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रोहतक की फिजा में घुला जहरीला धुंआ, दम घोंटू हवा से लोग परेशान

दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होने के साथ ही प्रदेश के रोहतक जिले की वायु गुणवत्ता भी सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है. हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी की गई वायु गुणवत्ता सूची यानि एक्यूआई 260 प्रति क्यूबिक घन मीटर के पार हो गया है.

air pollution increase in rohtak environment
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Published : Oct 31, 2019, 7:47 PM IST

रोहतक: दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होने के साथ ही प्रदेश में रोहतक की भी वायु गुणवत्ता सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच गई. हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी की गई वायु गुणवत्ता सूची यानि एक्यूआई 260 प्रति क्यूबिक घन मीटर के पार हो गया. जो बेहद खतरनाक स्तर की श्रेणी में है.

आमजन परेशान

इस दम घोंटू हवा से रोहतक के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं खराब मौसम को लेकर लोग भी काफी परेशान हैं. चारों ओर धुएं जैसी चादर फैली हुई है. लोगों का कहना है इसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में भी जलन है. मजबूरी के चलते ही उन्हें घर से बाहर निकलना पड़ रहा है.

पराली है प्रदूषण का मुख्य कारण

आपको बता दें कि हरियाणा और पंजाब में इस समय धान की कटाई होती है. धान कटने के बाद जो फसल अवशेष बच जाते है उसे पराली कहते है. जब भी पराली जलाई जाती है तो बहुत बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड पैदा होती है. जब ये गैस फॉग से मिलती है तो एक काले धुएं की शक्ल ले लेती है जिसे स्मॉग कहते हैं. ये जमीन के पास ही फैला होता है. इस वजह से संपर्क में आने वाले व्यक्त‍ि की आंखें और त्वचा प्रभावित होती है.

रोहतक में प्रदूषण का स्तर बढ़ा, देखें वीडियो

ये है एयर क्वालिटी इंडेक्स

रोहतक में वायु प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स 260 पार हो गया जो कि 50 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. आपको बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई हवा में प्रदूषण मापने एक पैमाना होता है. 0 से 50 के बीच एक्यूआई होने पर हवा की क्वालिटी को अच्छा माना जाता है, जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक माना जाता है. 101 से 200 के बीच मध्यम 201 से 300 के बीच खराब 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच उसे गंभीर स्तर का समझा जाता है. ऐसी हवा में सांस लेना बहुत खतरनाक होता है. जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक है.

ये भी जाने- दिल्ली में प्रदूषण को लेकर AAP का प्रदर्शन, हरियाणा और पंजाब के खिलाफ खोला मोर्चा

रोहतक: दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होने के साथ ही प्रदेश में रोहतक की भी वायु गुणवत्ता सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच गई. हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी की गई वायु गुणवत्ता सूची यानि एक्यूआई 260 प्रति क्यूबिक घन मीटर के पार हो गया. जो बेहद खतरनाक स्तर की श्रेणी में है.

आमजन परेशान

इस दम घोंटू हवा से रोहतक के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं खराब मौसम को लेकर लोग भी काफी परेशान हैं. चारों ओर धुएं जैसी चादर फैली हुई है. लोगों का कहना है इसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में भी जलन है. मजबूरी के चलते ही उन्हें घर से बाहर निकलना पड़ रहा है.

पराली है प्रदूषण का मुख्य कारण

आपको बता दें कि हरियाणा और पंजाब में इस समय धान की कटाई होती है. धान कटने के बाद जो फसल अवशेष बच जाते है उसे पराली कहते है. जब भी पराली जलाई जाती है तो बहुत बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड पैदा होती है. जब ये गैस फॉग से मिलती है तो एक काले धुएं की शक्ल ले लेती है जिसे स्मॉग कहते हैं. ये जमीन के पास ही फैला होता है. इस वजह से संपर्क में आने वाले व्यक्त‍ि की आंखें और त्वचा प्रभावित होती है.

रोहतक में प्रदूषण का स्तर बढ़ा, देखें वीडियो

ये है एयर क्वालिटी इंडेक्स

रोहतक में वायु प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स 260 पार हो गया जो कि 50 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. आपको बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई हवा में प्रदूषण मापने एक पैमाना होता है. 0 से 50 के बीच एक्यूआई होने पर हवा की क्वालिटी को अच्छा माना जाता है, जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक माना जाता है. 101 से 200 के बीच मध्यम 201 से 300 के बीच खराब 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच उसे गंभीर स्तर का समझा जाता है. ऐसी हवा में सांस लेना बहुत खतरनाक होता है. जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक है.

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Intro:रोहतक व आसपास के वातावरण में छाया जहरीला धुंआ,
दिवाली पर पटाखों व पराली जलाने से बढ़ा वायु प्रदूषण,

दीवाली के बाद एनसीआर व रोहतक के आसपास में क्षेत्र में वायु प्रदूषण बहुत ही ज्यादा हो गया है। रोहतक में हवा सांस लेने के लिए जहरीली हो गई है। रोहतक में एयर क्वालटी इंडेक्स 260 से करीब पहुंच गया है जो सामान्य से बहुत ही अधिक है। वायु प्रदूषण का का मुख्य कारण दिवाली पर आम लोगो द्वारा अंधाधुंध पटाखों को जलाना है इसके साथ साथ किसानों द्वारा पराली खेतो में जलाना भी है। पटाखों की आतिशबाजी से वायु में कई जहरीली गैस फैल जाती है जिसमे लोगो को सांस लेने व आंखों में जलन के साथ साथ त्वचा की बीमारी भी बढ़ जाती है।

Body: एमडीयू के पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जितेंद्र सिंह लौरा ने बताया कि रोहतक  एमडीयू में एयर क्वालटी मॉनिटर है जिसमे लगभग इंडेक्स 240 दिखा रहा है जो कि बहुत ही ज्यादा है। जो कि हेल्थी होता वह इंडेक्स 50 के आसपास होता है। जिसका मुख्य कारण दिवाली पर बहुत ज्यादा पटाखे इस्तेमाल किये है। इसके कारण वायुमंडल में बहुत सी गैस फैल जाती है। पीएम 2.5 ,पीएम 10 बढ़ जाती है। पराली के कारण भी प्रदूषण फैलता है मगर इन दिनों मौसम में बदलाव भी होता है। जब हवा चले ही नही ठंडी हवा नीचे आ जाती जबकि गर्म हवा ऊपर चली जाती तो जो गैस है वह इधर उधर नही जा पाती। जिसकी वजह से हवा में प्रदूषण होता है। इसकी वजह से लोगो को सांस व आंखों में जलन की  दिक्कत हो जाती है। यह तभी मौसम साफ होगा तेज हवा चले या फिर बारिश हो।

बाईट डॉ जितेंद्र सिंह लौरा,विभागाध्यक्ष

पर्यावरण विभाग ,एमडीयू रोहतक।
Conclusion: वहीं इस खराब मौसम को लेकर लोग भी काफी परेशान हैं। चारों ओर धुंए जैसी चादर फैली हुई है। लोगों का कहना है इसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में भी जलन है। मजबूरी के चलते ही उन्हें घर से बाहर निकलना पड़ रहा है। लेकिन वे कोशिश करते हैं कि मुंह पर कपड़ा लगा हुआ हो ताकि कोई दिक्कत ना आए।

बाईट कोमल, मोहित, संजोत व नवीन स्थानीय निवासी
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