रोहतक: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रोहतक दौरे के समय आशा वर्कर्स ने बुधवार को तिलयार पर्यटन केंद्र के सामने दिल्ली रोड पर जमकर हंगामा किया. उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई. बाद में इन आशा वर्कर्स को हिरासत में ले लिया गया. दरअसल आशा वर्कर्स केंद्रीय गृह मंत्री के समारोह स्थल की ओर बढ़ना चाहती थी. शाह को अस्थल बोहर स्थित मठ में एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत करनी थी.
अमित शाह के पहुंचने से पहले आशा वर्कर्स दिल्ली रोड पर एकजुट हो गई. आशा वर्कर्स के विरोध को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया. पुलिस ने आशा वर्कर्स को आगे बढ़न से रोका तो उनकी पुलिस कर्मियो के साथ तीखी बहस हुई और फिर झड़प भी हुई. इस बीच महिला पुलिस कर्मियों की मदद से प्रदर्शनकारी आशा वर्कर्स को बस को बैठाकर शहर से दूर ले जाया गया ताकि केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यक्रम में किसी प्रकार का व्यवधान न हो. वहीं, आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा की प्रदेशाध्यक्ष सुरेश ने इसे पुलिस प्रशासन की तानाशाही करार दिया. आशा वर्कर ने कहा कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध दर्ज करा रही थी लेकिन पुलिस तानाशाही रवैया अपनाते हुए उन्हें जबरन हिरासत में ले लिया.
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गौरतलब है कि आशा वर्कर्स पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से हड़ताल पर हैं. आशा वकर्स की 29 सितंबर को मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेट्री राजेश खुल्लर के साथ मांगों पर विस्तृत बातचीत हुई थी. उस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया था कि एक सप्ताह के अंदर मुख्यमंत्री से बातचीत करवाई जाएगी. लेकिन अभी तक बातचीत की कोई सूचना नहीं है. यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि आशा वर्कर्स के हौंसले बुलंद हैं और मांगों के माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा. आशा वकर्स की प्रमुख मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और न्यूनतम वेतनमान 26 हजार रूपए हो. ईपीएफ एवं ईएसआई की सुविधा दी जाए, रिटायरमेंट उम्र 65 साल की जाए और रिटायरमेंट पर सम्मानजनक पेंशन व ग्रेज्यूटी मिले.