रेवाड़ी: जिले में छात्राओं को घर से स्कूल तक जाने में काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. जब छात्राएं अपने घर से बाहर निकलती है, बीच रास्ते में मनचले इनको छेड़ते है. इस मनचलों के खौंफ के कारण करीब दर्जन भर छात्राएं स्कूल को छोड़ चुकी है. जिला प्रशासन की लापरवाही और पुलिस प्रशासन की ढिलाई इन मनचलों के हौंसले बुलंद कर रही है.
मनचलों से परेशान रेवाड़ी की छात्राएं
दरअसल ये मामला मस्तापुर का है. जहां की बेटियां जब अपने घर से स्कूल के लिए निकलती है तो इनको कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. यहीं नहीं स्कूल के प्ले ग्राउंड में भी ये मनचले पहुंच जाते है. रात के समय ये प्ले ग्राउंड शराबियों का अड्डा बन जाता है. सुबह होते ही इन छात्राओं को सफाई करनी पड़ती है.
प्रिंसिपल ने दिया बेतुका बयान
छात्राओं के स्कूल छोड़ने पर प्रिंसिपल ने जो स्कूल छोड़ना चाहता है वो छोड़ सकता है. प्रिंसिपल छात्राओं की बात को गलत बताते हुए कहते है कि ये स्कूल अन्य स्कूलों से बेहतर है लेकिन सुरक्षा को लेकर प्रिसिंपल ने कुछ भी नहीं कहा है. प्रिसिंपल खुद ही अपने सवालों के घेरे में घिर गए.
नहीं हुई कोई कार्रवाई
छात्राओं को लेकर हुई पंचायत में सरपंच ने कहा कि स्कूल के इन छात्राओं को बस मुहैया कराया जाएगा. प्रशासन इन छात्राओं की पूरी जिम्मेदारी लेगा. उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े किए.
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छात्राओं को निजी बस मुहैया कराने की बात
छात्राओं के अविभावक और ग्राम पंचायत के लोग जिला शिक्षा अधिकारी से मिले और इस परेशानी से अवगत करवाया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक से बात भी की. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने इन छात्राओं को लेकर आश्वासन दिया कि कल से ही निजी स्कूल की बस छात्राओं को गांव से स्कूल लेकर आएगी और जाएगी. दूसरी ऒर पुलिस ने भी वहां पुलिस की तैनाती की बात की.