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रोहतकः आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स की हड़ताल के 101 दिन पूरे

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Published : Mar 19, 2022, 8:13 PM IST

आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन की हड़ताल 101वें दिनों भी जारी रही. आंगनवाड़ी और हेल्पर्स (Anganwadi worker meeting in Rohtak) ने शनिवार को रोहतक के मानसरोवर पार्क में एकत्रित होकर आगे के आंदोलन पर विस्तार से चर्चा की.

रोहतक में आंगनवाड़ी वर्कर मीटिंग
रोहतक में आंगनवाड़ी वर्कर मीटिंग

रोहतक: आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन की हड़ताल 101वें दिनों भी जारी रही. आंगनवाड़ी और हेल्पर्स (Anganwadi worker meeting in Rohtak) ने शनिवार को रोहतक के मानसरोवर पार्क में एकत्रित होकर आगे के आंदोलन पर विस्तार से चर्चा की. आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक मांगें नहीं मान ली जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

सहायिका यूनियन की प्रदेश महासचिव पुष्पा दलाल ने कहा कि सरकार सभी सभी टर्मिनेट की गई आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स को सरकार एक-एक कर बहाल करने की बात कह रही है. जबकि की हम सब की मांग है कि सभी वर्कर्स व हेल्पर्स को एक साथ बहाल किया जाए. वर्ष 2018 में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आंगनवाड़ी कर्मियों को कुशल और अर्धकुशल का दर्जा देने की घोषणा की थी लेकिन आज तक यह घोषणा लागू नहीं हुई है.

आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि अपनी मांगो को लेकर सभी एक साथ एकजुट हैं और सरकार की हर कार्रवाई का डटकर जवाब देंगी और ये लड़ाई आखिरी दम तक जारी रहेगी. पुष्पा दलाल ने कहा कि प्रआंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हैल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं.

ये भी पढ़ें- इनेलो महासचिव सुनैना चौटाला आंगनवाड़ी वर्कर्स के धरने पर पहुंची, दिया समर्थन

गौरतलब है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स 8 दिसंबर से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हेल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं. इसके अलावा वर्ष 2018 में मानी गई मांगों को लागू किया जाए. महंगाई भत्ते की किश्तें जारी की जाएं.

वर्करों व हेल्परों पर ऑनलाइन कार्य का दबाव न बनाया जाए. हालांकि विरोध को देखते हुए सरकार ने आंगनवाड़ी और हेल्पर्स को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई लेकिन वार्ता में कुछ हल नहीं निकला पाया. ऐसे में इन आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने मांगें माने जाने तक आंदोलन का ऐलान कर रखा है.

ये भी पढ़ें- आंगनवाड़ी वर्कर्स ने रोहतक में निकाला कैंडल मार्च, सरकार के खिलाफ की आवाज बुलंद

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रोहतक: आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन की हड़ताल 101वें दिनों भी जारी रही. आंगनवाड़ी और हेल्पर्स (Anganwadi worker meeting in Rohtak) ने शनिवार को रोहतक के मानसरोवर पार्क में एकत्रित होकर आगे के आंदोलन पर विस्तार से चर्चा की. आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक मांगें नहीं मान ली जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

सहायिका यूनियन की प्रदेश महासचिव पुष्पा दलाल ने कहा कि सरकार सभी सभी टर्मिनेट की गई आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स को सरकार एक-एक कर बहाल करने की बात कह रही है. जबकि की हम सब की मांग है कि सभी वर्कर्स व हेल्पर्स को एक साथ बहाल किया जाए. वर्ष 2018 में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आंगनवाड़ी कर्मियों को कुशल और अर्धकुशल का दर्जा देने की घोषणा की थी लेकिन आज तक यह घोषणा लागू नहीं हुई है.

आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि अपनी मांगो को लेकर सभी एक साथ एकजुट हैं और सरकार की हर कार्रवाई का डटकर जवाब देंगी और ये लड़ाई आखिरी दम तक जारी रहेगी. पुष्पा दलाल ने कहा कि प्रआंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हैल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं.

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गौरतलब है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स 8 दिसंबर से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हेल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं. इसके अलावा वर्ष 2018 में मानी गई मांगों को लागू किया जाए. महंगाई भत्ते की किश्तें जारी की जाएं.

वर्करों व हेल्परों पर ऑनलाइन कार्य का दबाव न बनाया जाए. हालांकि विरोध को देखते हुए सरकार ने आंगनवाड़ी और हेल्पर्स को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई लेकिन वार्ता में कुछ हल नहीं निकला पाया. ऐसे में इन आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने मांगें माने जाने तक आंदोलन का ऐलान कर रखा है.

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