी की आवाज उठाने पर इस तरह का व्यवहार किया जाएगा, तो वो फिर बार-बार बिरादरी की आवाज उठाएंगे. उन्होंने कहा कि संत कबीर ने कहा था कि इंसान को घमंड नहीं करना चाहिए और जात पात की बात नहीं करनी चाहिए.
रोहतक के पहरावर गांव की जमीन के बहाने बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वो खुलकर मुख्यमंत्री को निशाने पर ले चुके हैं. यहां तक कि बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार तक के गंभीर आरोप लगाए हैं. दरअसल 4 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल जब रोहतक में विकास रैली को संबोधित करने के लिए आए थे, तब सांसद ने पहरावर की जमीन पर मुद्दा उनके सामने रखा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में इस बात का कोई जिक्र तक नहीं किया. इसके बाद 22 मई को पहरावर गांव में परशुराम जयंती समारोह में उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री व पूर्व मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोला. उन्होंने कहा था कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद मुख्यमंत्री किसी के बहकावे में आकर संस्था को जमीन नहीं दे रहे हैं. अरविंद शर्मा ने तो सीधे तौर पर पूर्व मंत्री और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष ग्रोवर को निकम्मा व मूर्ख तक बता दिया था.
क्या है पूरा मामला? साल 2009 में पहरावर गांव की 16 एकड़ जमीन गांव ने गौर शिक्षण संस्थान को 33 साल की लीज पर दी थी. बाद में पहरावर गांव नगर निगम के अंतर्गत आ गया. संस्था ने कुछ समय तक लीज मनी जमा भी कराई, लेकिन जब लीज मनी जमा नहीं हुई तो ये जमीन नगर निगम के पास चली गई. अब इसी जमीन को नगर निगम से वापस लेने की मांग तेज हो रही है. पहरावर गांव में जमीन का मुद्दा अप्रैल 2022 में तब गर्माया जब 23 अप्रैल को इस जमीन पर हवन यज्ञ किया गया. तब आप के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने यहां लगा नगर निगम का बोर्ड भी उखाड़ दिया था. इसके बाद से ये मुद्दा राजनीतिक हो गया.
हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP