रोहतक: हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला बुधवार को रोहतक (Dushyant Chautala in Rohtak) पहुंचे. दुष्यंत चौटाला ने इस बीच पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नए साल में गरीब आदमियों के कल्याण को लेकर और अंत्योदय के सपने को लेकर कई परियोजनाएं शुरू होंगी. बीपीएल परिवारों को लेकर समस्या आती थी. फार्म भरने के बाद ग्रामीण विकास और शहरी स्थानीय निकाय जांच करता था लेकिन अब यह सिस्टम खत्म कर दिया गया है. नए साल से बीपीएल सुविधाओं को परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ा जाएगा. एक जनवरी से नए राशन कार्ड भी जारी किए जाएंगे.
हरियाणा के डिप्टी सीएम ने कहा कि राजस्व से जुड़ी कुछ और सुविधाओं को ऑनलाइन किया जाएगा. हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की प्रदेश में पुराने सेक्टर्स के पंजीकरण की दिक्कतों को भी दूर किया जाएगा. एक सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार की सभी हिदायतों का पालन किया जाएगा. नशे से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व पंजाब का बड़ा सेंटर पंचकूला में बनाया गया है और नशे के खात्मे के लिए व्यापक तौर पर अभियान चलाया जा रहा है.
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दुष्यंत चौटाला ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के बहाने हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि हरियाणा कांग्रेस आज कई धड़ों में बंट चुकी हैं. हरियाणा में 33 हजार करोड़ रूपए का निवेश हुआ है जबकि कांग्रेस सरकार के शासनकाल में बड़ी-बड़ी कंपनियां हरियाणा छोड़कर चली गई थी. दुष्यंत चौटाला ने बांड पॉलिसी के खिलाफ आंदोलन कर रहे एमबीबीएस विद्यार्थियों से आंदोलन वापस लेने की अपील की.
परिवार पहचान पत्र क्या है- हरियाणा में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) का मकसद सभी परिवारों का प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डेटा तैयार करना है. पीपीपी हरियाणा में प्रत्येक परिवार की पहचान करता है और परिवार की बुनियादी डेटा को डिजिटल रूप में परिवार की सहमति से प्रदान करता है. प्रत्येक परिवार को आठ अंकों का परिवार-आईडी प्रदान किया जाएगा. फैमिली आईडी छात्रवृत्ति, सब्सिडी और पेंशन जैसी मौजूदा, स्वतंत्र योजनाओं को जोड़ेगी, ताकि स्थिरता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके और साथ ही विभिन्न योजनाओं, सब्सिडी और पेंशन के लाभार्थियों के स्वत: चयन को सक्षम किया जा सके.
एक बार परिवारों का डेटाबेस बनने के बाद, परिवारों को प्रत्येक व्यक्तिगत योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होती है. इसके अलावा, पीपीपी डेटाबेस में डेटा प्रमाणित और सत्यापित हो जाने के बाद, किसी लाभार्थी को कोई और दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी.
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