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रेवाड़ी: सरकारी दावों को मुंह चिढ़ाती जमीनी हकीकत, पूरे स्कूल में सिर्फ एक टीचर - Government primary school andhi ka baas

एक तरफ सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है. रेवाड़ी जिले में संघी का बास के राजकीय प्राथमिक पाठशाला में सिर्फ एक ही टीचर है.

Parents submitted memorandum to Deputy Commissioner
अभिभावकों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा
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Published : Feb 4, 2020, 8:22 AM IST

रेवाड़ी: नगर के संघी का बास स्थित वार्ड नंबर 3 में बने राजकीय प्राथमिक पाठशाला में अध्यापकों की कमी के चलते बच्चों का भविष्य अंधेरे में है. स्कूल में 58 बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा सिर्फ एक अस्थाई अध्यापिका पर है. लगभग 2 महीने बाद बच्चों की परीक्षा होनी है और सिलेबस अभी तक अधूरे हैं.

अभिभावकों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा

जिसको देखते हुए अभिभावकों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर स्कूल में अध्यापकों की नियुक्तियां करने की मांग की है. अभिभावकों ने चेतावनी भी दी है कि अगर 1 सप्ताह के अंदर अध्यापकों की नियुक्तियां नहीं हुई तो वो बच्चों को लेकर धरना देंगे.

राजकीय प्राथमिक पाठशाला में सिर्फ एक ही टीचर, देखें वीडियो

गौरतलब है कि स्कूल में सितंबर महीने तक एक स्थाई और एक अस्थाई दो अध्यापिका बच्चों को शिक्षा दे रही थीं, लेकिन सितंबर में स्थाई अध्यापिका के रिटायरमेंट के बाद बच्चों की जिम्मेदारी अस्थाई अध्यापिका पर आ पड़ी. स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक 58 विद्यार्थी हैं. स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.

अभिभावकों ने की टीचर बढ़ाने की मांग

अभिभावकों ने कहा कि स्कूल में 3 अध्यापकों की स्वीकृति है. अध्यापकों की मांग को लेकर कई बार संबंधित विभाग को लिख चुके हैं, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है. अब अभिभावकों ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर एक बार फिर से मांग की है कि स्कूल में अध्यापक भेजें जाएं. ताकि बच्चों का भविष्य संवर सके.

बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि वो गरीब हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वो दूसरे स्कूलों में अपने बच्चों को शिक्षा दिलवा सकें. इसलिए उन्हें सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं लेकिन जब स्कूल में अध्यापक नहीं होंगे तो उनके बच्चों का भविष्य कैसे बन पाएगा. उन्होंने सरकार से अध्यापकों की नियुक्ति करने के लिए अब जिला उपायुक्त को अपनी फरियाद लगाई है.

खंड शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि अब अध्यापक की नियुक्ति करने वाली कमेटी की व्यवस्था बदल चुकी है और अब पहले से ज्यादा कमेटी में बदलाव कर दिए गए हैं. अब इस कमेटी में जिला उपायुक्त, सीएमओ, डीईईओ और डीओ शामिल हैं. उन्हें डिमांड भेजी जाए. ताकि ये कमेटी इस पर संज्ञान लें और स्कूल में अध्यापकों की व्यवस्था की जाए. लेकिन कई बार लिखित शिकायत देने के बावजूद भी कमेटी इस पर संज्ञान नहीं ले रही है, लेकिन फिर भी मैं एक बार फिर से प्रयास करूंगा कि बच्चों को शिक्षक उपलब्ध कराई जा सके.

ये भी पढ़ें- 15 दिन चल सकता है हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र, पहली बार होंगी ये एतिहासिक चीजें

रेवाड़ी: नगर के संघी का बास स्थित वार्ड नंबर 3 में बने राजकीय प्राथमिक पाठशाला में अध्यापकों की कमी के चलते बच्चों का भविष्य अंधेरे में है. स्कूल में 58 बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा सिर्फ एक अस्थाई अध्यापिका पर है. लगभग 2 महीने बाद बच्चों की परीक्षा होनी है और सिलेबस अभी तक अधूरे हैं.

अभिभावकों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा

जिसको देखते हुए अभिभावकों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर स्कूल में अध्यापकों की नियुक्तियां करने की मांग की है. अभिभावकों ने चेतावनी भी दी है कि अगर 1 सप्ताह के अंदर अध्यापकों की नियुक्तियां नहीं हुई तो वो बच्चों को लेकर धरना देंगे.

राजकीय प्राथमिक पाठशाला में सिर्फ एक ही टीचर, देखें वीडियो

गौरतलब है कि स्कूल में सितंबर महीने तक एक स्थाई और एक अस्थाई दो अध्यापिका बच्चों को शिक्षा दे रही थीं, लेकिन सितंबर में स्थाई अध्यापिका के रिटायरमेंट के बाद बच्चों की जिम्मेदारी अस्थाई अध्यापिका पर आ पड़ी. स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक 58 विद्यार्थी हैं. स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.

