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एनसीसी छात्राओं ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत, बोलीं- मिलेगी सपनों को उड़ान - आर्मी में महिलाओं को स्थाई कमीशन सुप्रीम कोर्ट

पहले आर्मी में महिलाओं की नौकरी शुरुआत में 5 साल के लिए होती थी. जिसके बाद उन्हें रिटायरमेंट लेनी होती थी. बाद में इसके बढ़ाकर 10 और उसके बाद 16 साल कर दिया गया. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महिलाएं भी आर्मी में 20 साल तक सेवाएं दे सकेंगी. सेना में पेशन पाने के लिए 20 साल तक नौकरी पूरी करने का भी नियम है.

indian army women officers get permanent commission
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Published : Feb 20, 2020, 11:17 AM IST

रेवाड़ी: सुप्रीम कोर्ट के महिलाओं को सेना में स्थाई कमीशन देने के फैसले पर एनसीसी की छात्राओं ने खुशी जाहिर की. एनसीसी कैडिट छात्राओं ने एक दूसरे को लड्डू खिलाकर खुशी का इजहार किया. एनसीसी छात्राओं ने कहा कि पहले सेना में महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित रखा जाता था, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब महिलाओं को पूरा हक मिलेगा.

बता दें कि पहले आर्मी में महिलाओं की नौकरी शुरुआत में 5 साल के लिए होती थी. जिसके बाद उन्हें रिटायरमेंट लेनी होती थी. बाद में इसके बढ़ाकर 10 और उसके बाद 16 साल कर दिया गया. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महिलाएं भी आर्मी में 20 साल तक सेवाएं दे सकेंगी. सेना में पेशन पाने के लिए 20 साल तक नौकरी पूरी करने का भी नियम है.

एनसीसी छात्राओं ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत

क्या होंगे बदलाव ?

सेना में स्थायी कमीशन को हरी झंडी मिल जाने का मतलब ये हो जाएगा कि जब किसी महिला की सेना में नियुक्ति होगी तो 20 साल तक सेवा दे सकेंगी. किसी कारण से वो पहले नौकरी से इस्तीफा देना चाहेंगी तो दे सकती हैं. शार्ट सर्विस कमीशन के तहत सेना में नौकरी कर रही महिला अधिकारियों को अब स्थायी कमीशन चुनने का विकल्प दिया जाएगा. स्थायी कमीशन के बाद महिला अधिकारी पेंशन पाने की भी हकदार हो जाएंगी. अभी तक सेना से रिटायर्ड महिलाओं को

ये भी पढ़ें- आप घर बैठे जांच सकेंगे दूध की शुद्धता, करनाल के वैज्ञानिकों ने बनाई स्पेशल स्ट्रिप बेस्ड किट

शॉर्ट सर्विस कमीशन से नुकसान

महिला अधिकारियों को सेना में शार्ट सर्विस कमीशन के द्वारा 14 साल की नौकरी करने के बाद सबसे बड़ी मुश्किल दोबारा से रोजगार मिलने की होती थी. इनको पेंशन भी नहीं मिलती थी जिससे इनके सामने रिटायरमेंट के बाद रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता थी. अब स्थायी कमीशन लागू हो जाने के बाद उन्हें सुविधाएं और पेंशन दोनों मिल सकेंगी.

रेवाड़ी: सुप्रीम कोर्ट के महिलाओं को सेना में स्थाई कमीशन देने के फैसले पर एनसीसी की छात्राओं ने खुशी जाहिर की. एनसीसी कैडिट छात्राओं ने एक दूसरे को लड्डू खिलाकर खुशी का इजहार किया. एनसीसी छात्राओं ने कहा कि पहले सेना में महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित रखा जाता था, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब महिलाओं को पूरा हक मिलेगा.

बता दें कि पहले आर्मी में महिलाओं की नौकरी शुरुआत में 5 साल के लिए होती थी. जिसके बाद उन्हें रिटायरमेंट लेनी होती थी. बाद में इसके बढ़ाकर 10 और उसके बाद 16 साल कर दिया गया. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महिलाएं भी आर्मी में 20 साल तक सेवाएं दे सकेंगी. सेना में पेशन पाने के लिए 20 साल तक नौकरी पूरी करने का भी नियम है.

एनसीसी छात्राओं ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत

क्या होंगे बदलाव ?

सेना में स्थायी कमीशन को हरी झंडी मिल जाने का मतलब ये हो जाएगा कि जब किसी महिला की सेना में नियुक्ति होगी तो 20 साल तक सेवा दे सकेंगी. किसी कारण से वो पहले नौकरी से इस्तीफा देना चाहेंगी तो दे सकती हैं. शार्ट सर्विस कमीशन के तहत सेना में नौकरी कर रही महिला अधिकारियों को अब स्थायी कमीशन चुनने का विकल्प दिया जाएगा. स्थायी कमीशन के बाद महिला अधिकारी पेंशन पाने की भी हकदार हो जाएंगी. अभी तक सेना से रिटायर्ड महिलाओं को

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शॉर्ट सर्विस कमीशन से नुकसान

महिला अधिकारियों को सेना में शार्ट सर्विस कमीशन के द्वारा 14 साल की नौकरी करने के बाद सबसे बड़ी मुश्किल दोबारा से रोजगार मिलने की होती थी. इनको पेंशन भी नहीं मिलती थी जिससे इनके सामने रिटायरमेंट के बाद रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता थी. अब स्थायी कमीशन लागू हो जाने के बाद उन्हें सुविधाएं और पेंशन दोनों मिल सकेंगी.

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