रेवाड़ी : कोरोना वायरस के चलते देशभर को लॉकडाउन कर दिया गया है. ऐसे समय में बेघर लोगों के सामने पेट की भूख मिटाने का संकट गहराने लगा है. सड़क किनारे भूखे प्यासे बैठे लोगों का प्रशासन के अलावा कोई सहारा दिखाई नहीं दे रहा है.
पिछले दो वर्षों से पर्यावरण बचाने के लिए शहरवासियों को जागरूक कर रही छात्रा नंदनी एक बार फिर भूखे-प्यासे लोगों का हमदर्द बन सड़क किनारे भूखे प्यासे बैठे लोगों का सहारा बन लोगों की भूख शांत करने का काम किया.
छात्रा नंदिनी ने कोराना वायरस के खतरे को देखते हुए सड़क किनारे बेचारा भूखे लोगों को भोजन करा कर जो साहस का परिचय दिया है. वह जनता के हमदर्द बनने का दावा करने वाले बड़े-बड़े जनप्रतिनिधि भी ना कर सकें हैं.
छात्रा नंदिनी ने खाना पैकिंग में कपड़े का इस्तेमाल कर पॉलीथिन का इस्तेमाल ना करने का संदेश भी लोगों को दिया. ताकि देश में पॉलीथिन का इस्तेमाल बढ़ने से फैल रहे प्रदूषण को रोका जा सके.छात्रा ने कहा कि लॉकडाउन के समय लोगों को अपने घरों में रहकर प्रधानमंत्री के आदेशों का पालन कर एक अच्छे नागरिक होने का परिचय देना चाहिए ताकि देश में फैले कोरोना वायरस संक्रमण से देशवासियों को महफूज कर इस वायरस को ख़त्म किया जा सके.
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रेवाड़ी के विकास नगर की रहने वाली नंदिनी 12वीं कक्षा में पढ़ती है नंदिनी और उसका छोटा भाई हर्ष दोनों मिलकर शहर को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए पिछले 2 वर्षों से कपड़े के थैले बनाकर लोगों को निशुल्क भेंट कर रहे हैं.