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बूथ कैपचरिंग मामला: कोर्ट ने दिया मंत्री मनीष ग्रोवर पर केस दर्ज करने का आदेश

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Published : Jun 4, 2019, 4:53 PM IST

Updated : Jun 4, 2019, 6:11 PM IST

बूथ कैपचरिंग मामले में सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. रोहतक कोर्ट ने मामले में पुलिस को ग्रोवर के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

डिजाइन फोटो.

रोहतक: कोर्ट ने ये आदेश रोहतक बार एसोसिएशन के प्रधान लोकेंद्र फौगाट की शिकायत पर सुनवाई करते हुए पुलिस को दिए हैं.

दरअसल 12 मई को हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए हो रही वोटिंग के दौरान मनीष ग्रोवर और हिस्ट्री शीटर रमेश लोहार सहित कई लोग बूथ के अंदर थे. इसी दौरान पूर्व कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा और रोहतक बार एसोसिएशन के प्रधान लोकेंद्र फौगाट के साथ विवाद हो गया था.

क्लिक सुनें बयान.

पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मामले की जानकारी मिलने के बाद मनीष ग्रोवर पर बूथ कैप्चरिंग के आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत की थी. अब कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर और हिस्ट्री सीटर रमेश लौहार पर धारा 420,120 बी, 506 सहित 11 धाराएं लगाते हुए पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

वहीं मामला दर्ज होने पर राज्य सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने कहा है कि हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं.

रोहतक: कोर्ट ने ये आदेश रोहतक बार एसोसिएशन के प्रधान लोकेंद्र फौगाट की शिकायत पर सुनवाई करते हुए पुलिस को दिए हैं.

दरअसल 12 मई को हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए हो रही वोटिंग के दौरान मनीष ग्रोवर और हिस्ट्री शीटर रमेश लोहार सहित कई लोग बूथ के अंदर थे. इसी दौरान पूर्व कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा और रोहतक बार एसोसिएशन के प्रधान लोकेंद्र फौगाट के साथ विवाद हो गया था.

क्लिक सुनें बयान.

पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मामले की जानकारी मिलने के बाद मनीष ग्रोवर पर बूथ कैप्चरिंग के आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत की थी. अब कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर और हिस्ट्री सीटर रमेश लौहार पर धारा 420,120 बी, 506 सहित 11 धाराएं लगाते हुए पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

