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8 महीने बीतने के बाद भी नहीं हुई सडे़ गेहूं की जांच, सीएम विंडो पर दोबारा भेजी शिकायत - कोसली अनाजमंडी सड़े गेहूं का मामला

रेवाड़ी के कोसली मंडी में 8 महीने पहले सड़े हुए गेहूं के मामले की जांच अब तक नहीं हो पाई (Kosli Anajmandi rotten wheat case) है. अब इस मामले में शिकायतकर्ता ने दोबारा मामले की जांच उच्च अधिकारी से इस मामले की जांच के लिए सीएम विंडो पर शिकायत की है.

Kosli Anajmandi rotten wheat case
कोसली मंडी में खरीदा गया काफी मात्रा में गेंहू सड़ गया था.
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Published : Dec 30, 2021, 12:15 PM IST

रेवाड़ी: जिले की कोसली अनाज मंडी में 8 महीने पहले खरीद किया गया काफी गेंहू बारिश की भेंट चढ़ गया. इस गेंहू को बीते कई माह से खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया गया था. ताऊ-ते तूफान के चलते भारी मात्रा में गेहूं पूरी तरह से भीग गया. नतीजा गेंहू पूरी तरह से सड़ (rotten wheat case in Rewari) गया. इसके बाद महेश यादव नाम के एक शिकायतकर्ता ने इस मामले की शिकायत की थी. कई महीने बीत जाने के बाद भी अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. शिकायतकर्ता ने दोबारा इस मामले की जांच की मांग की है. इन्होंने इस बार सीएम विंडो पर मामले की शिकायत की है.

शिकायतकर्ता का आरोप है कि खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा कोसली में सड़े गेहूं के मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. महेश यादव ने अपनी शिकायत में कहा है कि इससे पहले उन्होंने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का यह मामला जब जिलाधीश के संज्ञान में आया था. उन्होंने इसकी जांच एसडीएम को सौंपी थी लेकिन जांच सौंपने के बाद भी कोई भी अभी तक जांच रिपोर्ट पूरी नही हुई और ना ही दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई.

ये भी पढ़ें-सातवें आसमान पर शिमला मिर्च की कीमत, जानें हरियाणा में फल सब्जियों के दाम

यादव का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों ने मिलीभगत करके इस खराब हुए गेहूं को न केवल राशन की दुकानों तक भेज दिया बल्कि कुछ डिपो होल्डरों के माध्यम से इसका वितरण भी कराया चुका है. जबकि यह गेहूं बेहद खराब था जोकि खाने लायक भी नहीं बचा था. इतना ही नहीं खराब हुए गेहूं से सरकार को भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं जांच में देरी होने के कारण विभागीय अधिकारी भी लापरवाही बरतने वाले अधिकारी को बचाने में लगे हुए हैं. अब शिकायतकर्ता महेश यादव ने इस मामले की जांच किसी उच्च अधिकारी से कराने की मांग की है.

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रेवाड़ी: जिले की कोसली अनाज मंडी में 8 महीने पहले खरीद किया गया काफी गेंहू बारिश की भेंट चढ़ गया. इस गेंहू को बीते कई माह से खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया गया था. ताऊ-ते तूफान के चलते भारी मात्रा में गेहूं पूरी तरह से भीग गया. नतीजा गेंहू पूरी तरह से सड़ (rotten wheat case in Rewari) गया. इसके बाद महेश यादव नाम के एक शिकायतकर्ता ने इस मामले की शिकायत की थी. कई महीने बीत जाने के बाद भी अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. शिकायतकर्ता ने दोबारा इस मामले की जांच की मांग की है. इन्होंने इस बार सीएम विंडो पर मामले की शिकायत की है.

शिकायतकर्ता का आरोप है कि खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा कोसली में सड़े गेहूं के मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. महेश यादव ने अपनी शिकायत में कहा है कि इससे पहले उन्होंने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का यह मामला जब जिलाधीश के संज्ञान में आया था. उन्होंने इसकी जांच एसडीएम को सौंपी थी लेकिन जांच सौंपने के बाद भी कोई भी अभी तक जांच रिपोर्ट पूरी नही हुई और ना ही दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई.

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यादव का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों ने मिलीभगत करके इस खराब हुए गेहूं को न केवल राशन की दुकानों तक भेज दिया बल्कि कुछ डिपो होल्डरों के माध्यम से इसका वितरण भी कराया चुका है. जबकि यह गेहूं बेहद खराब था जोकि खाने लायक भी नहीं बचा था. इतना ही नहीं खराब हुए गेहूं से सरकार को भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं जांच में देरी होने के कारण विभागीय अधिकारी भी लापरवाही बरतने वाले अधिकारी को बचाने में लगे हुए हैं. अब शिकायतकर्ता महेश यादव ने इस मामले की जांच किसी उच्च अधिकारी से कराने की मांग की है.

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