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सराकारी ग्रांट बंद करने के खिलाफ उतरे प्रदेश के विश्विद्यालय, 30 जून को बंद रहेंगी सभी यूनिवर्सिटी, आंदोलन की तैयारी - हरियाणा में विश्वविद्यालय को सरकारी ग्रांट

एक तरफ किसान आंदोलन कर रहे हैं दूसरी तरफ अब प्रदेश के सभी विश्विद्यालय सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं. इसका कारण है आत्मनिर्भर बनने के लिए इन विश्विद्यालयों की सरकारी ग्रांट बंद (Government Grant to University) करना. इसी संबंध में सोमवार को महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में संयुक्त बैठक हुई.

Government Grant to University
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Published : Jun 12, 2023, 10:51 PM IST

रोहतक: आत्मनिर्भरता के नाम पर सरकारी ग्रांट बंद करने के फैसले के खिलाफ प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय एकजुट हो गए हैं. रोहतक के इन विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों की संयुक्त बैठक महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में हुई. इस बैठक में तय हुआ कि सभी विश्वविद्यालयों में सरकारी नुमाइंदों का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए जाएंगे. साथ ही हर सोमवार को प्रदेश के एक विश्वविद्यालय में हड़ताल रहेगी.

रोहतक में 30 जून को महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, हेल्थ यूनिवर्सिटी व स्टेट यूनिवर्सिटी पूर्ण रूप से बंद रहेंगी. इस संबंध में आंदोलन करने के लिए 6 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. दरअसल हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर आत्मनिर्भर बनने के लिए कहा है. आत्मनिर्भरता के नाम पर सरकार की ओर से दी जाने वाली ग्रांट बंद कर दी जाएगी. सरकार ने स्वयं वित्त पोषण, उद्योगों द्वारा वित्त पोषण, उद्योग-शिक्षा सहयोग, ऑनलाइन शिक्षा, पूर्व छात्र नेटवर्क, निजी वित्त पोषण, पीपीपी मॉडल, कॉर्पाेरेट सामाजिक जिम्मेदारी आदि जरियों से धन जुटाने के लिए कहा है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में विश्विद्यालयों को ग्रांट की जगह लोन देने के फैसले पर बवाल, छात्रों ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी

सरकार के इसी पत्र का प्रदेश भर में विरोध हो रहा है. इसी के चलते संयुक्त बैठक बुलाई गई, जिसमें इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की गई. शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों ने कहा कि सरकार की मंशा साफ तौर पर जाहिर हो रही है कि वो विश्वविद्यालयों का निजीकरण करना चाहती है. जबकि शिक्षा तो राज्य का विषय है. सरकार के इस फैसले से विश्वविद्यालयों का व्यवसायीकरण हो जाएगा.

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ के प्रधान विकास सिवाच ने सरकार के फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले का तो यही मतलब है कि गरीब छात्र शिक्षा ही हासिल नहीं कर पाएगा और फीस में बेतहाशा बढ़ोतरी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले के खिलाफ सभी विश्वविद्यालय लामबंद हो चुके हैं. महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के प्रधान जयबाग मलिक ने कहा कि सरकारी ग्रांट बंद करने के विरोध में मुख्यमंत्री व गवर्नर के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे और सरकार के खिलाप आंदोलन किया जायेगा.

ये भी पढ़ें- सरकार ने किया विश्वविद्यालयों को मिलने वाली ग्रांट को बंद करने का फैसला, भूपेंद्र हुड्डा बोले- ये जनविरोधी फैसला

रोहतक: आत्मनिर्भरता के नाम पर सरकारी ग्रांट बंद करने के फैसले के खिलाफ प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय एकजुट हो गए हैं. रोहतक के इन विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों की संयुक्त बैठक महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में हुई. इस बैठक में तय हुआ कि सभी विश्वविद्यालयों में सरकारी नुमाइंदों का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए जाएंगे. साथ ही हर सोमवार को प्रदेश के एक विश्वविद्यालय में हड़ताल रहेगी.

रोहतक में 30 जून को महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, हेल्थ यूनिवर्सिटी व स्टेट यूनिवर्सिटी पूर्ण रूप से बंद रहेंगी. इस संबंध में आंदोलन करने के लिए 6 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. दरअसल हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर आत्मनिर्भर बनने के लिए कहा है. आत्मनिर्भरता के नाम पर सरकार की ओर से दी जाने वाली ग्रांट बंद कर दी जाएगी. सरकार ने स्वयं वित्त पोषण, उद्योगों द्वारा वित्त पोषण, उद्योग-शिक्षा सहयोग, ऑनलाइन शिक्षा, पूर्व छात्र नेटवर्क, निजी वित्त पोषण, पीपीपी मॉडल, कॉर्पाेरेट सामाजिक जिम्मेदारी आदि जरियों से धन जुटाने के लिए कहा है.

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सरकार के इसी पत्र का प्रदेश भर में विरोध हो रहा है. इसी के चलते संयुक्त बैठक बुलाई गई, जिसमें इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की गई. शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों ने कहा कि सरकार की मंशा साफ तौर पर जाहिर हो रही है कि वो विश्वविद्यालयों का निजीकरण करना चाहती है. जबकि शिक्षा तो राज्य का विषय है. सरकार के इस फैसले से विश्वविद्यालयों का व्यवसायीकरण हो जाएगा.

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ के प्रधान विकास सिवाच ने सरकार के फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले का तो यही मतलब है कि गरीब छात्र शिक्षा ही हासिल नहीं कर पाएगा और फीस में बेतहाशा बढ़ोतरी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले के खिलाफ सभी विश्वविद्यालय लामबंद हो चुके हैं. महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के प्रधान जयबाग मलिक ने कहा कि सरकारी ग्रांट बंद करने के विरोध में मुख्यमंत्री व गवर्नर के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे और सरकार के खिलाप आंदोलन किया जायेगा.

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