वहीं मामला दर्ज होने पर राज्य सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने कहा है कि हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- आग पर आस्था भारी
प्रचंड गर्मी पड़ रही है। पारा 46 के पार जा रहा है। लोगों का घरों से निकलना तक दूभर हो रहा है। डॉक्टर भी भीषण गर्मीं में लोगों को 11 - 3 बजे तक घरों से बाहर नहीं आने की बात कह रहे हैं , लेकिन इस जानलेवा गर्मी में आग के बीच एक साधु आसपास आग जलाकर खुले आसमान के नीचे जान हथेली पर रखकर विश्व शांति , प्राकृतिक आपदा रोकने के साथ - साथ लोगों की भलाई के लिए तपस्या कर रहा है।
साधु का नाम जयराम दास महाराज है , जो पिछले करीब 4 - 5 माह से भिवाड़ी राजस्थान मंदिर से पुन्हाना खंड के गांव दल्लाबास में शिव मंदिर में रह रहा है। साधु ने 20 मई को साधना शुरू की जो आगामी 30 जून तक लगातार 41 दिन तक जारी रहेगी। साधु इससे पहले भिवाड़ी में सूर्य नारायण की तपस्या करीब 41 दिन कर चुके हैं। आग की पांच ढेरियों के बीच सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक रोजाना जयराम दास जी महाराज तप करते हैं। साधु आग के बीच तप करते हैं , तो गांव की महिलाएं भजन - कीर्तन कर ख़ुशी मनाती हैं। साधु को देखने के लिए हिन्दू समाज ही नहीं बल्कि मुस्लिम समाज के लोग भी रोजाना मंदिर पहुंच रहे हैं। हिन्दू - ;मुस्लिम एकता की भी यहां मिशाल देखने को मिल रही है। मेवात सदियों से हिन्दू - मुस्लिम एकता के लिए जाना जाता है। पांच उपले की ढेरियों को पांच उपले अलग -अलग जलाकर शुरू किया गया था। अब रोजाना एक उपला हर ढेरी पर फालतू रखा जाता है। अंत तक एक ढेरी पर करीब 45 उपले का विशाल धुना रमाया जायेगा। आग के बीच बैठे साधु के सिर पर साफा , लंगोट - धोती पहन रखी है। एक तो सूरज आग उगल रहा है , ऊपर से आग के बीच बैठे साधु के शरीर से पसीना निकल रहा है। साधु तपस्या के दौरान पूरी तरह मौन रहते हैं और उनकी सेवा के कई भगत लगे हुए हैं। जयराम दास जी महाराज अन्न त्याग किये हुए हैं। फल , पानी इत्यादि के सहारे जिंदगी जी रहे हैं। कुल मिलाकर आग पर आस्था भारी पड़ती दिखाई दे रही है। भीषण गर्मी में आग के बीच तपस्या कर रहे साधु को कभी डॉक्टर की आवश्यकता नहीं पड़ी है। कई बुजुर्गों ने अपने शिव मंदिर में पहली बार किसी साधु को इस तरह आग के बीच तपस्या करते हुए देख कर अचंभा भी है और ख़ुशी भी हो रही है। मौसम का मिजाज कड़क हो या नरम हो करीब 41 दिन आगामी 30 जून तक साधु की तपस्या पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। साधु को देखने वाले भक्तों का भी तांता लगा हुआ है। मंदिर परिसर से हर समय भजन - कीर्तन की आवाज सुनाई पड़ती है। खास बात तो यह है कि मंदिर परिसर में लगे पेड़ों के बीच से कोयल भी अपनी सुरीली आवाज से सबको आकर्षित करने का काम कर रही है। नूंह जिले के इतिहास में इस तरह की तपस्या को देखकर या सुनकर लोग आश्चर्यचकित हैं। जो लोग हिन्दू - मुस्लिम के नाम पर राजनीति करते हैं या विवादित बोल से लेकर मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देते हैं , उनको दल्लाबास गांव के शिव मंदिर में आकर हिन्दू - मुस्लिम की एकता को देखकर कुछ लाज जरूर आएगी।
बाइट;- शेर सिंह गुर्जर ग्रामीण
बाइट;- जगराम सेवक
बाइट;- रामबति ग्रामीण महिला
बाइट;- इदरीश खान मुस्लिम श्रद्धालु
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- आग पर आस्था भारी
प्रचंड गर्मी पड़ रही है। पारा 46 के पार जा रहा है। लोगों का घरों से निकलना तक दूभर हो रहा है। डॉक्टर भी भीषण गर्मीं में लोगों को 11 - 3 बजे तक घरों से बाहर नहीं आने की बात कह रहे हैं , लेकिन इस जानलेवा गर्मी में आग के बीच एक साधु आसपास आग जलाकर खुले आसमान के नीचे जान हथेली पर रखकर विश्व शांति , प्राकृतिक आपदा रोकने के साथ - साथ लोगों की भलाई के लिए तपस्या कर रहा है।
साधु का नाम जयराम दास महाराज है , जो पिछले करीब 4 - 5 माह से भिवाड़ी राजस्थान मंदिर से पुन्हाना खंड के गांव दल्लाबास में शिव मंदिर में रह रहा है। साधु ने 20 मई को साधना शुरू की जो आगामी 30 जून तक लगातार 41 दिन तक जारी रहेगी। साधु इससे पहले भिवाड़ी में सूर्य नारायण की तपस्या करीब 41 दिन कर चुके हैं। आग की पांच ढेरियों के बीच सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक रोजाना जयराम दास जी महाराज तप करते हैं। साधु आग के बीच तप करते हैं , तो गांव की महिलाएं भजन - कीर्तन कर ख़ुशी मनाती हैं। साधु को देखने के लिए हिन्दू समाज ही नहीं बल्कि मुस्लिम समाज के लोग भी रोजाना मंदिर पहुंच रहे हैं। हिन्दू - ;मुस्लिम एकता की भी यहां मिशाल देखने को मिल रही है। मेवात सदियों से हिन्दू - मुस्लिम एकता के लिए जाना जाता है। पांच उपले की ढेरियों को पांच उपले अलग -अलग जलाकर शुरू किया गया था। अब रोजाना एक उपला हर ढेरी पर फालतू रखा जाता है। अंत तक एक ढेरी पर करीब 45 उपले का विशाल धुना रमाया जायेगा। आग के बीच बैठे साधु के सिर पर साफा , लंगोट - धोती पहन रखी है। एक तो सूरज आग उगल रहा है , ऊपर से आग के बीच बैठे साधु के शरीर से पसीना निकल रहा है। साधु तपस्या के दौरान पूरी तरह मौन रहते हैं और उनकी सेवा के कई भगत लगे हुए हैं। जयराम दास जी महाराज अन्न त्याग किये हुए हैं। फल , पानी इत्यादि के सहारे जिंदगी जी रहे हैं। कुल मिलाकर आग पर आस्था भारी पड़ती दिखाई दे रही है। भीषण गर्मी में आग के बीच तपस्या कर रहे साधु को कभी डॉक्टर की आवश्यकता नहीं पड़ी है। कई बुजुर्गों ने अपने शिव मंदिर में पहली बार किसी साधु को इस तरह आग के बीच तपस्या करते हुए देख कर अचंभा भी है और ख़ुशी भी हो रही है। मौसम का मिजाज कड़क हो या नरम हो करीब 41 दिन आगामी 30 जून तक साधु की तपस्या पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। साधु को देखने वाले भक्तों का भी तांता लगा हुआ है। मंदिर परिसर से हर समय भजन - कीर्तन की आवाज सुनाई पड़ती है। खास बात तो यह है कि मंदिर परिसर में लगे पेड़ों के बीच से कोयल भी अपनी सुरीली आवाज से सबको आकर्षित करने का काम कर रही है। नूंह जिले के इतिहास में इस तरह की तपस्या को देखकर या सुनकर लोग आश्चर्यचकित हैं। जो लोग हिन्दू - मुस्लिम के नाम पर राजनीति करते हैं या विवादित बोल से लेकर मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देते हैं , उनको दल्लाबास गांव के शिव मंदिर में आकर हिन्दू - मुस्लिम की एकता को देखकर कुछ लाज जरूर आएगी।
बाइट;- शेर सिंह गुर्जर ग्रामीण
बाइट;- जगराम सेवक
बाइट;- रामबति ग्रामीण महिला
बाइट;- इदरीश खान मुस्लिम श्रद्धालु
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- आग पर आस्था भारी
प्रचंड गर्मी पड़ रही है। पारा 46 के पार जा रहा है। लोगों का घरों से निकलना तक दूभर हो रहा है। डॉक्टर भी भीषण गर्मीं में लोगों को 11 - 3 बजे तक घरों से बाहर नहीं आने की बात कह रहे हैं , लेकिन इस जानलेवा गर्मी में आग के बीच एक साधु आसपास आग जलाकर खुले आसमान के नीचे जान हथेली पर रखकर विश्व शांति , प्राकृतिक आपदा रोकने के साथ - साथ लोगों की भलाई के लिए तपस्या कर रहा है।
साधु का नाम जयराम दास महाराज है , जो पिछले करीब 4 - 5 माह से भिवाड़ी राजस्थान मंदिर से पुन्हाना खंड के गांव दल्लाबास में शिव मंदिर में रह रहा है। साधु ने 20 मई को साधना शुरू की जो आगामी 30 जून तक लगातार 41 दिन तक जारी रहेगी। साधु इससे पहले भिवाड़ी में सूर्य नारायण की तपस्या करीब 41 दिन कर चुके हैं। आग की पांच ढेरियों के बीच सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक रोजाना जयराम दास जी महाराज तप करते हैं। साधु आग के बीच तप करते हैं , तो गांव की महिलाएं भजन - कीर्तन कर ख़ुशी मनाती हैं। साधु को देखने के लिए हिन्दू समाज ही नहीं बल्कि मुस्लिम समाज के लोग भी रोजाना मंदिर पहुंच रहे हैं। हिन्दू - ;मुस्लिम एकता की भी यहां मिशाल देखने को मिल रही है। मेवात सदियों से हिन्दू - मुस्लिम एकता के लिए जाना जाता है। पांच उपले की ढेरियों को पांच उपले अलग -अलग जलाकर शुरू किया गया था। अब रोजाना एक उपला हर ढेरी पर फालतू रखा जाता है। अंत तक एक ढेरी पर करीब 45 उपले का विशाल धुना रमाया जायेगा। आग के बीच बैठे साधु के सिर पर साफा , लंगोट - धोती पहन रखी है। एक तो सूरज आग उगल रहा है , ऊपर से आग के बीच बैठे साधु के शरीर से पसीना निकल रहा है। साधु तपस्या के दौरान पूरी तरह मौन रहते हैं और उनकी सेवा के कई भगत लगे हुए हैं। जयराम दास जी महाराज अन्न त्याग किये हुए हैं। फल , पानी इत्यादि के सहारे जिंदगी जी रहे हैं। कुल मिलाकर आग पर आस्था भारी पड़ती दिखाई दे रही है। भीषण गर्मी में आग के बीच तपस्या कर रहे साधु को कभी डॉक्टर की आवश्यकता नहीं पड़ी है। कई बुजुर्गों ने अपने शिव मंदिर में पहली बार किसी साधु को इस तरह आग के बीच तपस्या करते हुए देख कर अचंभा भी है और ख़ुशी भी हो रही है। मौसम का मिजाज कड़क हो या नरम हो करीब 41 दिन आगामी 30 जून तक साधु की तपस्या पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। साधु को देखने वाले भक्तों का भी तांता लगा हुआ है। मंदिर परिसर से हर समय भजन - कीर्तन की आवाज सुनाई पड़ती है। खास बात तो यह है कि मंदिर परिसर में लगे पेड़ों के बीच से कोयल भी अपनी सुरीली आवाज से सबको आकर्षित करने का काम कर रही है। नूंह जिले के इतिहास में इस तरह की तपस्या को देखकर या सुनकर लोग आश्चर्यचकित हैं। जो लोग हिन्दू - मुस्लिम के नाम पर राजनीति करते हैं या विवादित बोल से लेकर मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देते हैं , उनको दल्लाबास गांव के शिव मंदिर में आकर हिन्दू - मुस्लिम की एकता को देखकर कुछ लाज जरूर आएगी।
बाइट;- शेर सिंह गुर्जर ग्रामीण
बाइट;- जगराम सेवक
बाइट;- रामबति ग्रामीण महिला
बाइट;- इदरीश खान मुस्लिम श्रद्धालु
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Last Updated : Jun 4, 2019, 6:11 PM IST
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