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रोहतक में बॉन्ड पॉलिसी का विरोध जारी, छात्रों ने प्रदेश सरकार को दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम

रोहतक में बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में चार सरकारी मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने विरोध प्रदर्शन (Bond policy protest in Haryana) किया. सभी स्टूडेंट्स पीजीआईएमएस रोहतक में एकजुट होकर रोष जताया है. इसके साथ ही छात्रों ने प्रदेश सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया है.

Bond policy protest in Haryana
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Published : Nov 15, 2022, 7:19 PM IST

रोहतक: हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी का विरोध जारी है. प्रदेश सरकार की इस पॉलिसी का विरोध एमबीबीएस छात्र लगातार करने में लगे (Bond policy protest in Haryana) हुए हैं. मंगलवार को चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस विद्यार्थियों ने पीजीआईएमएस रोहतक में एकजुट होकर रोष जताया. छात्रों ने डायरेक्टर व डीन ऑफिस के सामने संयुक्त रूप से धरना दिया.

इसके साथ ही उन्होंने बॉन्ड पॉलिसी को रद्द करने की मांग (Students protest in Rohtak) की. बाद में शहर में रोष मार्च निकाला गया. इसी के साथ आंदोलनकारी विद्यार्थियों ने बॉन्ड पॉलिसी को रद्द करने के लिए प्रदेश सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया. वहीं, दूसरी ओर कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने डॉक्टरों के सम्मान में जो फूल बरसाए थे, उसे डॉक्टरों ने विरोध जताते हुए उन्हें वापस कर दिया.

प्रदेश सरकार ने एमबीबीएस में प्रवेश के लिए हर साल 10 लाख रूपये की बॉन्ड पॉलिसी लागू की है. हालांकि यह पॉलिसी वर्ष 2020 से लागू है, लेकिन अब इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है. एक नवंबर को पीजीआईएमएस रोहतक के विद्यार्थियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए आंदोलन की शुरूआत की थी. अगले दिन से वे पीजीआईएमस परिसर में धरने पर बैठ गए थे. 5 नवंबर को पीजीआईएमएस में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के आगमन से पहले रात को उन्होंने आयोजन स्थल के बाहर ही धरना दे दिया था.

Bond policy protest in Haryana
रोहतक में बॉन्ड पॉलिसी का विरोध जारी

पुलिस ने वॉटर कैनल का इस्तेमाल करते हुए धरनास्थल से एमबीबीएस विद्यार्थियों को जबरन उठाकर हिरासत में ले लिया था. अगले दिन 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से मुलाकात भी कराई गई लेकिन मुख्यमंत्री ने बांड पॉलिसी रद्द करने से इंकार कर दिया. विरोध के स्वर जब ज्यादा मुखर हुए तो सरकार ने 7 नवंबर को नोटिफिकेशन के जरिए पॉलिसी में कुछ संशोधन कर दिया. लेकिन यह संशोधन भी विद्यार्थियों को रास नहीं आया और उन्होंने आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर दिया. इस बीच प्रदेश के बाकी सरकारी मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों से भी संपर्क साधा गया और यह आंदोलन प्रदेश स्तरीय हो गया.

यह भी पढ़ें-हरियाणा सरकार की एमबीबीएस में बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ सामाजिक संगठन भी उतरे

इसी के तहत मंगलवार को पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक, कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज करनाल, बीपीएस महिला मेडिकल कॉलेज खानपुर, सोनीपत व शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नूंह के एमबीबीएस विद्यार्थी यहां रोष प्रकट करने के लिए पहुंचे. इन विद्यार्थियों ने कहा कि प्रदेश सरकार जो 40 लाख रूपये की बॉन्ड पॉलिसी लेकर आई है, वह पढ़ाई पूरी होने से पहले ही विद्यार्थियों को कर्जवान बना देगी. अगर कोई विद्यार्थी बैंक के माध्यम से बॉन्ड पॉलिसी लेकर पढ़ाई करता है तो उसकी पढ़ाई पूरी होने के बाद भी उसे 60 हजार रुपये प्रति माह तक की किश्त भरनी होगी. ऐसे में वे बॉन्ड की किश्त भरेंगे या नौकरी करेंगे.

खानुपर मेडिकल कॉलेज की छात्रा ईशिका मलिक ने कहा कि सरकार ने बॉन्ड पॉलिसी की अवधि 7 साल की है, लेकिन सरकार के पास पढ़ाई पूरी करने वाले सभी डॉक्टरों के लिए नौकरी तक नहीं है. एमबीबीएस की पढ़ाई पास कर चुके विद्यार्थियों को सालों नौकरी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. सरकार बॉन्ड पॉलिसी के अवधि कम करे और नौकरी की गारंटी दे. एमबीबीएस विद्यार्थी अंकित गुलिया ने कहा कि सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया (ultimatum of students in rohtak) गया है. सरकार अगर 72 घंटे में इस बॉन्ड पॉलिसी को रद्द नहीं करती है तो आंदोलन को और अधिक बड़े स्तर पर चलाया जाएगा. इसके लिए उन्हें चंडीगढ़ जाना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगे. साथ ही रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी दी.

महम के निर्दलीय विधायक ने भी विद्यार्थियों की मांगों का समर्थन किया. उधर, महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने एमबीबीएस विद्यार्थियों की मांगों का समर्थन किया है. वे पीजीआईएमएस में धरनास्थल पर पहुंचे और बॉन्ड पॉलिसी को रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि एमबीबीएस विद्यार्थी 15 दिन से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी बात तक सुनने के लिए तैयार नहीं है.

रोहतक: हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी का विरोध जारी है. प्रदेश सरकार की इस पॉलिसी का विरोध एमबीबीएस छात्र लगातार करने में लगे (Bond policy protest in Haryana) हुए हैं. मंगलवार को चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस विद्यार्थियों ने पीजीआईएमएस रोहतक में एकजुट होकर रोष जताया. छात्रों ने डायरेक्टर व डीन ऑफिस के सामने संयुक्त रूप से धरना दिया.

इसके साथ ही उन्होंने बॉन्ड पॉलिसी को रद्द करने की मांग (Students protest in Rohtak) की. बाद में शहर में रोष मार्च निकाला गया. इसी के साथ आंदोलनकारी विद्यार्थियों ने बॉन्ड पॉलिसी को रद्द करने के लिए प्रदेश सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया. वहीं, दूसरी ओर कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने डॉक्टरों के सम्मान में जो फूल बरसाए थे, उसे डॉक्टरों ने विरोध जताते हुए उन्हें वापस कर दिया.

प्रदेश सरकार ने एमबीबीएस में प्रवेश के लिए हर साल 10 लाख रूपये की बॉन्ड पॉलिसी लागू की है. हालांकि यह पॉलिसी वर्ष 2020 से लागू है, लेकिन अब इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है. एक नवंबर को पीजीआईएमएस रोहतक के विद्यार्थियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए आंदोलन की शुरूआत की थी. अगले दिन से वे पीजीआईएमस परिसर में धरने पर बैठ गए थे. 5 नवंबर को पीजीआईएमएस में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के आगमन से पहले रात को उन्होंने आयोजन स्थल के बाहर ही धरना दे दिया था.

Bond policy protest in Haryana
रोहतक में बॉन्ड पॉलिसी का विरोध जारी

पुलिस ने वॉटर कैनल का इस्तेमाल करते हुए धरनास्थल से एमबीबीएस विद्यार्थियों को जबरन उठाकर हिरासत में ले लिया था. अगले दिन 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से मुलाकात भी कराई गई लेकिन मुख्यमंत्री ने बांड पॉलिसी रद्द करने से इंकार कर दिया. विरोध के स्वर जब ज्यादा मुखर हुए तो सरकार ने 7 नवंबर को नोटिफिकेशन के जरिए पॉलिसी में कुछ संशोधन कर दिया. लेकिन यह संशोधन भी विद्यार्थियों को रास नहीं आया और उन्होंने आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर दिया. इस बीच प्रदेश के बाकी सरकारी मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों से भी संपर्क साधा गया और यह आंदोलन प्रदेश स्तरीय हो गया.

यह भी पढ़ें-हरियाणा सरकार की एमबीबीएस में बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ सामाजिक संगठन भी उतरे

इसी के तहत मंगलवार को पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक, कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज करनाल, बीपीएस महिला मेडिकल कॉलेज खानपुर, सोनीपत व शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नूंह के एमबीबीएस विद्यार्थी यहां रोष प्रकट करने के लिए पहुंचे. इन विद्यार्थियों ने कहा कि प्रदेश सरकार जो 40 लाख रूपये की बॉन्ड पॉलिसी लेकर आई है, वह पढ़ाई पूरी होने से पहले ही विद्यार्थियों को कर्जवान बना देगी. अगर कोई विद्यार्थी बैंक के माध्यम से बॉन्ड पॉलिसी लेकर पढ़ाई करता है तो उसकी पढ़ाई पूरी होने के बाद भी उसे 60 हजार रुपये प्रति माह तक की किश्त भरनी होगी. ऐसे में वे बॉन्ड की किश्त भरेंगे या नौकरी करेंगे.

खानुपर मेडिकल कॉलेज की छात्रा ईशिका मलिक ने कहा कि सरकार ने बॉन्ड पॉलिसी की अवधि 7 साल की है, लेकिन सरकार के पास पढ़ाई पूरी करने वाले सभी डॉक्टरों के लिए नौकरी तक नहीं है. एमबीबीएस की पढ़ाई पास कर चुके विद्यार्थियों को सालों नौकरी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. सरकार बॉन्ड पॉलिसी के अवधि कम करे और नौकरी की गारंटी दे. एमबीबीएस विद्यार्थी अंकित गुलिया ने कहा कि सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया (ultimatum of students in rohtak) गया है. सरकार अगर 72 घंटे में इस बॉन्ड पॉलिसी को रद्द नहीं करती है तो आंदोलन को और अधिक बड़े स्तर पर चलाया जाएगा. इसके लिए उन्हें चंडीगढ़ जाना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगे. साथ ही रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी दी.

महम के निर्दलीय विधायक ने भी विद्यार्थियों की मांगों का समर्थन किया. उधर, महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने एमबीबीएस विद्यार्थियों की मांगों का समर्थन किया है. वे पीजीआईएमएस में धरनास्थल पर पहुंचे और बॉन्ड पॉलिसी को रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि एमबीबीएस विद्यार्थी 15 दिन से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी बात तक सुनने के लिए तैयार नहीं है.

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