रेवाड़ी: महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से बी पॉजिटिव एनजीओ द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र बावल में चार दिवसीय ग्रामीण आंचल की महिलाओं के लिए मधुमक्खी पालन का चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था.
22 फरवरी से 25 फरवरी तक चलने वाले इस मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण शिविर में 100 से ज्यादा महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया. इस प्रशिक्षण को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण आंचल की महिलाओं को मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग देकर उनको आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना था. प्रशिक्षण शिविर में रेवाड़ी जिले के 8 गांव की लगभग 100 महिला किसान ने प्रशिक्षण प्राप्त किया.
प्रशिक्षण लेने वाली सभी महिलाओं को केवी के द्वारा मधुमक्खी पालन तकनीकी ज्ञान व प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देकर मधुमक्खी पालन के लिए पारंगत बनाया गया. सभी प्रशिक्षण लेने वाली महिला किसानों को 55 मधुमक्खी के छत्ते व मधुमक्खी पालन किट केवी के द्वारा निशुल्क दी गई.
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिला किसानों ने बताया कि उन्हें जो प्रशिक्षण दिया गया है वो उनके घर की आमदनी चलाने के लिए अच्छा साधन बनेगा और वो परिवार को चलाने में अपने पति की मदद कर घर को ठीक से चला पाएंगे. ताकि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए धन की कमी ना हो और वो स्वावलंबी बनेंगी.
उमेश सहगल बी पॉजिटिव संस्था के संचालक ने बताया कि महिलाओं को इस कार्यक्रम का हिस्सा बनाने के पीछे मकसद ये है कि उन्हें स्वावलंबी बनाया जाए और उनकी आमदनी को दोगुना कर घर खर्च चलाने में अपने पति का सहयोग कर सकें. इस प्रशिक्षण शिविर में 100 महिलाओं का चयन किया गया था लेकिन इससे भी ज्यादा महिलाओं ने इस मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लिया और मधुमक्खी पालन के नुक्से प्राप्त किए.
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