रेवाड़ी: रेवाड़ी के कवाली गांव के रहने वाले यशपाल खोला 2014 से जैविक खेती कर रहे हैं. इन्हें कृषि विभाग द्वारा पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है. इनके फॉर्म में कृषि विश्वविद्यालय के छात्र भी ट्रेनिंग के लिए आते हैं. यशपाल उन्हें जैविक खेती की बारीकियों के बारे में जानकारी देते हैं.
कौन हैं यशपाल खोला: रेवाड़ी के कवाली गांव के रहने वाले यशपाल खोला आधुनिक तौर तरीके से खेती करने में विश्वास करते हैं. यशपाल 40 एकड़ में जैविक खेती करते हैं. जैविक सब्जियां, जैविक अनाज, जैविक दाल यानि यशपाल जिन फसलों का उत्पादन करते हैं वे जैविक तौर तरीके से ही उत्पादित होते हैं. इनके फसलों की क्वालिटी अच्छी होती है. इनके फार्म में केमिकल का उपयोग नहीं होता है. यशपाल साल 2014 से खेती के क्षेत्र में है. यशपाल ने साल 2014 में तीन एकड़ के इलाके में खेती प्रारभ्भ की. 2016 तक उन्होंने इसे बढ़ाकर 12 एकड़ तक कर लिया. अब तो वे 40 एकड़ के बड़े इलाके में खेती कर रहे हैं. खेती के काम में उन्हें कृषि विभाग के अधिकारी संजय राव से भी सहायता मिली.
जैविक उत्पादों के जरिए बिजनेस: यशपाल के जैविक उत्पादों की पहुंच दिल्ली तक हो गयी है. पहले उन्होंने अपने इलाके में डोर टू डोर लोगों को जैविक सब्जियां, जैविक अनाज, जैविक सरसों का तेल, जैविक दाल, आटा,शहद पहुंचाया . बाद में बेहतर क्वालिटी होने के कारण इनके उत्पादों की मांग बढ़ने लगी. राजस्थान के भिवाड़ी ,गुरुग्राम, दिल्ली तक लोगों को इनके प्रोडक्ट पहुंच रहे हैं. इनकी आमदनी भी पहले से बहुत बढ़ गयी है. यशपाल बताते हैं कि जैविक फसल का उपयोग करने से बीमारियां नहीं होती है. केमिकल युक्त फसल के उपयोग से कई तरह की बीमारियों हो जाती है.
पुरस्कार से भी सम्मानित: यशपाल के कार्यों को देखते हुए इन्हें पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है. गाजर की खेती में यशपाल को पूरे हरियाणा में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. कृषि मंत्री ने उन्हें ट्रॉफी देकर सम्मानित किया था. यशपाल के फॉर्म पर कृषि विश्वविद्यालय के छात्र क्षेत्र भ्रमण पर आते हैं और जैविक खेती के बारे में यशपाल के अनुभवों से लाभ उठाते हैं. यही नहीं राजस्थान और हरियाणा के किसान भी उनके फॉर्म पर ऑर्गेनिक खेती के बार जानकारी लेते हैं.
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