अभिभावकों ने की टीचर बढ़ाने की मांग

अभिभावकों ने कहा कि स्कूल में 3 अध्यापकों की स्वीकृति है. अध्यापकों की मांग को लेकर कई बार संबंधित विभाग को लिख चुके हैं, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है. अब अभिभावकों ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर एक बार फिर से मांग की है कि स्कूल में अध्यापक भेजें जाएं. ताकि बच्चों का भविष्य संवर सके.

बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि वो गरीब हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वो दूसरे स्कूलों में अपने बच्चों को शिक्षा दिलवा सकें. इसलिए उन्हें सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं लेकिन जब स्कूल में अध्यापक नहीं होंगे तो उनके बच्चों का भविष्य कैसे बन पाएगा. उन्होंने सरकार से अध्यापकों की नियुक्ति करने के लिए अब जिला उपायुक्त को अपनी फरियाद लगाई है.

खंड शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि अब अध्यापक की नियुक्ति करने वाली कमेटी की व्यवस्था बदल चुकी है और अब पहले से ज्यादा कमेटी में बदलाव कर दिए गए हैं. अब इस कमेटी में जिला उपायुक्त, सीएमओ, डीईईओ और डीओ शामिल हैं. उन्हें डिमांड भेजी जाए. ताकि ये कमेटी इस पर संज्ञान लें और स्कूल में अध्यापकों की व्यवस्था की जाए. लेकिन कई बार लिखित शिकायत देने के बावजूद भी कमेटी इस पर संज्ञान नहीं ले रही है, लेकिन फिर भी मैं एक बार फिर से प्रयास करूंगा कि बच्चों को शिक्षक उपलब्ध कराई जा सके.

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Intro:58 विद्यार्थियों पर मात्र एक अस्थाई शिक्षिका
अंधेरे में बच्चों का भविष्य
अभिभावकों ने उपायुक्त को सौंपा अध्यापकों की मांग को लेकर ज्ञापन
रेवाड़ी 3 फरवरी।



Body:नगर के संघी का बास स्थित वार्ड नंबर 3 में बने राजकीय प्राथमिक पाठशाला में अध्यापकों की कमी के चलते बच्चों का भविष्य अंधेरे में है स्कूल में 58 बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा मात्र एक अस्थाई अध्यापिका पर है लगभग 2 महीने बाद बच्चों की परीक्षा होनी है और सिलेबस अभी तक अधूरे हैं जिससे रोहित होकर अभिभावकों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर स्कूल में अध्यापकों की नियुक्तियां करने की मांग की गई है अभिभावकों ने चेतावनी भी दी है कि अगर 1 सप्ताह के अंदर अध्यापकों की नियुक्तियां नहीं हुई तो वह बच्चों को लेकर धरना देंगे गौरतलब है कि उक्त स्कूल में सितंबर माह तक एक स्थाई और एक अस्थाई दो अध्यापिका ए बच्चों को शिक्षा दे रही थी लेकिन सितंबर में स्थाई अध्यापिका के रिटायरमेंट के बाद बच्चों की जिम्मेदारी अस्थाई अध्यापिका पर आ पड़ी स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक 58 विद्यार्थी हैं स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं अभिभावकों ने कहा कि स्कूल में 3 अध्यापकों की स्वीकृति है अध्यापकों की मांग को लेकर कई बार संबंधित विभाग को लिख चुके हैं लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है अब अभिभावकों ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर एक बार फिर से मांग की है कि स्कूल में अध्यापक भेजे जाएं ताकि बच्चों का भविष्य संवर सके। बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि वह गरीब है और अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वह दूसरे स्कूलों में अपने बच्चों को शिक्षा दिलवा सके। इसलिए उन्हें सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं लेकिन जब स्कूल में अध्यापक नहीं होंगे तो उनके बच्चों का भविष्य कैसे बन पाएगा उन्होंने सरकार से अध्यापकों की नियुक्ति करने के लिए अब जिला उपायुक्त को अपनी फरियाद लगाई है।
खंड शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि अब अध्यापक की नियुक्ति करने वाली कमेटी की व्यवस्था बदल चुकी है और अब पहले से ज्यादा कमेटी में बदलाव कर दिए गए हैं अब इस कमेटी में जिला उपायुक्त, सीएमओ, डीईईओ व डीओ शामिल है। उन्हें डिमांड भेजी जाए ताकि यह कमेटी इस पर संज्ञान लें और स्कूल में अध्यापकों की व्यवस्था की जाए। लेकिन कई बार लिखित शिकायत देने के बावजूद भी कमेटी इस पर संज्ञान नहीं ले रही है। लेकिन फिर भी मैं एक बार फिर से प्रयास करूंगा कि बच्चों को शिक्षक उपलब्ध कराई जा सके।
बाइट--बिजेंद्र कुमार, अभिभावक।
बाइट--मेनवती, अभिभावक।
बाइट--बबीता, अभिभावक।
बाइट--दिनेश कुमार गुप्ता, खंड शिक्षा अधिकारी।


Conclusion:अब देखना होगा कि जिला शिक्षा अधिकारी व जिला प्रशासन इन बच्चों के भविष्य को देखते हुए अध्यापक मुहैया करवा पाएंगे या फिर मजबूरन अभिभावकों को जिला सचिवालय पर धरना देने के लिए विवश होना पड़ेगा।
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