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रेवाड़ी: रिश्वत लेने के आरोप में बिजली निगम के तीन कर्मचारी गिरफ्तार

विजिलेंस टीम ने आज दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण ने रिश्वत लेने के आरोप में निगम के पाली-गोठड़ा पॉवर हाउस जे जेई, लाइनमैन और डीसी रेट पर कार्यरत सहायक लाइनमैन को 20 हज़ार रुपए की रिश्वत लेने करो में गिरफ्तार किया है.

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रिश्वत लेने के आरोप में बिजली निगम के तीन कर्मचारी गिरफ्तार
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Published : Dec 31, 2020, 10:35 PM IST

रेवाड़ी: विजिलेंस की इस कार्रवाई से निगम कार्यालय में हड़कंप मच हुआ है. खोल खंड के गांव मनेठी निवासी हेमंत कुमार ने विजिलेंस के कार्यालय में पहुंचकर अधिकारियों को शिकायत दी कि बिजली निगम के तीन कर्मचारी उन पर बिजली चोरी का आरोप लगाते हुए रिश्वत मांग रहें हैं. विजिलेंस टीम को इस बारे में पुख्ता सबूत मिलने के बाद करवाई के लिए योजना बनाई गई.

इसके बारे में विजिलेंस के इस्पेक्टर ने मामले से जिला प्रशासन को अवगत कराया गया. जिसके बाद उनके साथ सिंचाई वीभाग के कार्य कार्यकारी अभियंता राजेश यादव और बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट साथ भेजा गया. उधर विजिलेंस की तरफ से शिकायतकर्ता ने पाउडर लगे हुए नोट देकर पाली-गोठड़ा पावर हाउस में भेज दिया गया. मौके पर अधिकारी और टीम वहां पहुंच गई. शिकायतकर्ता हेमंत कुमार ने जैसे ही कर्मचारी को पैसे दिए तो उन्होंने यह राशि ले ली. इसके बाद टीम का इशारा मिलने के बाद रिश्वत की राशि लेने वाले कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया और उनके हाथ धुलवाएं गए तो पुष्टि हो गई.

देश और प्रदेश की सरकारें भले ही रिश्वतखोरी को समाप्त करने की बात कह रही हों, लेकिन कुछ अधिकारी और कर्मचारी हैं कि मानते ही नहीं हैं. रिश्वत लेने की ऐसी घटनाएं समय-समय पर सामने आती रहती हैं. इस घटना के बाद देखना होगा कि रिश्वतखोरी पर सरकार पाबंदी लगाने के लिए क्या कोई ठोस कदम उठाएगी.

रेवाड़ी: विजिलेंस की इस कार्रवाई से निगम कार्यालय में हड़कंप मच हुआ है. खोल खंड के गांव मनेठी निवासी हेमंत कुमार ने विजिलेंस के कार्यालय में पहुंचकर अधिकारियों को शिकायत दी कि बिजली निगम के तीन कर्मचारी उन पर बिजली चोरी का आरोप लगाते हुए रिश्वत मांग रहें हैं. विजिलेंस टीम को इस बारे में पुख्ता सबूत मिलने के बाद करवाई के लिए योजना बनाई गई.

इसके बारे में विजिलेंस के इस्पेक्टर ने मामले से जिला प्रशासन को अवगत कराया गया. जिसके बाद उनके साथ सिंचाई वीभाग के कार्य कार्यकारी अभियंता राजेश यादव और बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट साथ भेजा गया. उधर विजिलेंस की तरफ से शिकायतकर्ता ने पाउडर लगे हुए नोट देकर पाली-गोठड़ा पावर हाउस में भेज दिया गया. मौके पर अधिकारी और टीम वहां पहुंच गई. शिकायतकर्ता हेमंत कुमार ने जैसे ही कर्मचारी को पैसे दिए तो उन्होंने यह राशि ले ली. इसके बाद टीम का इशारा मिलने के बाद रिश्वत की राशि लेने वाले कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया और उनके हाथ धुलवाएं गए तो पुष्टि हो गई.

देश और प्रदेश की सरकारें भले ही रिश्वतखोरी को समाप्त करने की बात कह रही हों, लेकिन कुछ अधिकारी और कर्मचारी हैं कि मानते ही नहीं हैं. रिश्वत लेने की ऐसी घटनाएं समय-समय पर सामने आती रहती हैं. इस घटना के बाद देखना होगा कि रिश्वतखोरी पर सरकार पाबंदी लगाने के लिए क्या कोई ठोस कदम उठाएगी.

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