रेवाड़ी: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निकाले गए 1983 पीटीआई शिक्षकों का धरना प्रदेश भर में जारी है. शिक्षक धरना प्रदर्शन कर सरकार से बहाली की मांग कर रहे हैं. रेवाड़ी में भी पीटीआई शिक्षक का धरना 61 दिनों से जारी है.
गुरुवार को पीटीआई एसोसिएशन संघ के राज्य प्रधान धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व में पीटीआई शिक्षकों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान पीटीआई शिक्षकों ने सरकार से नौकरी बहाल करने की मांग की. साथ ही शिक्षकों ने प्रदेश सरकार पर राजनीतिक द्वेष के चलते उन्हें निकालने का आरोप लगाया.
बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों ने कहा कि उनकी भर्ती कांग्रेस के वक्त में की गई थी. जिसकी वजह से बीजेपी उन्हें निकाल रही है. शिक्षकों ने कहा कि वो सिर्फ कर्मचारी हैं, जो अपना काम करते हैं. ऐसे में बीजेपी को उन्हें दोबारा से बहाल करना चाहिए. इसके साथ ही शिक्षकों ने दोबारा टेस्ट देने से भी इंकार किया और कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की तो बरोदा उपचुनाव में अंजाम बुरे हो सकते हैं.
ये है पूरा मामला?
हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी गई थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं.
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हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए हरियाणा सरकार ने इसी साल 1983 पीटीआई शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है. जिसके बाद से प्रदेशभर में पीटीआई शिक्षकों की बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी है.