रेवाड़ी: कई राज्यों के किसान दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर डेरा डालकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. ये किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली कूच करना चाहते हैं. किसानों का एक जत्था दो बार पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली कूच की कोशिश कर चुका है, लेकिन तैनात पुलिस प्रशासन ने उनके दिल्ली कूच को विफल कर दिया.
अब नए हालातों को देखते हुए पुलिस ने नए सिरे से सुरक्षा बंदोबस्त करने शुरू कर दिए हैं. आने वाले दो दिन पुलिस के लिए कड़ी परीक्षा के होंगे. ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए आंदोलन कर रहे किसान पिछले एक सप्ताह से गांवों में जनसंपर्क कर रहे हैं. जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर 100 ट्रैक्टर किसानों के साथ खड़े हैं. वहीं हर दिन किसान और ट्रैक्टरों की संख्या बढ़ रही है.
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शनिवार को एटक की राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर अपने समर्थकों के साथ धरने पर पहुंची और कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर कड़े हमला बोला. किसान नेताओंने कहा कि कहा कि सरकार का डेढ़ साल के लिए कृषि कानूनों को लागू ना करने का आश्वाशन पूरी तरह से छलावा है. सरकार किसी भी सूरत में इस किसान आंदोलन को तोड़ना चाहती है. सरकार अपनी हठधर्मिता को नहीं छोड़ना चाहती है और किसान भी अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए डटे हुए हैं.
पिछले 42 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के मनोरंजन का भी पूरा इंतजाम किया गया है. शनिवार को केरल और दिल्ली से आए किसानों और विद्यार्थियों ने किसान संघर्ष को रेखांकित करते हुए एक नाटिका प्रस्तुत की. दाना दाना इंकलाब, इप्टा और जनसंस्कृति समूह द्वारा गीतों और नाटकों के द्वारा आंदोलन को समर्थन दिया गया.
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