रोहतक: दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होने के साथ ही प्रदेश में रोहतक की भी वायु गुणवत्ता सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच गई. हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी की गई वायु गुणवत्ता सूची यानि एक्यूआई 260 प्रति क्यूबिक घन मीटर के पार हो गया. जो बेहद खतरनाक स्तर की श्रेणी में है.
आमजन परेशान
इस दम घोंटू हवा से रोहतक के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं खराब मौसम को लेकर लोग भी काफी परेशान हैं. चारों ओर धुएं जैसी चादर फैली हुई है. लोगों का कहना है इसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में भी जलन है. मजबूरी के चलते ही उन्हें घर से बाहर निकलना पड़ रहा है.
पराली है प्रदूषण का मुख्य कारण
आपको बता दें कि हरियाणा और पंजाब में इस समय धान की कटाई होती है. धान कटने के बाद जो फसल अवशेष बच जाते है उसे पराली कहते है. जब भी पराली जलाई जाती है तो बहुत बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड पैदा होती है. जब ये गैस फॉग से मिलती है तो एक काले धुएं की शक्ल ले लेती है जिसे स्मॉग कहते हैं. ये जमीन के पास ही फैला होता है. इस वजह से संपर्क में आने वाले व्यक्ति की आंखें और त्वचा प्रभावित होती है.
ये है एयर क्वालिटी इंडेक्स
रोहतक में वायु प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स 260 पार हो गया जो कि 50 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. आपको बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई हवा में प्रदूषण मापने एक पैमाना होता है. 0 से 50 के बीच एक्यूआई होने पर हवा की क्वालिटी को अच्छा माना जाता है, जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक माना जाता है. 101 से 200 के बीच मध्यम 201 से 300 के बीच खराब 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच उसे गंभीर स्तर का समझा जाता है. ऐसी हवा में सांस लेना बहुत खतरनाक होता है. जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक है.
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