रेवाड़ी : बुधवार को बिसोहा गांव के सरकारी स्कूल (Government School Bisoha Village Rewari) के बाहर एक बार फिर ताला लगाकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि स्कूल में पर्याप्त टीचर न होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. टीचर ट्रांसफर ड्राइव पॉलिसी से नाराज (Teacher Transfer Drive Policy) ग्रामीणों का कहना है कि उनके बच्चों के भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है जिसकी सुनवाई शिक्षा विभाग की ओर से नहीं की जा रही है. बता दें कि बीते 20 अगस्त को ग्रामीणों ने अध्यापकों के ट्रांसफर का विरोध जताया था.
बीते 20 अगस्त को जिन विषयों के टीचर्स का तबादला किया गया था, उनके बदले दूसरे टीचर्स की नियुक्ति (Recruitment of teachers in government schools) को लेकर ग्रामीणों ने स्कूल गेट में ताला लगाकर बाहर धरना प्रदर्शन किया था. 2 घंटे तक चले धरना-प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों के बीच ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पहुंचे थे और एक सप्ताह के अंदर स्कूल के अंदर पर्याप्त टीचर्स की नियुक्ति करने का आश्वासन दिया था. 18 दिन बीत जाने के बाद भी जब अनुपात के हिसाब से टीचर्स की नियुक्ति नहीं हुई तो बुधवार को ग्रामीणों ने एक बार फिर स्कूल के गेट में ताला जड़ दिया.
रेवाड़ी में ग्रामीणों का विरोध (Villagers protest in Rewari) लगातार जारी है. ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है. सरकार ने बच्चों का भविष्य खराब करने के लिए स्कूल से कई महत्वपूर्ण विषयों के टीचर्स हटा दिए. उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ अन्याय हो रहा है. पहली बार जब विरोध किया तो एक सप्ताह में नए अध्यापक लगाने की बात की गई थी, लेकिन उसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी गहरी नींद में सो गए. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर स्कूल में जल्द ही नए टीचर्स की नियुक्ति नहीं हुई तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे.
रेवाड़ी के बिसोहा गांव के सरकारी स्कूल में 150 से ज्यादा स्टूडेंट्स है. ट्रांसफर ड्राइव पॉलिसी (transfer drive policy) से पहले स्कूल में अलग-अलग विषय के 13 टीचर्स नियुक्त किए गए थे, लेकिन 15 अगस्त से शुरू हुई ट्रांसफर ड्राइव पॉलिसी के बाद यहां से अलग-अलग विषय के 10 टीचर्स का ट्रांसफर कर उन्हें दूसरे स्कूलों में भेज दिया गया, लेकिन स्कूल में उनके बदले किसी दूसरे अध्यापक की नियुक्ति नहीं हुई. ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में सिर्फ तीन ही अध्यापक कार्यरत हैं.
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