रोहतक: विधानसभा चुनाव आते ही राजनीतिक पार्टियों ने दांव चलने शुरु कर दिए हैं. नेताओं का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रोहतक में अतिथि अध्यापकों के एक कार्यक्रम में शिरकत की. जहां उन्होंने कर्मचारियों की समस्याओं के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि 'हमने ठेकेदारी प्रथा को हटाकर सीधी भर्ती करने का जो फैसला किया है, उससे बहुत लोगों को फायदा मिला है.'
पिछली सरकार पर आरोप
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश के अतिथि अध्यापक और कंप्यूटर टीचर की दिक्कत उनके सामने आई है. उसके लिए पुरानी सरकारें जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्होंने सही नीति और मापदंड के अनुसार भर्तियां नहीं की थीं. सीएम ने कहा कि पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला अध्यापक भर्ती मामले में 10 साल की सजा काट रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम अपने 10 साल के शासनकाल में सिर्फ 65000 नौकरियां दे पाए. इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि इस सरकार में 80 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है.
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हाइकोर्ट का फैसला
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि जो भर्तियां स्थाई थीं. उनके लिए भी पिछली सरकार ने किसी मानक के अनुसार काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में प्रक्रियाएं दुरुस्त हुई हैं और रोजगार के मामले में प्रदेश पटरी पर लौटा है. सीएम ने अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा कि 'हाइकोर्ट ने कहा था कि अतिथि अध्यापकों का कार्यकाल एक भी दिन आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है, उसके बाद भी मौजूदा सरकार ने उन्हें अपने पद पर बरकरार रखा.'
बता दें कि पिछले कई दिनों से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अतिथि अध्यापक अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. कई जगहों पर तो सीएम का पुतला जलाकर लोगों ने अपना रोष व्यक्त किया है. लेकिन सरकार इस मसले को हल करने के बजाए पिछली सरकारों की नीतियों की कमियां गिनाने में व्यस्त है.