रेवाड़ी: रेवाड़ी फास्ट ट्रैक कोर्ट के एडीजे लोकेश गुप्ता ने गुरुवार को अलग-अलग केसों में दोषी ठहराए गए दो आरोपियों को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई है. इसी तरह के फैसला सुनने के बाद पीड़ित परिवारों के चेहरे पर रौनक आ गई. साथ ही दोनों पर जुर्माना भी लगाया है. इन दोनों मामले की जानकारी जिला उप न्यायवादी जगबीर सहरावत ने दी है.
क्या है पूरा मामला: नाहड़ पुलिस चौकी में 23 जून 2021 को दी शिकायत में पीड़िता के पिता ने कहा था '15 वर्षीय मेरी बेटी दसवीं कक्षा की छात्रा है. रात के समय वह घर में सोई हुई थी. इसी दौरान रात में करीब एक बजे दो युवकों ने घर से उसका अपहरण कर लिया. अगले दिन वह घर में नहीं मिली तो उसकी तलाश शुरू की. सुबह सात बजे बेटी ने खुद फोन कर बताया कि वह कोसली में है. जिसके बाद कोसली पुलिस उसे घर ले आई. बेटी ने बताया कि दो युवक उसका अपहरण कर अज्ञात स्थान पर ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया.'
दुष्कर्मी को 20-20 साल की सजा: पीड़िता के पिता ने कहा कि पुलिस ने बेटी का मेडिकल कराने के बाद दोनों अज्ञात युवकों के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जांच पड़ताल में आरोपियों की पहचान हो गई. जिसमें एक आरोपी कोसली के रूपेश उर्फ कानिया के रूप में हुई. उसे गिरफ्तार करने के बाद मामला अदालत में चल रहा था. गुरुवार, 30 नवंबर को रेवाड़ी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उसे 20 साल कैद की सजा सुनाई है. दूसरे आरोपी को अदालत ने बरी कर दिया है.
रामपुरा थाना क्षेत्र का है दूसरा मामला: इसी तरह से दूसरा मामला रामपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव का है, जहां लड़की के साथ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट का मामला 3 अप्रैल 2021 को थाना रामपुरा में दर्ज हुआ था. आरोपी देवराज निवासी कालूवास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में भी अदालत ने देवराज को 20 साल कैद की सजा सुनाई है. उक्त दोनों मामलों की पैरवी जिला उप न्यायवादी जगबीर सहरावत ने की. उन्होंने कोर्ट के समक्ष ठोस साक्ष्य प्रस्तुत कर दोषियों को सजा दिलवाई.
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